एक पत्रकार की जिन्दगी में कितने दुःख आते है,..........और सबसे ज्यादा तो करियर को स्टार्ट करने में उसे जो परेसनिया झेलनी पड़ती है ..वो जाने एक पत्रकार की ही जुबानी.......
में आज अपने ब्लॉग पर कई दिनों बाद लिख रहा हु..क्युकी जुलाई में मेरे साथ कुछ ऐसी आप बीती हो गई थी की मैं एक दम उदास या फिर ऐसा कह सकत्ते है की मुझे एक ठोकर लगी जिससे मुझे यह पता चला की जल्दबाजी में लिया गया फ़ैसला कैसा अंजाम दे सकता है 20 अप्रैल 2009को मैंने tv99 rajasthan चैनल ज्वाइन किया था जब मुझे पाली और सिरोही के लिए रिपोर्टर नियुक्त किया गया तो मुझे खुशी हुई की मुझे रीजनल चैनल में काम करने को मिल रहा है kयुकी मुझे इतनी कम उम्र में एक रीजनल चैनल के साथ काम करने को मिलेगा लेकिन मुझे पता नही था की यह मुझे आगे भी बहुत दुःख देगा क्युकी मेरे द्वारा जल्दबाजी में लिया गया यह फ़ैसला एक दम गलत था जो मैंने इस चैनल से उम्मीदे लगे थी वो धीरे धीरे टूटने लगी और एक समय ऐसा आया की मैंने अपने आप का हौसला खो दिया यही नही मेरा आत्मविश्वास भी पुरी तरेह से टूट चुका था क्युकी मेरे द्वारा की गई 5 महीने की मेहनत का कोई मेहताना नही मिला था खेर पैसा अपनी जगह है लेकिन सबसे बड़ी बात मैंने इस चैनल से जो सपने पाले थे या फिर यु कहिये की जो मैंने इस चैनल से उम्मीदे लगाई थी वो पुरी तरह से टूट चुके थे खेर जो भी होता है अच्छे के लिए होता है किसी ने सही कहा है इंसान ठोकर खाकर ही सीखता है.और मुझे इस ठोकर से सिख मिलीमैं यह भी नही कहूँगा की चैनल एक दम गलत था यदि ऐसा होता तो मुझे 6 महीने या फिर 7 महीने का अनुभव कहा से मिलता जो भी मैंने यहाँ से सिखा वो मेरी जिंदगी में एक अनुभव के रूप में जुडा ताकि मैं यह कह सकू की मैंने7 महीने रीजनल चैनल में काम किया है जो भी हुआ था वो मेरी किस्मत में लिखा था लेकिन यहाँ से मैंने एक बात jarur sikhi की इंसान को हमेशा अपनी मेहनत पे dhayaan देना चाहिए कोई भी सही या गलत नही होता है बस वो आपके upper है की आप उसे किस तरह से लेते है और मैंने इसे एक positive tarike से लिया जो मुझे लगता है आगे मेरी jidagi में बड़ा काम आएगा अब मैं फिर से अपनी नई पारी की shruvaat kr रहा हु
जयदीप पुरोहित के ब्लॉग life is game se साभार लिया गया .......और अधिक जानने के लिए इनके ब्लॉग पर visit करे ..........
नितिन शर्मा (news with us)
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