यूरोपीय परमाणु प्रतिष्ठानों पर अलकायदा हमले की आशंकाओं के बीच फ्रांस के सीक्रेट एजेंटों ने संदिग्ध रूप से अलकायदा से जुडे परमाणु वैज्ञानिक और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया। यह वैज्ञानिक बिग बैंग विस्फोट की परिस्थितियों के अध्ययन के लिए जिनेवा स्थित यूरोपीय ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सीईआरएन) में बनाए गए हैड्रोन कोलाइडर से जुडा था।
ब्रिटिश समाचार पत्र 'द टाइम्स' के अनुसार इस 32 वर्षीय वैज्ञानिक और उसके भाई को पूर्वी फ्रांस में विनी स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया। उस पर उत्तरी अफ्रीकी विद्रोही संगठनों को यूरोप के आतंककारी लक्ष्यों की सूची मुहैया कराने का आरोप है।
संदेश के आधार पर गिरफ्तारीसीक्रेट एजेंटों ने बताया कि उनके दल ने एक संदेश पकडा था जिसमें फ्रांस में आतंककारी हमले की दृष्टि से महत्वपूर्ण लक्ष्यों की सूची दी गई थी। उनका मानना है कि भौतिक विज्ञानी आतंककारी गुट अल महगरेब से जुडा हुआ था। अल महगरेब वर्ष 2007 में अलकायदा से जुड गया था।
18 महीने से नजर खुफिया सूत्रों ने बताया कि भौतिक विज्ञानी ने आतंककारी हमले की इच्छा जताई थी, लेकिन अल महगरेब ने उसे हमला करने के लिए साजो सामान नहीं दिए। वैज्ञानिक पर पिछले 18 महीने से नजर रखी जा रही थी। वैज्ञानिक के भाई को भी अलकायदा से सम्पर्क रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के दौरान उनके घर से दो कम्प्यूटर और तीन हार्ड डिस्क बरामद हुई।
आतंकवाद पर वैश्विक कानूनी शिकंजा होसंयुक्त राष्ट्र। आतंकवाद को बेहद खतरनाक बताते हुए भारत ने आतंकवाद से लडने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचे को तत्काल मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौता करने पर जोर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप पुरी ने यूएन के अपराध निवारण एवं अपराधिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ नियन्त्रण की तीसरी समिति के 64वें सत्र में बोलते हुए कहा कि काबुल में भारतीय दूतावास पर तालिबानी हमले के बाद यह आवश्यक है कि इस तरह के हमलों के षडयन्त्रकारियोंके खिलाफ प्रस्ताव अब मजबूत और दृढ तरीके से पास हो।
पुरी ने कहा कि सीसीआईटी संयुक्त राष्ट्र के समक्ष वर्षो से विचार के लिए है और वास्तव में सीसीआईटी पर कार्य समूह की बैठक अब है। उन्होंने कहा कि भारत दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है और सभी देशों के लिए आतंकवाद गम्भीर खतरा है। भारत के राजनयिक अभियानों को भी निशाना बना गया है। जुलाई 2008 में काबुल में भारतीय दूतावास पर कायरतापूर्ण हमला हुआ था जिसमें भारतीय राजनयिकों, सुरक्षाबलों और अफगानी नागरिकों समेत अनेक लोगों की जानें गईं थीं। पुरी ने कहा कि भारत ने काले धन को सफेद बनाने, आतंकवाद से लडने और संगठित अपराध रोकने के वास्ते संयुक्त कार्यक्रम बनाने के लिए अनेक देशों से द्विपक्षीय संधि की है।
नितिन शर्मा (news with us)
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