आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों के पात्रता मानक पर सुझाव देने के लिए गठित समिति दिसंबर तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है। आईआईटी परिषद ने आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा के मानकों में बदलाव और 12वीं कक्षा में पढ़ाई को और अधिक तवज्जो देने का सुझाव दिया है ताकि बच्चे स्कूल की पढ़ाई पर अधिक ध्यान दें और कोचिंग संस्थानों में जाने के चलन को रोका जा सके। अभी आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए पात्रता मानक के तहत 12वीं कक्षा में 60 प्रतिशत अंक जरूरी हैं।समिति के समक्ष पात्रता मानक में बदलाव का मुद्दा भी है। आईआईटी परिषद की ओर से गठित समिति इन विषयों को ध्यान में रखते हुए सझाव पेश करेगी। सूत्रों के अनुसार इसका एकमात्र उद्देश्य आईआईटी की तैयारी के लिए बच्चों के कोचिंग क्लास जाने के चलन पर अंकुश लगाना है। प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए बच्चों का कोचिंग सेंटरों पर निर्भर होना चिंता का विषय है।
नितिन शर्मा (news with us)
कपिल सिब्बल का तो दिमाग हिल गया है
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