सीकर से एक छात्रा के दिन-दहाडे अगवा होने की खबर पाकर नाकेबंदी लगा कर बैठे पुलिस वालों को आज पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया के कोप का शिकार होना पडा। पुलिसवालों की गलती बस इतनी ही थी कि उन्होंने दिल्ली नंबर वाली एक गाडी को रोका। गाडी बजाय रूकने के नाकेबंदी को तोडते हुए ही निकल गई। किसी अनहोनी की आशंका में पुलिस ने उसका पीछा किया और गाडी को किसी तरह रूकवाया। उसमें से उतरे सीकर के पूर्व सांसद सुभाष महरिया। उन्होंने आव देखा न ताव, सबसे पहले सामने पडे सिपाही विक्रम सिंह को यह कहते हुए थप्पड जड दिया कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी गाडी रोकने की।
यह है मामला
सुभाष महरिया ने डूंडलोद फाटक पर पुलिस की नाकेबंदी तोड कर वहां तैनात एक सिपाही विक्रमसिंह की पिटाई कर दी। पुलिस ने यह नाकेबंदी सीकर से अगवा की गई एक छात्रा को खोजने के लिए की थी। नवलगढ थानाधिकारी निहालसिंह के अनुसार डीआई नंबर की गाडी को नाकेबंदी के दौरान रोकने की कोशिश की गई तो गाडी नाकेबंदी तोड आए निकल गई। पीछाकर गाडी को रोका तो उसमें से सीकर से सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया नीचे उतरे और रोकने वाले सिपाही विक्रमसिंह के यह कहते हुए थप्पड जड दिया कि तुम्हारी मुझे रोकने की हिम्मत कैसे हुई। थप्पड खाकर सिपाही तो गाल सहलाता रह गया, जबकि बाकी पुलिस टीम महरिया की मिजाज-पुर्सी में लग गई। फिलहाल इस बारे में कोई भी रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं कराई गई है।
नितिन शर्मा (news with us)
aise durdant bhediyon ko chaurahe par ulta latkana chahiye.
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