जयपुर के सांगानेर स्थित सीतापुरा इण्डियन ऑयल टर्मिनल में गुरूवार शाम लगी आग पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है। अब यह लगभग तय हो गया है कि आग तभी बुझेगी, जब डिपो का ईधन खत्म होगा। राहत एवं बचाव कार्य बेअसर साबित हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक डिपो में मौजूद पेट्रोल लगभग खत्म हो गया है। जबकि, डीजल और केरोसिन के टैंकर अब भभक रहे हैं। घटनास्थल से डेढ किमी दूर तक के इलाके को एहतियात के तौर पर खाली लिया गया है। जिला प्रशासन और बचाव दल मौके पर डटे हैं।
उल्लेखनीय है कि डिपो की भीषण आग से झुलसे 13 लोगों की जान चली गई है। हालांकि, आधिकारिक रूप से अभी तक पांच मौतों की बात कही जा रही है। जबकि, 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। आग से अरबों के नुकसान की आशंका है। विस्फोट इतना तेज था कि आस-पास के छह किलोमीटर के दायरे में भवनों के खिडकी-दरवाजे टूट गए। घटनास्थल से पांच किमी तक के क्षेत्र को सील कर दिया गया है।
दूर तक गूंजी आवाज
धमाके की आवाज 10 किलोमीटर दूर तक सुनी गई। बीस किलोमीटर दूरी तक धरती हिल गई। करीब पांच सौ मीटर ऊंची आग की लपटें 20 किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे रही थीं। जयपुर-कोटा मार्ग पर यातायात रोक दिए जाने के कारण हाइवे पर कई किलोमीटर लम्बी वाहनों की लाइन लग गई। हादसे के समय डिपो के अंदर और बाहर कितने लोग थे इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। धमाकों के बाद टर्मिनल के अंदर और मुख्य गेट के बाहर तबाही का मंजर था, घायल लोग मदद के लिए कराह रहे थे।
धमाकों से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। इण्डियन ऑयल कर्मचारियों के साथ शहर की दमकल के अलावा एयरपोर्ट अग्निशमन की गाडियां आग बुझाने के लिए आईं। पडोसी जिलों से भी दमकल की गाडियां बुलवा ली गई, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि कोई घटनास्थल के आस-पास तक भी नहीं पहुंच सकीं। सेना के तीन सौ से अधिक जवान भी मौके पर पहुंचे।
हालात के विश्लेषण से स्पष्ट हुआ कि यह आग तेल खत्म होने के बाद स्वत: ही बुझ जाएगी। आग के कारण रेलवे ने 20 ट्रेनों के मार्ग बदल दिए गए हैं। जबकि, दो को रद्द कर दिया गया है। वहीं, पैलेस ऑन व्हील्स दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर रोक ली गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवडा को फोन पर इस विस्फोट से अवगत कराया।
कंट्रोल रूम गठित
सीतापुरा ऑयल डिपो अग्निकांड में घायलों व लापता लोगों के बारे में जानकारी के लिए निम्न नम्बरों पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है। पुलिस कंट्रोल रूम 0141-2574456, प्रतापनगर थाना 2175636, सांगानेर सदर थाना 2771662।
हालात जस के तस
आईओसी चैयरमेन राम प्रकाश चौधरी बताया कि फिलहाल हालात जस के तस बने हुए हैं। ऑयल समाप्त होने का इंतजार करने के सिवा कोई चारा नहीं। डिपो के लापता छह कर्मचारियों के बारे में उनका कहना था कि इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। लापता कर्मचारियों के परिजनों के फोन भी आ रहे हैं। धुंए के गुबार के कारण बढ रही स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए उन्होंने लोगों को दूर जगहों की ओर जाने की सलाह दी है। आग पर कब तक काबू पा लिया जाएगा इस सवाल पर वे इतना ही कह पाए 'सब भगवान भरोसे है।
वैकल्पिक व्यवस्था
उधर दिल्ली में शुक्रवार दोपहर को हुई आईओसी की प्रेस वार्ता में बताया गया कि ऑयल टर्मिनल में लगी आग कल तक भी बनी रहने की संभावना है। आग से करीब एक सौ पचास करोड रूपए से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। ऑयल डिपो में आग के कारण बाधित हुई ईधन सप्लाई को सामान्य करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अजमेर व भरतपुर से र्ईधन सप्लाई किया जाएगा।
लीकेज से आग
'लीकेज के कारण आग लगी। लीकेज की सूचना पर हम सीतापुरा पहुंचे, उसी समय हादसा हुआ। उस समय शिफ्ट के लोग मौजूद थे। डिपो शाम 5.30 बजे बंद हो जाता है, इसलिए अंदर खाली टेंकर ही थे। अंदर कितने लोग थे इसके बारे में बताया नहीं जा सकता। एयर के जरिए आग बुझाने के बारे में हमने तो कभी सुना नहीं।
-गौतम बोस, पेट्रोलियम कम्पनियों के राज्य समन्वयक
घायलों की कुशलक्षेम पूछी
राज्यपाल एस.के. सिंह, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे आदि नेताओं ने अस्पतालों में घायलों का हाल पूछा।
भूकम्प सा एहसास
घटना के समय शहर में भूकम्प के झटके महसूस किए गए। मौसम विभाग के अनुसार इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.3 मापी गई।
अरबों का नुकसान
आग से अरबों रूपए के नुकसान की आशंका है। बचाव के लिए मुम्बई, दिल्ली व मथुरा से टीमें रवाना की जा चुकी हैं।
आर्थिक सहायता
राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रूपए। गम्भीर घायलों को 1-1 लाख तथा समान्य घायलों को 50-50 हजार की सहायता की घोषणा की गई है।
मृतकों की संख्या पर असमंजस
मृतकों की संख्या को लेकर असमंजस की स्थिति रही। मुख्य सचिव श्रीमती कुशलसिंह ने जहां तीन जनों की मौत की पुष्टि की वहीं प्रमुख गृह सचिव प्रदीप सेन के मुताबिक दो जनों की मृत्यु हुई। टेलीविजन चैनलों ने मृतकों की संख्या 13 तक बताई जबकि इण्डियन ऑयल के अधिकारी यह बताने की स्थिति में ही नहीं थे कि हादसे के समय डिपो में कितने लोग थे और कितने लोगों की मौत हुई।
देर रात तक news with us से लोग फोन कर मृतकों व अपने परिजनों के बारे में पूछताछ करते रहे। सूत्रों के अनुसार मौके पर सेना को बताया गया कि हादसे के समय डिपो में 20-25 कर्मचारी ड्यूटी पर थे। जबकि 100 अन्य हादसे के दौरान या पहले अन्दर गए थे। यह नहीं कहा जा सकता कि वे बाहर निकल पाएं या नहीं।
nitin शर्मा (news with us)
No comments:
Post a Comment