अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरूवार सुबह भारतीय दूतावास को निशाना बनाते हुए तालिबान आतंककारियों ने एक आत्मघाती कार बम विस्फोट किया, जिससे 17 लोगों की मौत हो गई और 76 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के भी तीन जवान शामिल हैं।
अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने बताया कि मृतकों में अधिकतर आम नागरिक हैं। भारतीय समयानुसार गुरूवार सुबह 9 बजकर 27 मिनट पर उच्च सुरक्षा वाले इलाके में यह धमाका हुआ, जहां भारतीय दूतावास के अलावा अफगानी गृह मंत्रालय की भी इमारत है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इलाके की दूसरी इमारतों के खिडकी-दरवाजे हिल गए और धुआं उठता दिखाई दिया। धमाके से दूतावास की एक दीवार को क्षति पहुंची है। तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
बर्बर कार्रवाई-करजई
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने घटना की निंदा करते हुए इसे एक बर्बर कार्रवाई करार दिया है। वहीं, अमरीका ने भी हमले की निंदा करते हुए चिंता जाहिर की है। भारत में अमरीकी राजदूत टिमोथी रोमर ने कहा कि अमरीका, भारत और आतंकवाद से पीडितों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है।
मैंने अपने आवास से विस्फोट की जो आवाज सुनी, वह जुलाई 2008 की ही तरह थी। दूतावास का कोई कर्मचारी घायल नहीं हुआ है। हालांकि, दूतावास परिसर के कुछ हिस्से को नुकसान हुआ है।
- जयन्त प्रसाद, अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत
पहले भी
7 जुलाई 08 को भी दूतावास को निशाना बना धमाका किया गया था। इसमें एक भारतीय ब्रिगेडियर और विदेश सेवा के एक अफसर सहित 44 लोगों की मौत हो गई थी।
नितिन शर्मा (news with us)
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