इस साल के सबसे भीषण रेल हादसे में बुधवार सुबह मथुरा और वृंदावन के बीच चेन पुलिंग के बाद रूकी मेवाड एक्सप्रेस को दिल्ली जा रही गोवा एक्सप्रेस ने पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में 22 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 23 लोग घायल हो गए। दुर्घटना में मेवाड एक्सप्रेस में सबसे पीछे लगी महिला और विकलांग बोगी पूरी तरह ध्वस्त हो गई। रेलवे के मुताबिक गोवा एक्सप्रेस के चालक की ओर से लाल सिग्नल की अवहेलना की वजह से यह हादसा हुआ। रेलमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रूपए, गम्भीर रूप से घायलों को एक-एक लाख तथा मामूली घायलों को 10-10 हजार की मदद देने का ऎलान किया।
खडी ट्रेन की बोगी में जा घुसा इंजन
गोवा एक्सप्रेस का इंजन मेवाड एक्सप्रेस के सबसे पीछे वाली बोगी में घुस गया। मथुरा के एसएसपी बी.डी. पॉलसन ने बताया कि मेवाड एक्सप्रेस में सबसे पीछे लगी द्वितीय श्रेणी जनरल और लगेज कोच से 18 लोगों को बोगी काटकर निकाला गया। यह बोगी महिलाओं और बच्चों से भरी हुई थी। मृतकों में मेवाड एक्सप्रेस का गार्ड और गोवा एक्सप्रेस की पैन्ट्री कार के दो कर्मचारी भी शामिल हैं। गम्भीर रूप से घायल पांच यात्रियों को इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया है। रेल मंत्री ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं। राहत और बचाव कार्य में सेना की भी मदद ली गई। इसके अलावा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल और रेल सुरक्षा बल के जवान भी लगे थे।
गलती कहां हुई
रेल मंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि घटनाओं के सिलसिले को जोडकर देखने पर लगता है कि गोवा एक्सप्रेस के चालक ने या तो सिग्नल की अवहेलना कर दी अथवा वह ट्रेन को निर्धारित गतिसीमा से अधिक रफ्तार से भगा रहा था। आगरा जोन के उप क्षेत्रीय रेलवे प्रबंधक आर.डी. त्रिपाठी ने भी बताया कि प्रथमदृष्टया यह गोवा एक्सप्रेस के चालक की ओर से सिग्नल की अवहेलना का मामला लगता है। या तो उसने लाल सिग्नल पर गाडी नहीं रोकी या सावधानी से ट्रेन नहीं चला रहा था। हादसे का एक कारण यह भी हो सकता है कि मेवाड एक्सप्रेस के चेन पुलिंग की सूचना मथुरा स्टेशन को नहीं मिली थी। जिस कारण गोवा एक्सप्रेस को हरी झण्डी दे दी गई।
हादसों का सिलसिला---
हर साल औसतन 300 छोटी-बडी रेल दुर्घटनाएं 14 फरवरी 2009 : कोरोमण्डल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे उतरे, 15 मरे, 50 घायल।अगस्त-08 : गौतमी एक्सप्रेस में आग, 32 मरेअप्रेल-05 : बडोदरा के साबरमती एक्सप्रेस-मालगाडी की टक्कर में 17 मरेजुलाई-03 : वारंगल में गोलकुंडा की बोगियां ओवरब्रिज से नीचे सडक पर गिरे, 21 मरे जून-03 : रत्नागिरी के पास ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरे, 51 की मौत सितम्बर 02 : हावडा-नई दिल्ली राजधानी एक्स. दुर्घटनाग्रस्त, 120 मरेजून-01 : मेंगलूरू-चेन्नई मेल केरल की कडलुंडी नदी में गिरी, 59 मरेदिसम्बर-2000 : कोलकाता-अमृतसर हावडा मेल मालगाडी से टकराई, 44 मरेअगस्त-99 : प. बंगाल में ब्रह्मपुत्र मेल-अवधअसम एक्सप्रेस भिडंत, 285 मरे, 312 घायल जुलाई-99 : मथुरा के पास जीटी एक्सप्रेस मालगाडी से टकराई, 17 मरे नवम्बर-98 : खन्ना में फ्रंटियर मेल-सियालदाह एक्सप्रेस की टक्कर, 108 की मौत
राज्य के ग्यारह मृतकों की शिनाख्त*
सपोटरा (करौली) के गांव नारौली निवासी सोनू (5) पुत्र तेजराम मीणा।* कोटा निवासी ट्रेन गार्ड एस.के.पुरी (54)* बारां जिले के सीसवाली क्षेत्र के सरकन्या गांव निवासी रामनिवास पोटर की पत्नी चन्द्रकांता व पुत्र हेमन्त उर्फ कालू।* उदयपुर की कैलाशी देवी उर्फ कृष्णा देवी (70) पत्नी श्रीचंद शर्मा* उदयपुर के सत्यनारायण की पत्नी रिंकू (35), पुत्री राधा (5) व पुत्र रवि (4)* भरतपुर के गिर्राज की पुत्री विजय लक्ष्मी (32), नवासा शिवम (7) और नवासी प्रिया (10)।
कैदी का भागना वजह!कोटा।
ट्रेन हादसा सम्भवत: इन्द्र विहार में पिछले वर्ष 81 लाख की लूट की वारदात के अभियुक्त मुन्ना उर्फ साजिद के भागने के कारण हुआ। पुलिस कर्मी वीरेन्द्र सिंह गौड, अशोक कुमार और बहादुर सिंह मुन्ना को कोटा जेल से लेकर मंगलवार रात मेवाड एक्सप्रेस से दिल्ली रवाना हुए थे। मुन्ना को बुधवार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया जाना था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लक्ष्मण गौड ने बताया कि सुबह साढे चार बजे अभियुक्त मुन्ना गाडी में शौच के लिए गया। उसकी हथकडी खुली थी। ज्यों ही गाडी मथुरा स्टेशन से रवाना हुई तभी वह शौचालय से बाहर निकला और एक पुलिस कर्मी को धक्का देकर फरार हो गया। इसके बाद पुलिस कर्मियों ने चेन खींच दी।
यह भी सुनाई कहानी
कोटा के पुलिस कर्मी वीरेन्द्र सिंह ने मथुरा से 'news with us ' को फोन पर बताया कि सुबह साढे चार से पांच बजे के करीब मथुरा के आगे गोवा एक्सप्रेस ने उनकी गाडी को टक्कर मार दी। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई और इसी दौरान मुन्ना हथकडी से हाथ निकालकर फरार हो गया। उसने चेन खींचे जाने की बात से इनकार किया।
मथुरा से पुलिस कर्मियों ने सुबह पहले यही बताया था कि अभियुक्त चलती गाडी से कूद कर भागा है। बाद में उन्होंने हादसे की वजह से अभियुक्त का भागना बताया। पहले बताए घटनाक्रम को ही प्रथमदृष्टया सही माना गया है और तीनों को निलम्बित कर दिया है। लक्ष्मण गौड, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कोटा।
नितिन शर्मा (news with us)
No comments:
Post a Comment