कोलकाता। भुवनेश्वर-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले में बंधक बना लिया गया है। खबर है कि उसके ड्राइवर और सहायक ड्राइवर को अगवा कर लिया गया है। पश्चिमी मिदनापुर के झारग्राम और बांसतला के बीच ट्रेन को रोका गया है।
पहले आशंका जताई गई थी कि अपहरण माओवादियों ने किया है। लेकिन, बाद में लालगढ में पुलिस अत्याचार के खिलाफ आंदोलन चलाने वाली एक समिति 'पीसीपीए' ने दावा किया कि ड्राइवर और सहायक ड्राइवर को उसने अगवा किया है। पीसीपीए उनके नेता छत्रधर महतो को छोडने की मांग कर रहा है। महतो फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं। ट्रेन के रूकने से कई ट्रेनों की आवाजाही पर असर पडा है। जमशेदपुर में इस रूट की सभी ट्रेनों को रोक दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक माओवादियों के प्रभाव वाले मिदनापुर में राजधानी को लाल झंडे दिखाकर रोक लिया गया। इसके बाद उसके ड्राइवर और सहायक ड्राइवर को अगवा कर लिया गया। रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने घटनास्थल के आस-पास गहन खोजबीन शुरू कर दी। लेकिन, दोनों का सुराग नहीं लगा। इस बीच, माओवादियों और सीआरपीएफ के बीच फायरिंग भी हुई। इस क्षेत्र में माओवादियों ने बंद का आह्वान कर रखा है।
माओवादी नेता किशनजी ने कहा कि यह काम नक्सलियों का नहीं है बल्कि पीसीपीए का है। उल्लेखनीय है कि किशनजी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य को सबक सिखाने की चुनौती देते हुए कहा था कि जब तक वो माकपा और कांग्रेस के फासीवादी शासन का खात्मा नहीं कर देते वो चुप नहीं बैठेंगे।
1000 से ज्यादा हमलावर मौजूद
गार्ड और अन्य यात्रियों के मुताबिक एक हजार से भी ज्यादा हमलावरों ने ट्रेन को घेर रखा है। हमलावरों में महिलाएं भी शामिल हैं। गार्ड ने बताया कि हथियारों से लैस तकरीबन 450-500 हमलावर अचानक लाल झंडे लेकर ट्रेन के सामने खडे हो गए और ट्रेन को रूकवा दिया। ट्रेन पर पथराव किए जाने की भी सूचना है। तीन बजे से बांसतला स्टेशन पर रोकी गई ट्रेन में बिजली नहीं है जिससे एसी बंद हो गए हैं। यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड रहा है।
बातचीत को तैयार :
ममताइस घटना के बाद गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय चौकस हो गया है। रेलवे मंत्री ममता बनर्जी ने अपील की है कि वो नक्सलियों से बातचीत करने को तैयार हैं लेकिन इससे पहले यात्रियों को रिहा किया जाए।
पुलिस पर नक्सलियों का हमला
बांसतला से चार-पांच किलोमीटर दूर नक्सलियों द्वारा पुलिस पार्टी पर हमला किए जाने की भी खबर है। सूत्रों के अनुसार पुलिस जिस जगह पर ट्रेन रोकी गई है वहीं जा रहे थे लेकिन जंगल के रास्ते से गुजरते समय उन पर हमला कर दिया गया।
क्या है पीसीपीए
क्पीसीपीए मुख्यत: पुलिस दमन के खिलाफ बनाया गया संगठन है। पीपुल्स कमेटी अगेन्स्ट पुलिस एट्रोसिटीज (पीसीपीए) संगठन में आदिवासी, छोटे किसान, दलित वर्ग शामिल हैं। छत्रधर महतो पीसीपीए के संयोजक हैं।
नितिन शर्मा (news with us)
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