Monday, December 13, 2010

पत्‍नी की हत्‍या कर टुकड़े-टुकड़े

देहरादून. पत्‍नी की हत्‍या कर टुकड़े-टुकड़े करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपने बच्‍चों का मुंह देखकर पुलिस के सामने सरेंडर नहीं किया। दो महीने पहले की इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तार राजेश गुलाटी (37) ने आज एक निजी टीवी चैनल के सामने अपना गुनाह कबूल करते हुए कहा कि पत्‍नी की हत्‍या के बाद उसे अपने बच्‍चों की फिक्र सताने लगी कि यदि वह पुलिस को सब सच बता देता तो वह जेल में बंद हो जाएगा ऐसे में उसके बच्‍चों की देखभाल कौन करेगा।पुलिस ने आरोपी इंजीनियर को रविवार को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने कबूल किया कि उसने अपनी पत्‍नी अनुपमा (तस्‍वीर में) की गत 17 अक्‍टूबर को हत्‍या कर दी थी। पुलिस के सामने दिए गए बयान में उसने कहा कि मामूली कहासुनी के बाद पत्‍नी से झगड़ा हुआ लेकिन हवालात में बंद होने के बाद मीडियाकर्मियों के सामने कबूल किया कि प्रेम प्रसंगों के चलते उसने अपनी पत्‍नी की हत्‍या कर दी। साल के इस सबसे खौफनाक और देहरादून में इस तरह के पहले हत्‍याकांड की असली वजह क्‍या रही, पुलिस अब तक इस बारे में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।राजेश ने आज मीडिया के सामने कहा कि पैसे को लेकर कहासुनी के बाद उसने अपनी पत्‍नी की हत्‍या कर दी। उसका कहना है कि जेल में बंद होने के डर से उसने लाश को ठिकाने लगाने की साजिश की। लाश के 72 टुकड़े करने की बात का खंडन करते हुए उसने कहा कि लाश के दो तीन टुकडे़ कर फ्रीजर में रख दिया। आरोपी ने माना कि यह घटना आवेश पर काबू नहीं कर पाने का परिणाम थी और उसे इसके लिए अफसोस है। उसका कहना है कि जेल में बंद होने के बाद सबसे बड़ी चिंता बच्‍चों की देखभाल को लेकर है।यह दंपती डेढ़ साल पहले ही अमेरिका से आकर यहां बसा था। दिल्ली के रहने वाले राजेश को यहां प्रकाश विहार से उसके निवास से गिरफ्तार किया गया। एसएसपी जीएस मारतोलिया ने बताया कि राजेश ने अनुपमा से झगड़े के बाद उसका सिर दीवार से टकरा दिया। उसके बेहोश होने के बाद राजेश ने उसके शरीर के टुकड़े कर उन्हें डीप फ्रीजर में रख दिया। पुलिस ने कहा कि राजेश अपनी पत्‍नी को घर के खर्च के तौर पर हर महीने 20 हजार रुपये देता था लेकिन इसे बढ़ाने की अनुपमा की मांग पर पति-पत्नी के बीच कहासुनी हुई।घर में पांच साल के जुड़वा बच्‍चों को भी इस बात की भनक नहीं लगी कि जिस मां का प्‍यार उन्‍हें दो महीने से नहीं मिल रहा उसकी लाश घर में फ्रीजर में रखा है। हैवानियत की हदराजेश डीप फ्रिजर में रखे पत्‍नी के शव के कुछ टुकड़ों को निकालता और मसूरी की पहाडि़यों पर ले जाकर फेंक आता। राजेश ने 10 फरवरी, 1999 को दिल्ली में ही नेताजी नगर निवासी डॉ. बीआर प्रधान की बेटी अनुपमा से प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद उनमें किसी बात को लेकर मनमुटाव शुरू हो गया। वर्ष 2000 में अनुपमा को लेकर राजेश अमेरिका चला गया। वहां जून 2006 में उसके दो जुड़वा बच्चे सिद्धार्थ और सोनाक्षी हुए। 2008 में राजेश पत्नी अनुपमा और बच्चों को लेकर देहरादून आ गया और प्रकाश नगर में किराए के फ्लैट में रहने लगा।पिछले करीब दो माह से जब अनुपमा के परिजन फोन कर उसके बारे में पूछते, तो राजेश बात कराने से मना कर देता। इस पर रविवार शाम अनुपमा का भाई सिद्धांत राजेश के फ्लैट पर पहुंचा, लेकिन वहां ताला पड़ा था। पड़ोसियों से पूछने पर पता चला कि अनुपमा दो माह से दिखाई नहीं दी। सिद्धांत ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर फ्लैट की तलाशी ली तो एक बडे़ फ्रीजर में लाश के टुकड़े मिले। लाश अनुपमा की थी। काले रंगे की अलग-अलग पॉलीथीन में इन टुकड़ों को रखा गया था।हत्‍या के बाद खरीदा फ्रीजरपुलिस ने जिस वक्‍त आरोपी इंजीनियर को राजपुर रोड से गिरफ्तार किया उस वक्‍त वह बच्चों के साथ कार से घूम रहा था। राजेश ने पुलिस को बताया कि 17 अक्टूबर की रात उसका अनुपमा से झगड़ा हुआ। इस दौरान सिर बेड पर टकराने से अनुपमा बेहोश हो गई। इसके बाद राजेश ने अनुपमा के नाक-मुंह पर तकिया रख उसकी हत्या कर दी।अगले दिन राजेश ने बाजार से 20 हजार में बड़ा फ्रीजर खरीदा। पत्थर काटने वाले औजार व आरी से लाश के टुकड़े करने के बाद राजेश ने उसे फ्रीजर में छिपा दिया। बच्चे जब मां के बारे में पूछते तो राजेश कह देता कि वह हमें छोड़कर नाना के घर चली गई हैं। एसएसपी के आदेश पर फ्लैट को सील कर दिया गया है। टुकड़ों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। फेंके गए टुकड़ों की तलाश में पुलिस टीम मसूरी रवाना हो गई है।

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