Thursday, December 23, 2010

तोहफे में मिला 1.5 लाख का नोट रद्दी निकला

उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद में बिलारी की एक महिला को एक परिचित द्वारा दिया गया बेशकीमती नोट रद्दी निकला। रीता नाम की इस महिला को किसी परिचित ने पेरू में 1988 में लागू किया गया 10 हजार इंटिस का एक नोट दिया। महिला नोट पर दस हजार लिखा देख खासी उत्साहित हो गई।

उसे बताया गया नोट का बाजार भाव करीब 1.5 रूपए है। अनपढ़ महिला ने यह नोट अपन कई परिचितों को दिखाया जो नोट पर 10000 अंक लिखा देख उसे बेशकीमती समझ बैठे। महिला को भी यह विश्वास हो गया कि यह नोट कोई लाख डेढ़ लाख का तो होगा ही। कई दिन नोट को अपने पास रखने के बाद उसने फिर से उसे किसी जानकार को दिखाया।

पता चला नोट पेरू का है और उस पर जो मुद्रा लिखी हुई है वो इंटिस है। इंटिस मुद्रा अब पेरू में प्रचलन में नहीं है। इन नोटों को भी प्रचलन से बाहर कर दिया गया है और पेरू के कानून के मुताबिक इन नोटों को देश के या अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बदला भी नहीं जा सकता।

महिला को जब यह पता चला कि जिस नोट को वो 1.5 लाख का समझकर संभाले हुए है वो रद्दी है तो बेचारी का दिल बैठ गया।

क्या है इंटिसइंटिस मुद्रा का सूत्रपात भारी मुद्रास्फीति के बाद 1 फरवरी 1985 को सोल मुद्रा के स्थान पर किया गया था। उस समय एक इंटी एक हजार सोल के बराबर था। 1988 में भारी मुद्रास्फीति के चलते ही 10 हजार इंटिस का नोट बाजार में आया जिसपर पेरू के लेखक सीजर वैलेजो की तस्वीर बनी हुई थी।

लेकिन जल्द ही इंटिस भी अपनी वेल्यू खो बैठा। बाजार में 50 लाख इंटिस तक के नोट पेश किए गए लेकिन अब सभी रद्दी है। 1 जुलाई 1991 को दोबारा पेरू में सोल मुद्रा प्रचलन में आई। फिलहाल पेरू के एक सोल की भारतीय मुद्रा में कीमत करीब 16 रुपए है।

अनूठा सेक्स टेप

हॉलीवुड अभिनेत्री इवा मेंडिस द्वारा अगस्त 2010 में रिलीज किया गया सेक्स टेप शायद अपने आप में सबसे अनूठा और निराला है। इवा शायद ऐसी पहली अभिनेत्री होंगी जिन्होंने इतनी शान से अपना सेक्स टेप रिलीज किया है।
लेकिन अगर आप कुछ गंदा सोच रहे हैं तो इवा का यह सेक्स टेप देखकर आपको निराशा ही हाथ लगेगी। 36 वर्षीय इवा ने अपने सेक्स टेप की अफवाहों से तंग आकर ऐसा जवाब दिया है कि लोगों को उनका यह सेक्स टेप हमेशा याद रहेगा।
हालांकि इस वीडियो में अश्लील कुछ भी नहीं है लेकिन फिर भी बेहद खूबसूरत इवा का यह वीडियो दिलचस्प है। और कुछ न सही कम से कम आप इस वीडियो को देखकर दिल खोलकर हंस तो जरूर सकते हैं। वैसे इसमें वो सभी गंदे शब्द भी है जिन्हें इंटरनेट पर बड़ी दिलचस्पी के साथ सर्च किया जाता है।
और क्या कहा जाए इवा ने खुद इस सेक्स टेप के बारे में बताते हुए डर्टी, फ्लेक्सिबल, नॉटी, पोल जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। आप फिर से गंदा न सोचे क्योंकि दरअसल इवा ने अपने सेक्स टेप की अफवाहों से तंग आकर एक टेप ही लांच कर दिया है। इवा इस वीडियो में कहती है कि आप उनके सेक्स टेप (सेक्यूर एक्सट्रीमली वेल सेक्स टेप) को कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इवा का यह सेक्स टेप अगस्त में फनीओरडाई वेबसाइट पर लांच किया गया था। साल 2010 में इसे गूगल पर काफी सर्च किया गया। गूगल पर सर्च करने पर इवा मेंडिस सेक्स टेप के लिए सात लाख से ज्यादा नतीजे निकलते हैं।

भोपाल में गुलाब कोठारी ने किसान आंदोलन खत्म कराया

भोपाल से सूचना है कि पत्रिका और पत्रिका समूह के प्रधान सम्पादक गुलाब कोठारी ने किसान आंदोलन खत्म करवाने में बड़ी और सकारात्मक भूमिका निभाई। भोपाल में अपनी 183 मांगों को लेकर किसानों ने राजधानी को बंधक बना लिया था. सरकार का तंत्र अस्त व्यस्त हो गया था. उन हालात में सामाजिक सरोकार के तहत पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने मामले को सुखद अंजाम तक पहुंचाया. पत्रिका और कोठारी के इन्हीं प्रयासों के लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन समेत मध्य प्रदेश भर से गैर सरकारी संगठन, सामाजिक, व्यापारिक संगठनों और गणमान्य नागरिकों ने कोठारी की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी है.

Monday, December 13, 2010

महिला खिलाड़ियों से छेड़छाड़, विरोध करने पर बेरहमी से पीटा

रेवाड़ी. महिला खिलाड़ी से छेड़खानी का विरोध किया तो रेलवे स्टेशन पर मौजूद आटो चालकों ने रॉड और लाठी डंडो से महेंद्रगढ़ टीम के कोच समेत खिलाड़ियों की जमकर पिटाई की। घटना में 10 खिलाड़ी घायल हो गए। चालकों की यह गुंडागर्दी स्टेशन पर 20 मिनट तक चलती रही और रेलवे पुलिस मूकदर्शक बन नजारा देखती रही। स्थानीय राव तुलाराम स्टेडियम में शनिवार को शुरू हुई राज्यस्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता का रविवार शाम को समापन के बाद महेंद्रगढ़ के खिलाड़ी रेलवे स्टेशन पहुंचे। स्टेशन परिसर में पहुंचते ही एक आटो चालक ने टीम की महिला खिलाड़ी मोनिका और बनीता से बदतमीजी की तथा उनके पैरों पर आटो का टायर चढ़ते-चढ़ते बच गया। साथ ही चल रहे कोच राजकुमार ने आटो चालक को ठीक तरीके से आटो चलाने की बात कही तो वह उन्हें गाली देने लगा। मामूली कहासुनी के बाद खिलाड़ी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 11 पर पहुंचे ही थे कि 20 से 25 आटो चालक हाथों में रॉड और डंडे लेकर आए तथा बिना कुछ कहे सुने ही खिलाड़ियों पर बरस पड़े। कोच राजकुमार खिलाड़ियों को बचाने के लिए आए तो आटो चालकों ने उनपर हमला बोल दिया। प्लेटफार्म पर खिलाड़ियों को भगा भगाकर पीटा। हमले में तीन लड़कियों सहित कोच राजकुमार और छह लड़के घायल हो गए।कोच राजकुमार के नाक में फ्रेक्चर होने के साथ ही शरीर पर कई जगह चोटे आई। इसके अलावा खिलाड़ी मोनिका, बनीता, नवीना को भी चोटें आई। सभी एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन है। वहीं आकाश, लोकेश, विकास, अरविंद, दीक्षांत, अभिमन्यु को सिर व अन्य हिस्सो में चोटे आईं और वे ट्रामा सेंटर में भर्ती हैं। घायल लोकेश ने बताया कि उन्होंने स्टेशन पर खड़े रेलवे पुलिस के दो जवानों से मदद मांगी तो उन्होंने कहा कि तुम भी पत्थर उठा लो और उनकी पिटाई कर दो।बयान दर्ज कर रहे हैं: डीएसपीडीएसपी वीरेंद्र सिंह विज ने बताया कि खिलाड़ियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इसके बाद ही मामला दर्ज किया जाएगा। दोषी आटो चालक बख्शे नहीं जाएंगे।

पत्‍नी की हत्‍या कर टुकड़े-टुकड़े

देहरादून. पत्‍नी की हत्‍या कर टुकड़े-टुकड़े करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपने बच्‍चों का मुंह देखकर पुलिस के सामने सरेंडर नहीं किया। दो महीने पहले की इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तार राजेश गुलाटी (37) ने आज एक निजी टीवी चैनल के सामने अपना गुनाह कबूल करते हुए कहा कि पत्‍नी की हत्‍या के बाद उसे अपने बच्‍चों की फिक्र सताने लगी कि यदि वह पुलिस को सब सच बता देता तो वह जेल में बंद हो जाएगा ऐसे में उसके बच्‍चों की देखभाल कौन करेगा।पुलिस ने आरोपी इंजीनियर को रविवार को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने कबूल किया कि उसने अपनी पत्‍नी अनुपमा (तस्‍वीर में) की गत 17 अक्‍टूबर को हत्‍या कर दी थी। पुलिस के सामने दिए गए बयान में उसने कहा कि मामूली कहासुनी के बाद पत्‍नी से झगड़ा हुआ लेकिन हवालात में बंद होने के बाद मीडियाकर्मियों के सामने कबूल किया कि प्रेम प्रसंगों के चलते उसने अपनी पत्‍नी की हत्‍या कर दी। साल के इस सबसे खौफनाक और देहरादून में इस तरह के पहले हत्‍याकांड की असली वजह क्‍या रही, पुलिस अब तक इस बारे में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।राजेश ने आज मीडिया के सामने कहा कि पैसे को लेकर कहासुनी के बाद उसने अपनी पत्‍नी की हत्‍या कर दी। उसका कहना है कि जेल में बंद होने के डर से उसने लाश को ठिकाने लगाने की साजिश की। लाश के 72 टुकड़े करने की बात का खंडन करते हुए उसने कहा कि लाश के दो तीन टुकडे़ कर फ्रीजर में रख दिया। आरोपी ने माना कि यह घटना आवेश पर काबू नहीं कर पाने का परिणाम थी और उसे इसके लिए अफसोस है। उसका कहना है कि जेल में बंद होने के बाद सबसे बड़ी चिंता बच्‍चों की देखभाल को लेकर है।यह दंपती डेढ़ साल पहले ही अमेरिका से आकर यहां बसा था। दिल्ली के रहने वाले राजेश को यहां प्रकाश विहार से उसके निवास से गिरफ्तार किया गया। एसएसपी जीएस मारतोलिया ने बताया कि राजेश ने अनुपमा से झगड़े के बाद उसका सिर दीवार से टकरा दिया। उसके बेहोश होने के बाद राजेश ने उसके शरीर के टुकड़े कर उन्हें डीप फ्रीजर में रख दिया। पुलिस ने कहा कि राजेश अपनी पत्‍नी को घर के खर्च के तौर पर हर महीने 20 हजार रुपये देता था लेकिन इसे बढ़ाने की अनुपमा की मांग पर पति-पत्नी के बीच कहासुनी हुई।घर में पांच साल के जुड़वा बच्‍चों को भी इस बात की भनक नहीं लगी कि जिस मां का प्‍यार उन्‍हें दो महीने से नहीं मिल रहा उसकी लाश घर में फ्रीजर में रखा है। हैवानियत की हदराजेश डीप फ्रिजर में रखे पत्‍नी के शव के कुछ टुकड़ों को निकालता और मसूरी की पहाडि़यों पर ले जाकर फेंक आता। राजेश ने 10 फरवरी, 1999 को दिल्ली में ही नेताजी नगर निवासी डॉ. बीआर प्रधान की बेटी अनुपमा से प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद उनमें किसी बात को लेकर मनमुटाव शुरू हो गया। वर्ष 2000 में अनुपमा को लेकर राजेश अमेरिका चला गया। वहां जून 2006 में उसके दो जुड़वा बच्चे सिद्धार्थ और सोनाक्षी हुए। 2008 में राजेश पत्नी अनुपमा और बच्चों को लेकर देहरादून आ गया और प्रकाश नगर में किराए के फ्लैट में रहने लगा।पिछले करीब दो माह से जब अनुपमा के परिजन फोन कर उसके बारे में पूछते, तो राजेश बात कराने से मना कर देता। इस पर रविवार शाम अनुपमा का भाई सिद्धांत राजेश के फ्लैट पर पहुंचा, लेकिन वहां ताला पड़ा था। पड़ोसियों से पूछने पर पता चला कि अनुपमा दो माह से दिखाई नहीं दी। सिद्धांत ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर फ्लैट की तलाशी ली तो एक बडे़ फ्रीजर में लाश के टुकड़े मिले। लाश अनुपमा की थी। काले रंगे की अलग-अलग पॉलीथीन में इन टुकड़ों को रखा गया था।हत्‍या के बाद खरीदा फ्रीजरपुलिस ने जिस वक्‍त आरोपी इंजीनियर को राजपुर रोड से गिरफ्तार किया उस वक्‍त वह बच्चों के साथ कार से घूम रहा था। राजेश ने पुलिस को बताया कि 17 अक्टूबर की रात उसका अनुपमा से झगड़ा हुआ। इस दौरान सिर बेड पर टकराने से अनुपमा बेहोश हो गई। इसके बाद राजेश ने अनुपमा के नाक-मुंह पर तकिया रख उसकी हत्या कर दी।अगले दिन राजेश ने बाजार से 20 हजार में बड़ा फ्रीजर खरीदा। पत्थर काटने वाले औजार व आरी से लाश के टुकड़े करने के बाद राजेश ने उसे फ्रीजर में छिपा दिया। बच्चे जब मां के बारे में पूछते तो राजेश कह देता कि वह हमें छोड़कर नाना के घर चली गई हैं। एसएसपी के आदेश पर फ्लैट को सील कर दिया गया है। टुकड़ों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। फेंके गए टुकड़ों की तलाश में पुलिस टीम मसूरी रवाना हो गई है।

पगड़ी पहनने के चलते अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों ने बुरा बर्ताव किया

वॉशिंगटन. अमेरिका में भारतीय राजनयिकों के साथ बदसुलूकी की खबरें थम नहीं रही हैं। ४ दिसंबर को मिसीसिपी के जैक्सन-एवर्स एयरपोर्ट पर अमेरिका में साड़ी पहनने की वजह से भारत की राजदूत मीरा शंकर के साथ हुई बदसुलूकी के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत हरदीप सिंह पुरी के साथ पगड़ी पहनने के चलते अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों ने बुरा बर्ताव किया है। हरदीप सिंह पुरी के राजनयिक होने के बावजूद टेक्सास एयरपोर्ट पर सुरक्षा कर्मियों ने उनकी पगड़ी की तलाशी ली। पुरी ने इसका विरोध किया, लेकिन अमेरिकी अधिकारी तलाशी पर अडे़ रहे। इतना ही नहीं पुरी को संदिग्ध लोगों के लिए बने कमरे में आधेघंटे तक बैठाया गया। इस घटना पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने शिकायत दर्ज कराई है। मीरा शंकर की तलाशी के मामले पर उठे बवाल के बाद भारत ने अमेरिका से कहा था कि अगर ऐसी घटनाएं नहीं रुकीं तो वह भी अपने नियमों में बदलाव को मजबूर होगा। पिछले हफ़्ते शनिवार को अमेरिकी दूतावास में डिप्टी चीफ ऑफ मिशन डोनाल्ड लू को विदेश मंत्रालय बुलाया गया था। मंत्रालय में अमेरिकी मामलों के संयुक्त सचिव जावेद अशरफ ने लू से कहा था कि मीरा की तलाशी का मामला बेहद चिंताजनक है। भारतीय राजदूत पर सुरक्षा जांच के वे मापदंड लागू नहीं होते, जो अन्य यात्रियों पर होते हैं। फिर भी परिवहन सुरक्षा अधिकारियों को उन्होंने (मीरा ने) विदेश विभाग के दिशा निर्देशों के मद्देनजर खुद से संबंधित सभी दस्तावेज दिखाए। इसके बावजूद उनकी अतिरिक्त जांच की गई। सिर्फ इसलिए कि उन्होंने साड़ी पहन रखी थी। अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत रोनेन सेन ने इस घटना पर कहा कि वह भी इस प्रक्रिया से कई बार गुजर चुके हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में हाथों से तलाशी सामान्य बात है और उसको नस्ली व्यवहार से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने भारत में भी इस तर्ज पर तलाशी की वकालत की। १९७४ बैच के आईएफएस हैं हरदीप१९५२ में जन्मे हरदीप सिंह पुरी ने १९७४ में भारतीय विदेश सेवा ज्वाइन किया। उनकी पत्नी लक्ष्मी पुरी भी भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी हैं। हरदीप पुरी जापान, जेनेवा, श्रीलंका, ब्रिटेन और ब्राजील में भारतीय दूतावासों और हाई कमिशन में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनकी दो बेटियां हैं।

Saturday, December 11, 2010

प्रभु चावला का इस्तीफा

प्रभु चावला ने इस्तीफा दे दिया है. या यूं कहें कि उन्हें जाने का इशारा कर दिया गया था, सो आज फाइनली चले गए. नीरा राडिया टेप कांड की आंच में झुलसे प्रभु चावला को टीवी टुडे ग्रुप ने बाइज्जत जाने का मौका दिया. संभवतः ऐसा ग्रुप के प्रति उनकी मेहनत, निष्ठा और समर्पण को देखते हुए किया गया. पहले एमजे अकबर को लाकर प्रभु चावला के पर को कतरा गया. शायद उन्हीं दिनों में उन्हें इशारे से प्रबंधन ने कह दिया होगा कि अब बहुत बदनामी हो गई, मुक्ति दीजिए, ताकि ग्रुप के दागदार हो चुके / हो रहे दामन पर जोरशोर से उछाले जा रहे कीचड़ को रोकने की कोशिश शुरू की जा सके.
बताया जाता है कि प्रभु चावला ने आज दोपहर बाद प्रबंधन को अपना इस्तीफा मेल कर दिया. खबर है कि वे न्यू इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के एडिटर इन चीफ होकर गए हैं. सारी बदनामी के बावजूद प्रभु चावला के पास नौकरी की कमी नहीं है, ये तो साबित हो गया है. सत्ता और उद्योग जगत के बेहद करीबी संपादकों में शुमार किए जाने वाले प्रभु चावला की मार्केट खराब नहीं हुई है, इससे तो यही लगता है. प्रभु चावला इंडिया टुडे और आजतक के पर्याय बन गए थे. नीरा राडिया टेप कांड के कारण न सिर्फ प्रभु चावला की इज्जत उछली बल्कि आज तक और इंडिया टुडे ब्रांड नेम को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा. नीरा टेप कांड के कारण वीर सांघवी के पर एचटी ने कतरे. पहले उनका कालम बंद किया फिर उनका ओहदा घटा दिया. बची हैं बरखा दत्त जिन्हें एनडीटीवी ग्रुप पूरी शान से प्रोटेक्ट करते हुए लगातार लाइव दिखा रहा है, ग्रुप एडिटर का ओहदा जारी रखे हुए है. देखना है एनडीटीवी कितने नुकसान के बाद और कितने दिनों के बाद बरखा के बारे में कोई फैसला करता है. फिलहाल तो सबसे बड़ी खबर यही है कि प्रभु चावला का इस्तीफा हो चुका है.प्रभु चावला ने इस्तीफा दे दिया है. या यूं कहें कि उन्हें जाने का इशारा कर दिया गया था, सो आज फाइनली चले गए. नीरा राडिया टेप कांड की आंच में झुलसे प्रभु चावला को टीवी टुडे ग्रुप ने बाइज्जत जाने का मौका दिया. संभवतः ऐसा ग्रुप के प्रति उनकी मेहनत, निष्ठा और समर्पण को देखते हुए किया गया. पहले एमजे अकबर को लाकर प्रभु चावला के पर को कतरा गया. शायद उन्हीं दिनों में उन्हें इशारे से प्रबंधन ने कह दिया होगा कि अब बहुत बदनामी हो गई, मुक्ति दीजिए, ताकि ग्रुप के दागदार हो चुके / हो रहे दामन पर जोरशोर से उछाले जा रहे कीचड़ को रोकने की कोशिश शुरू की जा सके.
बताया जाता है कि प्रभु चावला ने आज दोपहर बाद प्रबंधन को अपना इस्तीफा मेल कर दिया. खबर है कि वे न्यू इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के एडिटर इन चीफ होकर गए हैं. सारी बदनामी के बावजूद प्रभु चावला के पास नौकरी की कमी नहीं है, ये तो साबित हो गया है. सत्ता और उद्योग जगत के बेहद करीबी संपादकों में शुमार किए जाने वाले प्रभु चावला की मार्केट खराब नहीं हुई है, इससे तो यही लगता है. प्रभु चावला इंडिया टुडे और आजतक के पर्याय बन गए थे. नीरा राडिया टेप कांड के कारण न सिर्फ प्रभु चावला की इज्जत उछली बल्कि आज तक और इंडिया टुडे ब्रांड नेम को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा. नीरा टेप कांड के कारण वीर सांघवी के पर एचटी ने कतरे. पहले उनका कालम बंद किया फिर उनका ओहदा घटा दिया. बची हैं बरखा दत्त जिन्हें एनडीटीवी ग्रुप पूरी शान से प्रोटेक्ट करते हुए लगातार लाइव दिखा रहा है, ग्रुप एडिटर का ओहदा जारी रखे हुए है. देखना है एनडीटीवी कितने नुकसान के बाद और कितने दिनों के बाद बरखा के बारे में कोई फैसला करता है. फिलहाल तो सबसे बड़ी खबर यही है कि प्रभु चावला का इस्तीफा हो चुका है.
साभार- bhadas4media