Friday, October 30, 2009
आगजनी के लिए निगम भी दोषी !
मुफ्त में मशीन देखने भी नहीं भेजा
पिछले दिनों जर्मन की कंपनी ने स्नॉर्कल लैडर देखने के लिए निगम के तीन व्यक्तियों को जर्मन भेजने का प्रस्ताव दिया। जिसका पूरा खर्चा जर्मन कंपनी उठाने को तैयार थी। इसको भी निगम के अधिकारियों ने कागजों में अटका दिया। करीब छह माह पहले फायर समिति के अध्यक्ष मोहन यादव दिल्ली गए लेकिन खरीदने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।
टेंडर फाइल गायब
रीको ने उन्नत फायर स्टेशन, ट्रेनिंग सेंटर बनाने के लिए एक रूपए में नायला में करीब 4500 वर्गगज जमीन दी।
फायर समिति के अध्यक्ष यादव के अनुसार साधारण सभा में प्रस्ताव पास होने के बाद पचास-पचास लाख रूपए के टेंडर तैयार किए गए लेकिन पूरी प्रक्रिया की फाइल ही निगम से गायब हो गई।
चैसिस पडे रहे गाडी के इंतजार में
निगम ने पिछले दिनों 15 चैसिस खरीदे लेकिन करीब एक साल कबाड में पडे रहने के बाद सात चैसिस पर गाडी बनाने के लिए दिल्ली भेजा गया जो एक सप्ताह बाद आएंगे और अब भी आठ चैसिस कबाड में पडे हैं। ऎसे में राजधानी में आग लगने पर लोगों को भगवान भरोसे रहना पडता है।
आग लगने के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्यालय आयुक्त , अकाउंट ऑफिसर सहित सभी लोग जिम्मेदार हैं। निगम की साधारण सभा में प्रस्ताव पास होने के बाद भी अधिकारी फाइलें अटकाने में माहिर हैं। उन्हें जनता के हित जगह फाइल को अटकाने में मजा आता है। ऎसे अधिकारियों के खिलाफ कारवाई होनी चाहिए। ऎसे अधिकारियों की वजह से अग्निशमन दस्ता बेबस है।
मोहन यादव, अध्यक्ष, फायर समिति जेएमसी
नितिन शर्मा (news with us)
आग से दहला जयपुर
उल्लेखनीय है कि डिपो की भीषण आग से झुलसे 13 लोगों की जान चली गई है। हालांकि, आधिकारिक रूप से अभी तक पांच मौतों की बात कही जा रही है। जबकि, 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। आग से अरबों के नुकसान की आशंका है। विस्फोट इतना तेज था कि आस-पास के छह किलोमीटर के दायरे में भवनों के खिडकी-दरवाजे टूट गए। घटनास्थल से पांच किमी तक के क्षेत्र को सील कर दिया गया है।
दूर तक गूंजी आवाज
धमाके की आवाज 10 किलोमीटर दूर तक सुनी गई। बीस किलोमीटर दूरी तक धरती हिल गई। करीब पांच सौ मीटर ऊंची आग की लपटें 20 किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे रही थीं। जयपुर-कोटा मार्ग पर यातायात रोक दिए जाने के कारण हाइवे पर कई किलोमीटर लम्बी वाहनों की लाइन लग गई। हादसे के समय डिपो के अंदर और बाहर कितने लोग थे इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। धमाकों के बाद टर्मिनल के अंदर और मुख्य गेट के बाहर तबाही का मंजर था, घायल लोग मदद के लिए कराह रहे थे।
धमाकों से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। इण्डियन ऑयल कर्मचारियों के साथ शहर की दमकल के अलावा एयरपोर्ट अग्निशमन की गाडियां आग बुझाने के लिए आईं। पडोसी जिलों से भी दमकल की गाडियां बुलवा ली गई, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि कोई घटनास्थल के आस-पास तक भी नहीं पहुंच सकीं। सेना के तीन सौ से अधिक जवान भी मौके पर पहुंचे।
हालात के विश्लेषण से स्पष्ट हुआ कि यह आग तेल खत्म होने के बाद स्वत: ही बुझ जाएगी। आग के कारण रेलवे ने 20 ट्रेनों के मार्ग बदल दिए गए हैं। जबकि, दो को रद्द कर दिया गया है। वहीं, पैलेस ऑन व्हील्स दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर रोक ली गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवडा को फोन पर इस विस्फोट से अवगत कराया।
कंट्रोल रूम गठित
सीतापुरा ऑयल डिपो अग्निकांड में घायलों व लापता लोगों के बारे में जानकारी के लिए निम्न नम्बरों पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है। पुलिस कंट्रोल रूम 0141-2574456, प्रतापनगर थाना 2175636, सांगानेर सदर थाना 2771662।
हालात जस के तस
आईओसी चैयरमेन राम प्रकाश चौधरी बताया कि फिलहाल हालात जस के तस बने हुए हैं। ऑयल समाप्त होने का इंतजार करने के सिवा कोई चारा नहीं। डिपो के लापता छह कर्मचारियों के बारे में उनका कहना था कि इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। लापता कर्मचारियों के परिजनों के फोन भी आ रहे हैं। धुंए के गुबार के कारण बढ रही स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए उन्होंने लोगों को दूर जगहों की ओर जाने की सलाह दी है। आग पर कब तक काबू पा लिया जाएगा इस सवाल पर वे इतना ही कह पाए 'सब भगवान भरोसे है।
वैकल्पिक व्यवस्था
उधर दिल्ली में शुक्रवार दोपहर को हुई आईओसी की प्रेस वार्ता में बताया गया कि ऑयल टर्मिनल में लगी आग कल तक भी बनी रहने की संभावना है। आग से करीब एक सौ पचास करोड रूपए से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। ऑयल डिपो में आग के कारण बाधित हुई ईधन सप्लाई को सामान्य करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अजमेर व भरतपुर से र्ईधन सप्लाई किया जाएगा।
लीकेज से आग
'लीकेज के कारण आग लगी। लीकेज की सूचना पर हम सीतापुरा पहुंचे, उसी समय हादसा हुआ। उस समय शिफ्ट के लोग मौजूद थे। डिपो शाम 5.30 बजे बंद हो जाता है, इसलिए अंदर खाली टेंकर ही थे। अंदर कितने लोग थे इसके बारे में बताया नहीं जा सकता। एयर के जरिए आग बुझाने के बारे में हमने तो कभी सुना नहीं।
-गौतम बोस, पेट्रोलियम कम्पनियों के राज्य समन्वयक
घायलों की कुशलक्षेम पूछी
राज्यपाल एस.के. सिंह, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे आदि नेताओं ने अस्पतालों में घायलों का हाल पूछा।
भूकम्प सा एहसास
घटना के समय शहर में भूकम्प के झटके महसूस किए गए। मौसम विभाग के अनुसार इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.3 मापी गई।
अरबों का नुकसान
आग से अरबों रूपए के नुकसान की आशंका है। बचाव के लिए मुम्बई, दिल्ली व मथुरा से टीमें रवाना की जा चुकी हैं।
आर्थिक सहायता
राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रूपए। गम्भीर घायलों को 1-1 लाख तथा समान्य घायलों को 50-50 हजार की सहायता की घोषणा की गई है।
मृतकों की संख्या पर असमंजस
मृतकों की संख्या को लेकर असमंजस की स्थिति रही। मुख्य सचिव श्रीमती कुशलसिंह ने जहां तीन जनों की मौत की पुष्टि की वहीं प्रमुख गृह सचिव प्रदीप सेन के मुताबिक दो जनों की मृत्यु हुई। टेलीविजन चैनलों ने मृतकों की संख्या 13 तक बताई जबकि इण्डियन ऑयल के अधिकारी यह बताने की स्थिति में ही नहीं थे कि हादसे के समय डिपो में कितने लोग थे और कितने लोगों की मौत हुई।
देर रात तक news with us से लोग फोन कर मृतकों व अपने परिजनों के बारे में पूछताछ करते रहे। सूत्रों के अनुसार मौके पर सेना को बताया गया कि हादसे के समय डिपो में 20-25 कर्मचारी ड्यूटी पर थे। जबकि 100 अन्य हादसे के दौरान या पहले अन्दर गए थे। यह नहीं कहा जा सकता कि वे बाहर निकल पाएं या नहीं।
nitin शर्मा (news with us)
Tuesday, October 27, 2009
चीयरलीडर्स दिखेंगी साडी में
उन्होंने कहा कि इसके लिए कम से कम 15 उडिया लडकियों का चयन किया जाएगा। इन लडकियों को स्टेडियम के तीन अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया जाएगा। ये लडकियां स्कर्ट नहीं पहनेंगी। क्योंकि, यह वेश हमारी संस्कृति के खिलाफ है। हमारे दर्शक इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ये सभी अपनी संस्कृति और परंपरा के मद्देनजर वेश धारण करेंगी।
बेहेरा ने कहा कि ओसीए राज्य कॉपरेटिव ईकाई से सांबलपुरी साडी खरीदेगी। उन्होंने कहा कि स्टेडियम में उडिया फिल्मों या एलबमों के लोकप्रिय गीतों की व्यवस्था की जाएगी।दर्शकों की सुविधा के लिए ओसीए पहली बार वातानुकूलिच कॉरपोरेट बॉक्स की भी व्यवस्था करेगी, जिसमें कम से कम 800 दर्शक बैठ पाएंगे।
नितिन शर्मा (news with us)
पीसीपीए ने राजधानी एक्सप्रेस को बंधक बनाया
पहले आशंका जताई गई थी कि अपहरण माओवादियों ने किया है। लेकिन, बाद में लालगढ में पुलिस अत्याचार के खिलाफ आंदोलन चलाने वाली एक समिति 'पीसीपीए' ने दावा किया कि ड्राइवर और सहायक ड्राइवर को उसने अगवा किया है। पीसीपीए उनके नेता छत्रधर महतो को छोडने की मांग कर रहा है। महतो फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं। ट्रेन के रूकने से कई ट्रेनों की आवाजाही पर असर पडा है। जमशेदपुर में इस रूट की सभी ट्रेनों को रोक दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक माओवादियों के प्रभाव वाले मिदनापुर में राजधानी को लाल झंडे दिखाकर रोक लिया गया। इसके बाद उसके ड्राइवर और सहायक ड्राइवर को अगवा कर लिया गया। रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने घटनास्थल के आस-पास गहन खोजबीन शुरू कर दी। लेकिन, दोनों का सुराग नहीं लगा। इस बीच, माओवादियों और सीआरपीएफ के बीच फायरिंग भी हुई। इस क्षेत्र में माओवादियों ने बंद का आह्वान कर रखा है।
माओवादी नेता किशनजी ने कहा कि यह काम नक्सलियों का नहीं है बल्कि पीसीपीए का है। उल्लेखनीय है कि किशनजी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य को सबक सिखाने की चुनौती देते हुए कहा था कि जब तक वो माकपा और कांग्रेस के फासीवादी शासन का खात्मा नहीं कर देते वो चुप नहीं बैठेंगे।
1000 से ज्यादा हमलावर मौजूद
गार्ड और अन्य यात्रियों के मुताबिक एक हजार से भी ज्यादा हमलावरों ने ट्रेन को घेर रखा है। हमलावरों में महिलाएं भी शामिल हैं। गार्ड ने बताया कि हथियारों से लैस तकरीबन 450-500 हमलावर अचानक लाल झंडे लेकर ट्रेन के सामने खडे हो गए और ट्रेन को रूकवा दिया। ट्रेन पर पथराव किए जाने की भी सूचना है। तीन बजे से बांसतला स्टेशन पर रोकी गई ट्रेन में बिजली नहीं है जिससे एसी बंद हो गए हैं। यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड रहा है।
बातचीत को तैयार :
ममताइस घटना के बाद गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय चौकस हो गया है। रेलवे मंत्री ममता बनर्जी ने अपील की है कि वो नक्सलियों से बातचीत करने को तैयार हैं लेकिन इससे पहले यात्रियों को रिहा किया जाए।
पुलिस पर नक्सलियों का हमला
बांसतला से चार-पांच किलोमीटर दूर नक्सलियों द्वारा पुलिस पार्टी पर हमला किए जाने की भी खबर है। सूत्रों के अनुसार पुलिस जिस जगह पर ट्रेन रोकी गई है वहीं जा रहे थे लेकिन जंगल के रास्ते से गुजरते समय उन पर हमला कर दिया गया।
क्या है पीसीपीए
क्पीसीपीए मुख्यत: पुलिस दमन के खिलाफ बनाया गया संगठन है। पीपुल्स कमेटी अगेन्स्ट पुलिस एट्रोसिटीज (पीसीपीए) संगठन में आदिवासी, छोटे किसान, दलित वर्ग शामिल हैं। छत्रधर महतो पीसीपीए के संयोजक हैं।
नितिन शर्मा (news with us)
मान जाओ वरना लाइसेंस रद कर देंगे
हाल ही में प्रसारित इस कार्यक्रम में एक प्रतिभागी द्वारा दूसरे की पैंट उतारते हुए दिखाया गया है। ऐसे दृश्य से कई दर्शकों की संवेदना को चोट पहुंच सकती है। इस नोटिस में कहा गया है कि चूंकि यह कार्यक्रम प्राइम टाइम के दौरान प्रसारित किया जाता है और इसे बच्चे सहित परिवार के लोग देखते हैं, ऐसे में इस तरह की भाषा एवं ऐसे दृश्य कम उम्र के लोगों के अपरिपक्व दिमाग पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। यही नहीं, इस कार्यक्रम के आपत्तिजनक दृश्यों की क्लिपिंग समाचार चैनलों को वितरित की जाती और समाचार चैनल इन्हें दोबारा प्रसारित करते हैं जिसके कारण ये दृश्य काफी अधिक लोगों तक पहुंच रहे हैं।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि इस चैनल को पहले भी तीन बार कारण बताओ नोटिस तथा दो बार परामर्श भेजे गए हैं। अगर यह चैनल केबल टेलीविजन नियमन कानून 1995 के तहत तय कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन करना जारी रखता है तो इस चैनल को चलाने के लिए दी गई अनुमति रद्द की जा सकती है।
गौरतलब है कि मंत्रालय ने हाल में ही 'इंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा' नामक रियलिटी शो के लिए सोनी इंटरटेनमेंट चैनल को और 'पति, पत्नी और वो' के लिए एनडीटीवी इमेजिन को कारण बताओ नोटिस भेजा है। इसके अलावा मंत्रालय ने संसद में हंगामे के बाद सच का सामना नामक रियलिटी शो के लिए स्टार प्लस को भी नोटिस भेजा।
साभार : bhadas4media
नितिन शर्मा (news with us)
Monday, October 26, 2009
आखिर टूट गई सांसें
कोटा। जेके लॉन अस्पताल में रविवार को एक नवजात को डॉक्टरों ने दो बार मृत घोषित किया। एक बार तो नियति उसके साथ थी और वह जी उठा, लेकिन दूसरी बार तकदीर उसके साथ नहीं थी।
अस्पताल के चिकित्सक ने रविवार सुबह एक नवजात को जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। रोते बिलखते परिजन घर जाने लगे तो बालक उबासियां लेते नजर आया। उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती किया, कुछ घंटे इलाज चला, लेकिन रात को उसका दम टूट गया। दूसरी बार मृत घोषित करने से पहले डॉक्टरों ने करीब एक-डेढ घंटे तक मशक्कत की।
बूंदी जिले के चितावा निवासी सुमित कोटा में बालिता रोड पर सिलाई का काम करता है। पत्नी सुनीता ने 22 अक्टूबर को जेके लॉन अस्पताल में पुत्र को जन्म दिया। चिकित्सकों ने नवजात को कमजोर बताते हुए इन्क्यूबिरेटर पर रखा। शनिवार शाम बालक की हालत बिगड गई। रविवार सुबह दस बजे उसे सीनियर रेजीडेंट डॉ. उमेश ने मृत घोषित कर दिया। कुछ ही देर में उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की पर्ची भी सुमित को दे दी।
चालक को दिखी जिंदगी
नवजात की मृत्यु से सुमित और परिजनों पर पहाड टूट पडा। परिजन बालक का अंतिम संस्कार पैतृक गांव में करना चाहते थे। सामाजिक कार्यकर्ता श्याम नामा ने शव को गांव पहुंचाने के लिए वाहन उपलब्ध कराया। शव को वाहन में रखते समय चालक कृपाशंकर ने उसे उबासी लेते देखा। बालक को फिर से अस्पताल में ले गए, जहां उसे भर्ती कर लिया।
रात को आ गई मौत
दवाओं और उपकरणों के सहारे नवजात दिन भर मृत्यु से संघर्ष करता रहा। रात को करीब सात बजे उसकी मृत्यु हो गई। अस्पताल के शिशुरोग विभागाध्यक्ष डॉ. एपी गुप्ता ने बताया कि तीन डॉक्टरों की टीम ने काफी देर तक बच्चे के ह्वदय समेत जीवन को लौटाने का प्रयास किया, लेकिन नतीजा नहीं निकला। काफी देर प्रयासों के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया। परिजन शव लेकर चले गए।
'बच्चे में काफी देर तक ह्वदय में हलचल नहीं थी। श्वसन तंत्र शिथिल हो चुका था। काफी देर इंतजार के बाद बच्चे को मृत घोषित किया गया। ऎसा प्री-मैच्योर नवजात के मामले में हो जाता है। मेरे कòरियर में ऎसा छह बार देखा है जब मृत घोषित करने के बाद बच्चा जी उठा। शाम को बच्चे की मृत्यु हो गई।'-डॉ. ए.पी. गुप्ता, विभागाध्यक्ष शिशु रोग विभाग।
नितिन शर्मा (news with us)
Friday, October 23, 2009
431.35 क्विंटल मिलावटी मावा पकडा
कोटा। रसद विभाग व स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टोली ने गुरूवार को शहर के दो कोल्ड स्टोरेज पर छापा मारकर 431.35 क्विंटल पुराना मिलावटी मावा जब्त किया। मावा सडा तथा रंग बदला हुआ था। जब्त मावे की कीमत करीब 51.52 लाख रूपए बताई गई है, लेकिन मालिक का नाम सामने नहीं आया है। रसद विभाग के अनुसार मावा व्यवसायी इसी मावे को ताजा मावे में मिलाकर लोगों को सप्लाई करते थे। शहर में यह अब तक की सबसे बडी कार्रवाई बताई जा रही है।
जिला रसद अधिकारी राकेश जायसवाल ने बताया कि विभाग को सूचना मिली थी कि शहर के कोल्ड स्टोरेज में मिलावटी मावा रखा है। इसी के तहत रसद व स्वास्थ्य विभाग की टोलियां इनकी जांच कर रही थी। गुरूवार को जायसवाल के नेतृत्व में टोली पहले जयपुर गोल्डन स्थित महालक्ष्मी कोल्ड स्टोरेज पहुंची। यहां 277 क्विंटल मिलावटी मावा जब्त किया, जिसकी कीमत लगभग 33 लाख रूपए है। दूसरी कार्रवाई बारां रोड स्थित चित्रेश कोल्ड स्टोरेज में की गई, जहां 154.35 क्विंटल मिलावटी मावा जब्त किया गया। इसकी कीमत लगभग 18.52 लाख रूपए है।
क्या-क्या मिला हुआ था
-टोली में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के खाद्य निरीक्षक चौथमल शर्मा ने बताया कि जब्त मावे में वजन बढाने के लिए मैदा, गुड, उडिया चीनी, पॉम ऑयल व अरारोट पाउडर मिलाया हुआ है। मावा करीब 1 से 4 महीने पुराना है। इसमें कीडे पडे हुए है तथा बदबू मार रहा है। मावा सिन्थेटिक भी हो सकता है, लेकिन यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
नितिन शर्मा (news with us)
राजे ने आडवाणी को सौंपा इस्तीफा
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज आखिरकार नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे ही दिया। केन्द्रीय नेतृत्व के लम्बे समय से चले आ रहे दबाव के बाद राजे ने आज अपना इस्तीफा लालकृष्ण आडवाणी को सौंपा। आज दोपहर पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया। आज शाम होने वाली पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में राजे के इस्तीफे को मंजूरी दिए जाने की संभवना है। बैठक में तीन राज्यों के चुनाव परिणामों पर चर्चा की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार आडवाणी को सौंपा गया इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि राजस्थान में लोकसभा की चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने राजे से अगस्त में इस्तीफा मांगा था जिसे लेकर राजे ने केन्द्रीय नेतृत्व के सामने कुछ शर्ते रखी थी जिन्हें माना नहीं गया। इसके बाद आज वसुंधरा ने अपना इस्तीफा सौंप दिया।
दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में आयोजित होने वाली बैठक में लालकृष्ण आडवाणी, राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज सहित आठ प्रमुख नेता राजस्थान में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल, वसुंधरा राजे के इस्तीफे और प्रतिपक्ष के नए नेता के नाम पर चर्चा होने की संभावना है।
नितिन शर्मा (news with us)
मुम्बई: चलती लोकल ट्रेन पर पाइपलाइन गिरी
सूत्रों के मुताबिक हादसा उस वक्त हुआ जब ट्रेन सीएसटी से कल्याण के लिए जा रही थी। कोपरी में सुबह करीब पौने ग्यारह बजे एक पुल के नीचे से गुजरते समय अचानक पानी की पाइपलाइन टूट कर इस पर गिर गई। ट्रैक पर मलबा गिरने से रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं। सेंट्रल रेल लाइन सबसे अघिक प्रभावित हुई है। रेलवे सूत्रों के मुताबिक राहत और बचाव कार्य जारी है।
बताया जा रहा है कि यह पुल और पाइपलाइन करीब 150 साल पुराना था और पिछले कई सालों से निर्माणाधीन था। पाइपलाइन के टूट जाने के कारण ट्रैक पर पानी फैल गया है इस कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। हादसे के कारण ठाणे, मुलुंड और कुर्ला के बीच रेल सेवा ठप हो गई है, साथ ही घाटकोपर इलाके जाने वाली वाली ट्रेनें भी रोक दी गई।
मृतकों के परिवारवालों को पांच लाख का मुआवजा
रेलवे ने मृतकों के परिवारवालों को पांच-पांच लाख रूपए का मुआवजा देने का ऎलान किया है। साथ ही गंभीर रूप से घायल लोगों को एक-एक लाख रूपए का मुआवजा दिया जाएगा।
नितिन शर्मा (news with us)
Thursday, October 22, 2009
भागा कैदी, भिडी ट्रेनें
खडी ट्रेन की बोगी में जा घुसा इंजन
गोवा एक्सप्रेस का इंजन मेवाड एक्सप्रेस के सबसे पीछे वाली बोगी में घुस गया। मथुरा के एसएसपी बी.डी. पॉलसन ने बताया कि मेवाड एक्सप्रेस में सबसे पीछे लगी द्वितीय श्रेणी जनरल और लगेज कोच से 18 लोगों को बोगी काटकर निकाला गया। यह बोगी महिलाओं और बच्चों से भरी हुई थी। मृतकों में मेवाड एक्सप्रेस का गार्ड और गोवा एक्सप्रेस की पैन्ट्री कार के दो कर्मचारी भी शामिल हैं। गम्भीर रूप से घायल पांच यात्रियों को इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया है। रेल मंत्री ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं। राहत और बचाव कार्य में सेना की भी मदद ली गई। इसके अलावा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल और रेल सुरक्षा बल के जवान भी लगे थे।
गलती कहां हुई
रेल मंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि घटनाओं के सिलसिले को जोडकर देखने पर लगता है कि गोवा एक्सप्रेस के चालक ने या तो सिग्नल की अवहेलना कर दी अथवा वह ट्रेन को निर्धारित गतिसीमा से अधिक रफ्तार से भगा रहा था। आगरा जोन के उप क्षेत्रीय रेलवे प्रबंधक आर.डी. त्रिपाठी ने भी बताया कि प्रथमदृष्टया यह गोवा एक्सप्रेस के चालक की ओर से सिग्नल की अवहेलना का मामला लगता है। या तो उसने लाल सिग्नल पर गाडी नहीं रोकी या सावधानी से ट्रेन नहीं चला रहा था। हादसे का एक कारण यह भी हो सकता है कि मेवाड एक्सप्रेस के चेन पुलिंग की सूचना मथुरा स्टेशन को नहीं मिली थी। जिस कारण गोवा एक्सप्रेस को हरी झण्डी दे दी गई।
हादसों का सिलसिला---
हर साल औसतन 300 छोटी-बडी रेल दुर्घटनाएं 14 फरवरी 2009 : कोरोमण्डल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे उतरे, 15 मरे, 50 घायल।अगस्त-08 : गौतमी एक्सप्रेस में आग, 32 मरेअप्रेल-05 : बडोदरा के साबरमती एक्सप्रेस-मालगाडी की टक्कर में 17 मरेजुलाई-03 : वारंगल में गोलकुंडा की बोगियां ओवरब्रिज से नीचे सडक पर गिरे, 21 मरे जून-03 : रत्नागिरी के पास ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरे, 51 की मौत सितम्बर 02 : हावडा-नई दिल्ली राजधानी एक्स. दुर्घटनाग्रस्त, 120 मरेजून-01 : मेंगलूरू-चेन्नई मेल केरल की कडलुंडी नदी में गिरी, 59 मरेदिसम्बर-2000 : कोलकाता-अमृतसर हावडा मेल मालगाडी से टकराई, 44 मरेअगस्त-99 : प. बंगाल में ब्रह्मपुत्र मेल-अवधअसम एक्सप्रेस भिडंत, 285 मरे, 312 घायल जुलाई-99 : मथुरा के पास जीटी एक्सप्रेस मालगाडी से टकराई, 17 मरे नवम्बर-98 : खन्ना में फ्रंटियर मेल-सियालदाह एक्सप्रेस की टक्कर, 108 की मौत
राज्य के ग्यारह मृतकों की शिनाख्त*
सपोटरा (करौली) के गांव नारौली निवासी सोनू (5) पुत्र तेजराम मीणा।* कोटा निवासी ट्रेन गार्ड एस.के.पुरी (54)* बारां जिले के सीसवाली क्षेत्र के सरकन्या गांव निवासी रामनिवास पोटर की पत्नी चन्द्रकांता व पुत्र हेमन्त उर्फ कालू।* उदयपुर की कैलाशी देवी उर्फ कृष्णा देवी (70) पत्नी श्रीचंद शर्मा* उदयपुर के सत्यनारायण की पत्नी रिंकू (35), पुत्री राधा (5) व पुत्र रवि (4)* भरतपुर के गिर्राज की पुत्री विजय लक्ष्मी (32), नवासा शिवम (7) और नवासी प्रिया (10)।
कैदी का भागना वजह!कोटा।
ट्रेन हादसा सम्भवत: इन्द्र विहार में पिछले वर्ष 81 लाख की लूट की वारदात के अभियुक्त मुन्ना उर्फ साजिद के भागने के कारण हुआ। पुलिस कर्मी वीरेन्द्र सिंह गौड, अशोक कुमार और बहादुर सिंह मुन्ना को कोटा जेल से लेकर मंगलवार रात मेवाड एक्सप्रेस से दिल्ली रवाना हुए थे। मुन्ना को बुधवार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया जाना था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लक्ष्मण गौड ने बताया कि सुबह साढे चार बजे अभियुक्त मुन्ना गाडी में शौच के लिए गया। उसकी हथकडी खुली थी। ज्यों ही गाडी मथुरा स्टेशन से रवाना हुई तभी वह शौचालय से बाहर निकला और एक पुलिस कर्मी को धक्का देकर फरार हो गया। इसके बाद पुलिस कर्मियों ने चेन खींच दी।
यह भी सुनाई कहानी
कोटा के पुलिस कर्मी वीरेन्द्र सिंह ने मथुरा से 'news with us ' को फोन पर बताया कि सुबह साढे चार से पांच बजे के करीब मथुरा के आगे गोवा एक्सप्रेस ने उनकी गाडी को टक्कर मार दी। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई और इसी दौरान मुन्ना हथकडी से हाथ निकालकर फरार हो गया। उसने चेन खींचे जाने की बात से इनकार किया।
मथुरा से पुलिस कर्मियों ने सुबह पहले यही बताया था कि अभियुक्त चलती गाडी से कूद कर भागा है। बाद में उन्होंने हादसे की वजह से अभियुक्त का भागना बताया। पहले बताए घटनाक्रम को ही प्रथमदृष्टया सही माना गया है और तीनों को निलम्बित कर दिया है। लक्ष्मण गौड, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कोटा।
नितिन शर्मा (news with us)
हरियाणा: चौटाला भी सरकार बनाने का दावा करेंगे
श्री चौटाला ने कहा कि वे निर्दलीयों तथा विपक्ष के साथ बातचीत करने को तैयार हैं। निर्दलीयों में कांग्रेस के बागियों की संख्या अधिक है।श्री चौटाला ने कहा –“ मैं राज्यपाल से अनुरोध करूंगा कि इनेलो को सरकार बनाने का एक मौका दिया जाये।”
उन्होंने कहा कि वह भाजपा सहित विपक्षी दलों के नेताओं के संपर्क में हैं। यदि विपक्षी दलों के साथ चुनाव पूर्व तालमेल हो जाता तो स्थिति कुछ और होती।
नितिन शर्मा (news with us)
तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार तय
महाराष्ट्र में कांग्रेस अपने सहयोगी राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही है। यह गठजोड़ 288 सदस्यीय विधानसभा में 143 अधिक सीटों पर आगे चल रहा है। पिछले चुनाव में 140 सीटें जीतने वाले इस गठजोड़ को इस बार भी लगभग यही आंकड़ा हासिल होने की उम्मीद है और उसे अगली सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। क्योंकि गठजोड़ को बागी नेताओं और निर्दलीयों का समर्थन भी हासिल होगा।
कांग्रेस ने अब तक 57 सीट जीती है और 23 अन्य पर आगे है, जबकि राकांपा 44 सीटें जीत चुकी है और 19 अन्य पर आगे चल रही है। राज ठाकरे की मनसे ने इस बार शिवसेना-भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगा दी है और भगवा गठजोड़ केवल 92 पर आगे चल रहा है। 2004 के चुनाव में उसने 116 सीटें जीती थीं। शिवसेना ने अब तक 31 सीटें जीती हैं और 14अन्य पर आगे है, जबकि भाजपा के हिस्से 32 सीट आई है और 15 अन्य पर वह आगे चल रही है।
हरियाणा के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए कुछ चौंकाने वाले हैं। क्योंकि लोकसभा चुनाव में दस में से नौ सीटें जीतकर जोरदार प्रदर्शन करने वाली पार्टी ने विधानसभा चुनाव निर्धारित समय से सात महीने पहले कराने का निर्णय किया था। कांग्रेस ने हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में अब तक 39 सीटें जीती हैं और एक पर वह आगे है। उसे सरकार बनाने के लिए बागियों और निर्दलीयों का समर्थन लेना पड़ सकता है, जो नौ सीटों पर बढ़त लिए हुए हैं।
कांग्रेस 2005 के चुनाव में 67 सीटें जीती थीं और लोकसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित पार्टी विधानसभा चुनाव में भी जबर्दस्त प्रदर्शन दोहराने के विश्वास से भरी थी। हालांकि उसके इस विश्वास को कुछ हद तक इनेलोद ने झटका दिया है जिसने 30 सीटें जीत ली हैं और एक पर आगे है। पिछले विधानसभा चुनाव में इनेलोद को केवल नौ सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
भाजपा चार सीटों पर आगे है। बसपा एक सीट जीत ली है और भजनलाल की हरियाणा जनहित कांग्रेस छह सीटें जीत ली है है। अरुणाचल के परिणाम कांग्रेस के लिए खासे उत्साहवर्धक हैं, जहां 60 सदस्यीय विधानसभा में अब तक घोषित नतीजों में से 13 उसके खाते में गए हैं और दस अन्य पर वह आगे है। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 34 सीटें जीती थीं। राज्य में दो सीटें तृणमूल को गई हैं और एक अन्य पर वह आगे है, जबकि राकांपा एक सीट जीत चुकी है और एक अन्य पर आगे है। भाजपा एक सीट पर आगे चल रही है।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और कई अन्य नेता विजयी हुए हैं, जबकि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के बेटे राजेंद्र शेखावत कांग्रेस के बागी उम्मीदवार सुनील देशमुख से पीछे चल रहे हैं। राज्य में दो सीटें अन्य के खाते में गई हैं, जबकि 47 अन्य पर वे आगे चल रहे हैं।
नितिन शर्मा (news with us)
Wednesday, October 21, 2009
आईआईटी: पात्रता मानक पर रिपोर्ट दो माह में
नितिन शर्मा (news with us)
एक ताजमहल न्यूजीलैंड में भी!
'न्यूजीलैंड हेराल्ड' अखबार में मंगलवार को इस सम्बन्ध में प्रकाशित खबर के अनुसार इस प्रतिरूप में संगमरमर का मकबरा, एक तालाब और सोना चढे हुए आभूषण शामिल होंगे। केन्द्र के अध्यक्ष कानू पटेल का कहना है, वह यहां कुछ ऎसा बनाना चाहते हैं जो भारत की समृद्ध संस्कृति, इतिहास और महिमा का प्रतीक हो और जिस पर यहां रहने वाला भारतीय समुदाय गर्व कर सके।
नितिन शर्मा (news with us)
भीलवाडा में पांच जिंदा जले
प्रारंभिक सूचना के अनुसार गांव के एक खेत में मक्के की छिलाई के दौरान इस्तेमाल की जा रही मशीन से निकली चिंगारी पास की झाडियों में पहुंच गई। इससे देखते ही देखते आग ने भयंकर रूप ले लिया। इसकी चपेट में आने से तीन महिलाओं और दो बच्चों की मौत हो गई।
नितिन शर्मा (news with us )
Tuesday, October 20, 2009
मथुरा: दो ट्रेनों की टक्कर, 12 की मौत
उत्तर-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश वाजपेयी ने कहा कि गोवा एक्सप्रेस ने मेवाड़ एक्सप्रेस को सुबह चार बजकर 50 मिनट पर पीछे से टक्कर मार दी। मथुरा एवं वृंदावन के बीच हुई दुर्घटना में ट्रेन के अंत में लगी अनारक्षित बोगी क्षतिग्रस्त हो गई। गोवा एक्सप्रेस की पैंट्री कार भी क्षतिग्रस्त हो गई।
दुर्घटनास्थल पर बचाव कार्य के लिए सेना ने आठ अधिकारियों एवं 140 जवानों सहित करीब डेढ़ सौ जवानों को गैस कटर के साथ भेजा है। मेडिकल टीमों के भी जल्द ही राहत कार्य में शामिल होने की उम्मीद है। क्षतिग्रस्त बोगी से महिलाओं एवं बच्चों सहित सभी फंसे यात्रियों को निकालने के लिए गैस कटर के अलावा फोम कटर का भी प्रयोग किया गया। रेलवे के शीर्ष अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
घटनास्थल पर पहुंचे आगरा के क्षेत्रीय रेलवे प्रबंधक आर डी त्रिपाठी ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या लगता है कि गलती गोवा एक्सप्रेस के चालक की है। रेल मंत्री ममता बनर्जी ने दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। फिलहाल वह कोलकाता में हैं। रेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि रेल सुरक्षा के आयुक्त गुरुवार सुबह से जांच शुरू करेंगे।
बनर्जी ने मृतकों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एक-एक लाख एवं मामूली रूप से जख्मी यात्रियों को 10-10 हजार रुपये मुआवजा मिलेगा। रेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि रेलवे सुरक्षा के आयुक्त गुरुवार सुबह से इस दुर्घटना की जांच शुरू करेंगे।
नितिन शर्मा (news with us)
Monday, October 19, 2009
कैसे लाएंगे मैडल
पदोन्नति में शामिल नहीं
शारीरिक शिक्षकों ने शिक्षा विभाग पर दोगला व्यवहार करने व पदोन्नति प्रक्रिया में अनदेखी करने का आरोप लगाया है। हाल में हुई पातेय वेतन पर तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नति में शारीरिक शिक्षकों को शामिल ही नहीं किया गया। शिक्षकों का कहना है कि राज्य सरकार ने निर्देश दिए थे कि पदोन्नति के समय यदि तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षक स्कूल में नहीं है तो सामान्य अध्यापक को समायोजित कर दिया जाए। इस स्थिति में पातेय वेतन की पदोन्नति की प्रक्रिया में शारीरिक शिक्षकों को शामिल किया जाना चाहिए, लेकिन विभाग ने शामिल नहीं कर दोगला व्यवहार किया है।
प्रभावित हुई खेल गतिविधियां
राजस्थान शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ जयपुर के जिला अध्यक्ष बाबूलाल चौधरी ने बताया कि पदोन्नति व नई भर्ती, नवक्रमोन्नत विद्यालयों में बजट आवंटन के संदर्भ में मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री को कई बार ज्ञापन भी दिया जा चुका है। जिला अध्यक्ष ने बताया कि स्कूलों में शारीरिक शिक्षक नहीं होने से खेल गतिविघियां प्रभावित हो रही हैं। केंद्र सरकार की नीति के तहत प्रत्येक सैकंडरी स्कूल में शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य कर दिया जाए, जब शिक्षक ही नहीं होंगे तो विद्यार्थियों को शिक्षा कैसे दी जाएगी।
पूर्व शिक्षा मंत्री के क्षेत्र में एक भी शिक्षक नहीं
पूर्व शिक्षामंत्री घनश्याम तिवाडी के निर्वाचन क्षेत्र सांगानेर में 14 माध्यमिक विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में एक भी स्कूल में शारीरिक शिक्षक नहीं है। इतना ही नहीं इन विद्यालयों में खेल गतिविधियां ही नहीं हो रही हैं। साथ ही इन स्कूलों की टीमें कभी जिला या राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग ही नहीं लेते हैं।
अधिकारियों की टालमटोल
शारीरिक शिक्षक व्याख्याता उम्मेद सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से डीपीसी के तहत तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी में दो ही शिक्षकों को पदोन्नति दी गई है। साथ ही जिले में शारीरिक शिक्षक की काफी पद खाली पडे हैं, लेकिन विभाग है कि सुनता नहीं। उन्होंने बताया कि पद भरने के संदर्भ में जब माध्यमिक शिक्षा निदेशक से बात की गई तो निदेशक ने जवाब दिया कि विभिन्न सत्रों में जितने पद बनते हैं उसी के अनुसार पदोन्नति दी जाएगी। इसके बाद दुबारा मिलने की बात कहकर मामले को टाल रहे हैं।
नेताओं का ध्यान नहीं : शारीरिक शिक्षकों की कमी के चलते क्षेत्रीय विधायकों ने भी आंखें मूंद रखी हैं। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में स्कूलों की संख्या तो अधिक है, लेकिन शारीरिक शिक्षक नाम मात्र के हैं।
इनका कहना है
शारीरिक शिक्षकों की अलग से डीपीसी होती है। पहले सामान्य शिक्षकों की पदोन्नति करनी जरूरी थी ताकि वे स्कूल में पढा सकें। शारीरिक शिक्षकों की भी पदोन्नति जल्द ही की जाएगी।
उमाकांत ओझा, उप निदेशक माध्यमिक शिक्षा
नितिन शर्मा (news with us)
Friday, October 16, 2009
नकली मावे की खेप पकडी
पकडे गए लोगों ने बताया कि धौलपुर के व्यापारी नरेश बंसल, रामस्वरूप, जमुना प्रसाद, जगदीश, सौरभ, दीन दयाल आदि उदयपुर सहित अन्य शहरों में मिठाई के व्यापारियों को मावा सप्लाई करते हैं। फिलहाल जांच जारी है।
नितिन शर्मा ( news with us)
Thursday, October 15, 2009
40 मीडियाकर्मी 3 घंटे ताले में बंद रहे
घंटे भर बीत जाने के बाद भी जब ताला नहीं खुला तो अंदर बैठे कैमरामैन जोर-जोर से दरवाजा पीटने लगे। लोगों से मदद के लिए गुहार लगाते रहे पर कोई पास नहीं आया। करीब तीन घंटे बीत गए। इसके बाद दरवाजा खुला। दरवाजा खोलने वालों ने कैमरामैनों से कह दिया कि अब आप लोग जा सकते हैं, राहुल गांधी भी जा चुके हैं। यह सुन सभी मीडियाकर्मी हक्क-बक्के रह गए। एक तो जलालत, उपर से कोई स्टोरी या बाइट नहीं। राहुल गांधी के साथ चलने वाली एसपीजी टीम द्वारा 40 फोटोग्राफरों-कैमरामैनों को एक कमरे में तीन घंटे तक बंद रखे जाने की घटना से पंजाब के पत्रकार बेहद नाराज हैं।
साभार : भड़ास 4 मीडिया
Tuesday, October 13, 2009
गैंगरेप की शिकार लड़की ने किया युवकों का पीछा
नितिन शर्मा (news with us)
हाई-वे पर लड़कियों को लिफ्ट दी और रातभर रेप किया
चार लोगों ने कथित तौर पर रेप किया। पुलिस ने बताया कि घटना बुधवार रात उस वक्त हुई जब लड़कियों ने जम्मू में अपने कॉलेज पहुंचने के लिए पंजाब के गुरदासपुर से आ रही एक कार में लिफ्ट ली। पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक कार के ड्राइवर कुलवंत सिंह और उसके साथी सुरजीत ने उसके बाद एक रिश्तेदार से मिलने का बहाना कर कार बीरपुर इलाके की ओर मोड़ ली। वे लड़कियों को निर्जन इलाके में लेकर गए और उनके साथ रेप किया। दोनों के साथ बाद में छह स्थानीय लोग आ गये। आरोप है कि इनमें से भी दो ने लड़कियों के साथ रेप किया। लड़कियां गुरुवार सुबह अपने कॉलेज पहुंची और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और कुलवंत और सुरजीत को गिरफ्तार कर लिया। छह स्थानीय लोगों की तलाश में अभियान छेड़ दिया गया है। लड़कियों की डॉक्टरी जांच भी कराई गई है, लेकिन रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
नितिन शर्मा (news with us)
रेलवे स्टेशन पर पैरंट्स के सामने रेप
नितिन शर्मा (news with us)
तू 15 बरस का, मैं 30 बरस की... मिल गए नैना
ढ़ा कि दोनों घर से फरार हो गए और जिंदगी बसर करने लगे। हालांकि पुलिस ने उन्हें लगभग 5 महीने बाद पकड़ लिया। दोनों रोहतक में किराए के एक फ्लैट में पति-पत्नी बनकर रह रहे थे। जहां टीचर ने एक स्कूल में जॉब कर ली थी, वहीं किशोर एक होटल में बैरा बन गया था। पुलिस ने महिला टीचर को जेल भेज दिया है। जानकारी के अनुसार शालीमार गार्डन सी ब्लॉक में स्थित एक स्कूल में मैथ की टीचर का 11वीं क्लास के एक स्टूडेंट से प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। 15 मई को लास्ट एग्जाम होने के बाद 16 मई को टीचर और छात्र दोनों घर से भाग गए थे। जनकपुरी में रहने वाले छात्र के परिवार ने जब छानबीन की, तो उन्हें असलियत का पता लगा। इसके बाद उन्होंने महिला टीचर के खिलाफ छात्र को बहला फुसलाकर ले जाने की रिपोर्ट साहिबाबाद थाने में दर्ज कराई थी। 2 दिन पहले पुलिस को सूचना मिली कि दोनों रोहतक में एक किराए के फ्लैट में पति-पत्नी के रूप में रहे रहे हैं। फ्लैट का किराया देने और अन्य खर्च को पूरा करने के लिए जहां महिला ने एक स्कूल में टीचर की जॉब कर ली, वहीं छात्र पास ही के एक होटल में वेटर की नौकरी करने लगा था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों को पकड़ लिया। बाद में वो उन्हें लेकर साहिबाबाद आ गई। क्षेत्र के चौकी इंचार्ज आर. पी. सिंह के अनुसार चूंकि छात्र नाबालिग है और उसके परिवार की ओर से रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी इसलिए उसे परिवार को सौंप दिया गया, जबकि महिला टीचर को नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाने के आरोप में जेल भेज दिया गया है।
नोएडा पुलिस ने सीईओ के पीए को छुड़ाया, 3 बदमाश मारे गए
एडा फेज 2 और एसओजी ने बुधवार तड़के एन्काउंटर में ढेर कर दिया। पीए को सकुशल छुड़ाने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाने की बात बताई जा रही है। मारे गए बदमाशों की पहचान मौजपुर दिल्ली निवासी इमरान उर्फ मोनू, लोनी निवासी वसीम और दनकौर के रहने वाले शेखर के रूप में हुई है। पीए को किडनैप करने वाला यह गैंग प्रफेशनल किडनैपिंग नहीं करता था। लूटपाट के मकसद से ये बदमाश इस पीए के अलावा भी दिल्ली एनसीआर में बंधक बनाने की कई वारदात अंजाम दे चुके हैं। मंगलवार की शाम करीब 5.30 बजे शंकर दत्त घर आने के लिए लिफ्ट मांग रहे थे। उसी वक्त एक सफेद रंग की इंडिया रुकी। कार में बैठे 3 लोगों ने लिफ्ट देने के बहाने उन्हें अपनी कार में बिठा लिया। जैसे ही शंकर दत्त कार में बैठ उन लोगों ने उन्हें अपने काबू में कर लिया। बदमाशों ने पहले शंकर दत्त से उनके एटीएम का पिन कोड पूछा। बार-बार गलत पिन बताए जाने के बाद बदमाशों ने शंकर दत्त के मोबाइल से ही उनके घर फोन करके फिरौती की मांग की। उन्होंने बतौर फिरौती 10 लाख रुपये मांगे। इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से बदमाशों की लोकेशन जानने की कोशिश की। बदमाश लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे। कभी दिल्ली तो कभी नोएडा में घूम रहे थे। रात भर जारी कार्रवाई में बुधवार तड़के करीब 4..30 बजे सेक्टर 88 के कुलेसरा चेक पोस्ट के पास पुलिस ने बदमाशों को घेरा। पुलिस से घिरते देख बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। इस कार्रवाई में तीनों बदमाश मौके पर ही ढेर हो गए। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने शंकर दत्त को छुड़ा लिया। रिहाई के बाद शंकर दत्त ने बताया कि बदमाशों ने उनके हाथ-पैर बांध कर उन्हें गाड़ी की फर्श पर सुलाया था। वे रात भर उनसे उनके एटीएम कार्ड का पिन कोड पूछते रहे, लेकिन शंकर दत्त ने बदमाशों को बराबर गलत नंबर बताया। इस दौरान बदमाशों ने गाडी़ में शराब पी। इस ऑपरेशन में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और फेज 2 की पुलिस ने भाग लिया।
नितिन शर्मा (news with us)
छिटपुट हिंसा के बीच मतदान जारी
तीनों राज्यों में मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हुआ। आज महाराष्ट्र की 288, हरियाणा की 90 और अरुणाचल की 57 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं। 60 सदस्यों वाली अरुणाचल विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित तीन सदस्य पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं।
हरियाणा में पोलिंग एजेंट की हत्या
हरियाणा के कैथल जिले के गुलहा विधानसभा क्षेत्र में दो उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच हुए संघर्ष में एक चुनाव एजेंट की मौत हो गई।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुलहा से कांग्रेस के उम्मीदवार डिल्लू राम और निर्दलीय उम्मीदवार कुलवंत बाजीगर के समर्थकों के बीच संघर्ष हो गया। इस संघर्ष में बाजीगर के चुनाव एजेंट ज्योति राम [48] की मौत हो गई।
गढ़चिरौली में गोलीबारी
उधर, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में मतदान आरंभ होने से पहले संदिग्ध नक्सलियों ने गोलीबारी की। यहीं पर पिछले हफ्ते नक्सलियों ने 17 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक एस. जयकुमार ने बताया कि अहेरी विधानसभा क्षेत्र के कसनपुर गांव में हुई उस घटना में फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। स्थिति नियंत्रण में है।
शिवसेना प्रत्याशी गिरफ्तार
उधर, रत्नागिरी में कुडल-मालवान विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना प्रत्याशी वैभव नायक को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने बताया कि नायक को उनके 15 समर्थकों और एक लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया। मतदाताओं को रिझाने का आरोप है। नायक को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
मुंबई में सुबह-सुबह मतदान करने वालों में केंद्रीय मंत्री शरद पवार, विलासराव देशमुख, उद्योगपति अनिल अंबानी, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे और क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर शामिल हैं।
महाराष्ट्र में मुख्य मुकाबला कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी [राकांपा] तथा भारतीय जनता पार्टी [भाजपा]-शिव सेना गठबंधन के बीच है। इनके अलावा कई छोटी पार्टियों के प्रत्याशियों और बागियों के राजनीतिक भाग्य का फैसला भी होना है।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को 139 और भाजपा-शिवसेना को 119 सीटे मिलीं थीं। इसके अलावा अन्य दलों तथा निर्दलियों ने 30 सीटों पर कब्जा जमाया था।
उधर, अरुणाचल के एक निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कुल 60 सीटों वाली विधानसभा की 57 सीटों पर मतदान सुबह सात बजे आरंभ हुआ। मुख्यमंत्री दोरजी खांडू सहित कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों के निर्विरोध चुन लिए जाने की वजह से अब 57 सीटों पर मतदान हो रहा है। खांडू तवांग जिले की मुक्तो सीट से वर्ष 1999 और 2004 में भी निर्विरोध निर्वाचित हुए थे।
अरुणाचल में लगभग 750,000 मतदाता 2,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान के अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करेगे। केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन [संप्रग] में कांग्रेस के साथ शामिल राकांपा और तृणमूल यहां कांग्रेस को चुनौती दे रहे है।
वर्ष 2004 के चुनाव में कांग्रेस ने 34 सीटें जीतीं थीं। इसके अलावा निर्दलीयों ने 13, भाजपा ने नौ और राकांपा व अरुणाचल कांग्रेस ने दो-दो सीटों पर जीत हासिल की थी।
हरियाणा में भी सुबह विधानसभा की सभी 90 सीटों के लिए मतदान आरंभ हो गया। राज्य में 1.31 करोड़ मतदाता कुल 1,222 उम्मीदवारों के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेगे।
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सज्जन सिंह ने बताया कि मतदान के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए है। मतदान के लिए तकरीबन 70,000 सरकारी कर्मचारियों को लगाया गया है। सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए लगभग 65,000 सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
नितिन शर्मा (news with us)
Monday, October 12, 2009
हनीमून पर भेजेगा मलेशिया
नितिन शर्मा (news with us)
Sunday, October 11, 2009
ओबामा को नोबेल यानी शांति के लिए एडवांस बुकिंग
काम देखते हैं, तो उसे सम्मानित करते हैं। जो समझदार लोग हैं, वे अच्छा काम करने के पहले भी सम्मानित कर देते हैं। इस तरह सम्मानित होने वाला व्यक्ति अच्छा काम करने के लिए बंध जाता है। वह सम्मानित किया जा चुका है, भला गलत कैसे कर सकता है।
ओबामा के नोबेल शांति पुरस्कार के मामले में भी यही हुआ है। बहुत सारे लोग समझ नहीं पा रहे हैं, भाई, इन्हें तो कुर्सी संभाले अभी नौ महीने ही हुए। विश्व शांति के लिए ऐसा कुछ किया भी नहीं है। फिर अचानक यह शांति पुरस्कार कैसे मिल गया? नोबेल कमिटी ने असल में उन्हें पहले ही सम्मानित कर शांति मिशन के लिए बांध दिया है। परशुराम ऋषि तो थे, पर बड़े क्रोधी थे। वह शिव के परम भक्त थे। इसलिए सीता स्वयंवर में जैसे ही राम ने शिव का धनुष तोड़ा, परशुराम गर्जन-तर्जन करते वहां आ पहुंचे। वह धनुष तोड़ने वाले को दंडित करना चाहते थे, मेरे आराध्य शिव का धनुष किसने तोड़ा? उनकी पहले ही सेवा-भगत हो गई होती तो शायद इसकी नौबत ही नहीं आती।
विश्व की शांति कैसे भंग हो सकती है? फिलहाल एक अमेरिका ही ऐसा देश है जो सिर्फ अपनी इच्छा से ऐसा कर सकता है। अगर खुद नहीं करे तो करवा सकता है। और दूसरे यदि शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हों तो उन्हें घुड़क कर शांति से बैठने को कह सकता है। विश्व शांति का सूत्र अमेरिका के हाथों में है। और उसका कर्ता-धर्ता है अमेरिका का राष्ट्रपति। इसलिए उसे ही शांति का रक्षक बना लिया जाए -पहले से ही यानी एडवांस बुकिंग।
जॉर्ज बुश जब राष्ट्रपति थे तो सामूहिक नरसंहार के हथियार (वीपन ऑफ मास डिस्ट्रक्शन) खोजते-खोजते आखिर इराक पर चढ़ बैठे। असल बात यह थी कि उन्हें सद्दाम का चेहरा पसंद नहीं था। उनके पहले रीगन ने अपने कार्यकाल में लंबे समय तक निकारागुआ में आतंकवाद को शह दिया था। अमेरिका का राष्ट्रपति ऐसा बहुत कुछ कर सकता है, जिससे शांति नष्ट हो जाए। इसलिए दुनिया के बहुत सारे विकसित और विकासशील राष्ट्र शांति की पहल और शांति की हिफाजत के लिए उसका मुंह देखते हैं।
नोबेल कमिटी ने भी इस बार यही किया है। उसने शांति की स्थापना के बदले इस बार शांति की संभावना के लिए यह पुरस्कार दिया है। ओबामा भाई, आप में क्षमता है, आप ही यह कर सकते हो। यह लो पदक और जरा फिनिश लाइन छू कर दिखा दो। यह अमेरिकी राष्ट्रपति को एक नैतिक दायित्व में बांधने जैसा है।
नोबेल कमिटी ने हर बार अच्छा काम करने के बाद ही अपना मेडल नहीं सौंपा है, काम के पहले भी सौंपा है और काम के बीच में भी। अमेरिका राष्ट्रपति वुडरो विल्सन के नेतृत्व में पहला विश्व युद्ध लड़ा था। यानी वे गांधी या बुद्ध की तरह अहिंसा के पुजारी नहीं थे। लेकिन 1919 में जैसे ही लड़ाई बंद हुई और उनके मुंह से 'लीग ऑफ नेशंस' की बात निकली, नोबेल कमिटी ने उनके गले में शांति का मेडल डाल दिया, ठीक है भाई, काफी लड़ चुके, अब शांति की स्थापना करो।
आप जानते हैं, फलस्तीन और इस्त्राइल का झगड़ा कभी खत्म नहीं होता, वह रात और दिन जैसी दूसरी कुदरती चीजों की तरह लगातार चलता ही रहता है। 1994 में अमेरिका फलस्तीनी नेता यासेर अराफात और इस्त्राइली प्रधानमंत्री यित्शाक राबिन को किसी तरह बहला -फुसला कर बातचीत की मेज तक ले आया। उन दोनों ने दो बार बैठ कर बात-वात की हाथ वगैरह मिलाया और नोबेल कमिटी तश्तरी में शांति पदक ले कर उनके सामने हाजिर हो गई। दोनों महानुभावों का बहुत-बहुत शुक्रिया, कम से कम आपने यह स्वीकार तो किया कि अंतिम चीज जो हासिल करनी है, वह युद्ध नहीं अमन ही है।
जब शांति का नोबेल सम्मान दिया जाता है, तो आप सिर्फ पात्र को मत देखिए, पदक देने के पीछे निहित भावना को भी देखिए। और एक शाश्वत तत्व वह भी है, जिसे हमारे गोस्वामी तुलसी दास ने रामचरित मानस रचने के पहले पहचान लिया था। उन्होंने अपने महाकाव्य में सबसे पहले उनकी प्रार्थना की, जो नाराज हो कर अनिष्ट कर सकते थे।
नितिन शर्मा (news with us)
अमेरिकी पत्रकार को बुरी तरह पीटा
नितिन शर्मा (news with us)
जिंदगी इक सफर है सुहाना
नितिन शर्मा (news with us)
राहुल को संघ ने सराहा
इससे पहले भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी राहुल की सराहना कर चुके हैं जबकि सपा सांसद जयाप्रदा ने कहा है कि वह राहुल को प्रधानमंत्री के रूप में देखने की इच्छुक हैं। उल्लेखनीय भाजपा ने राहुल की यात्राओं को ढोंग करार दिया था।
नितिन शर्मा (news with us)
94 का दूल्हा, 87 की दुल्हन
नितिन शर्मा (news with us)
वैज्ञानिक की बलि का प्रयास
सदमें में सुशीलहादसे के बाद से सुशील सदमे में हैं और बहुत कुछ बोल नहीं पा रहे। डर के मारे उन्होंने पुलिस में शिकायत भी नहीं की, लेकिन बीती रात उनकी पत्नी श्रद्धा शर्मा ने विश्वविद्यालय थाने में पुलिस को घटना की जानकारी दी। श्रद्धा के मुताबिक उसने पुलिस से पहले डीआरडीई के निदेशक को भी घटना बताई थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
पुलिस को संस्थान में घुसने नहीं दिया शनिवार को जब विश्वविद्यालय थाने की पुलिस मामले की जानकारी करने के लिए संस्थान गई, तो उसे संस्थान में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। दूसरी ओर दोनों आरोपी वैज्ञानिक संस्थान से चले गए हैं। कहां गए हैं, इसके बारे में भी संस्थान कुछ भी नहीं बता रहा।
कामेश्वर राव और भास्कर ने तंत्र-मंत्र के लिए मेरे पति की बलि देने की कोशिश की है। दोनों पहले भी तंत्र-मंत्र करते थे, उन्होंने तंत्र-मंत्र की कई किताबें दतिया से मंगवाईं थीं, जिनको मैंने खुद लाकर दी थीं।'- श्रद्धा शर्मा, वैज्ञानिक सुशील शर्मा की पत्नी
'वैज्ञानिक की पत्नी ने पूरे मामले की जानकारी दी है। वैज्ञानिक सदमे में है। जांच टीम संस्थान गई थी, लेकिन उन्होंने कोई सहयोग नहीं किया। फिलहाल हम मामले की जांच कर रहे हैं।' - उमेश गर्ग, जांच अघिकारी
तबीयत खराब होने के बहाने बुलायासुशील की पत्नी श्रद्धा के मुताबिक, छह-सात अक्टूबर की रात सुशील को उनके मित्र एवं सीनियर वैज्ञानिक ए.बी.एस. भास्कर ने फोन कर संस्थान के सीनियर वैज्ञानिक एम. कामेश्वर राव की तबीयत खराब होने की बात कही। भास्कर ने उन्हें कामेश्वर के घर पहुंचकर मिलने के लिए बोला। वह रात करीब 11 बजे कामेश्वर के घर पहुंचे। वहां पर कामेश्वर और भास्कर पूजा-पाठ में लगे हुए थे। ऎसे में वह वहां बैठ गए।
नितिन शर्मा (news with us)
पाक: कमांडो कार्रवाई खत्म, बंधक छुड़ाए
सेना के शीर्ष प्रतिष्ठान पर हमले के बाद हथियारों से लैस आतंकी इस इमारत में छिपे हुए थे। सेना के मुख्य प्रवक्ता मेजर जनरल अतहर अब्बास ने बताया कि अभियान खत्म हो गया। हमने बड़ी तादाद में बंधकों को बचा लिया है।
उन्होंने बताया, अभियान के पहले चरण में 25 बंधकों को बचाया गया और बाद में पांच और बंधकों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
अब्बास ने बताया कि कमांडो ने चार आतंकियों को मार गिराया। इनमें कुछ ऐसे आतंकी भी शामिल हैं जिन्होंने आत्मघाती जैकेट पहन रखा था। अभियान के दौरान तीन बंधकों की भी मौत हो गई।
गौरतलब है कि कल आतंकियों के एक समूह ने राइफलों और ग्रेनेड के साथ रावलपिंडी में सेना मुख्यालय पर हमला किया था और कई सुरक्षाकर्मियों को बंधक बना लिया था। इस घटना में शनिवार को चार हमलावर और छह सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।
कुल मिलाकर, इस हमले में 19 लोग मारे गए। इनमें छह सैनिक, दो कमांडो, आठ आतंकी और तीन बंधक शामिल हैं।
इस इलाके में अन्य आतंकियों की मौजूदगी का पता लगाने और उनका सफाया करने के लिए अभियान चला रहे हैं। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली है।
विशेष सेवा ग्रुप के कमांडो ने बंधकों को मुक्त कराने के लिए यह अभियान स्थानीय समय के मुताबिक सुबह छह बजे से कुछ मिनट पहले चलाया।
अब्बास ने बताया कि इमारत के अंदर छिपे हुए पांच आतंकियों में से एक भाग निकला, लेकिन बाद में उसका पीछा कर उसे पकड़ लिया गया। भागने की कोशिश करने वाला आतंकी घायल था और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
आतंकियों ने शनिवार को सेना मुख्यालय के बाहर एक चेकपोस्ट के नजदीक छह सैनिकों की हत्या कर दी थी। इनमें एक ब्रिगेडियर और लेफ्टिनेंट कर्नल भी शामिल हैं। इनमें से चार आतंकियों के मारे जाने के बाद बाकी बचे आतंकी सैन्य खुफिया विभाग के एक कार्यालय के अंदर छिप गए। उन्होंने कई सुरक्षाकर्मियों और असैन्य कर्मचारियों को बंधक बना लिया।
सैन्य अधिकारियों ने आतंकियों से बात करने से इंकार कर दिया था। आतंकियों के छिपे होने के मद्देनजर इलाके की बिजली काट दी गई थी।
टीवी चैनलों की खबर के मुताबिक कमांडो ने एक आत्मघाती हमलावर को मार गिराने के बाद इमारत के एक कमरे से 22 बंधकों को मुक्त करा लिया।
लेकिन एक बात तो साबित होती जा रही है की जो दुसरो के लिए खड्डा खोदते है वाही उसमे गिरते है..........
नितिन शर्मा (news with us)
आखिर गांधी को क्यों नहीं मिला नोबेल ?
हालांकि तीन बार गांधी जी के नाम का चयन किया गया, लेकिन हर बार चयन समितियों ने अलग-अलग कारण बताकर उन्हें यह पुरस्कार नहीं मिलने दिया। चयन समितियों ने गांधी जी को नोबेल न मिलने के कई कारण बताए जैसे कि 'वह अत्यधिक भारतीय राष्ट्रवादी थे' और वह 'बार-बार ईसा [शांति दूत] के रूप में सामने आते थे, लेकिन अचानक से साधारण राजनीतिज्ञ बन जाते थे। एक समिति का विचार था कि 'गांधी असल राजनीतिज्ञ या अंतरराष्ट्रीय कानून के समर्थक नहीं थे, न ही वह प्राथमिक तौर पर मानवीय सहायता कार्यकर्ता थे तथा न ही अंतरराष्ट्रीय शांति कांग्रेस के आयोजक थे।'
गांधी जी ने विश्व को यह दिखाया कि कि सत्याग्रह के जरिए कुछ भी हासिल किया जा सकता है। उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए 1937, 1938, 1939, 1947 और अंत में जनवरी 1948 में शहादत से पहले नामांकित किया गया। नोबेल फाउंडेशन के अनुसार गांधी को 1937 में जब पहली बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया तो चयन समिति के सलाहकार प्रोफेसर जैकब वोर्म मुलर ने उनके बारे में आलोचनात्मक टिप्पणी की। जैकब ने अपनी टिप्पणी में कहा कि नि:संदेह वह [गांधी] अच्छे, आदर्श और तपस्वी व्यक्ति हैं। एक ऐसे व्यक्ति हैं जो सम्मान के योग्य हैं और लोग जिन्हें प्यार करते हैं, लेकिन उनकी नीतियों में कुछ ऐसे मोड़ हैं जिनकी उनके अनुयायी भी मुश्किल से संतोषजनक व्याख्या कर पाते हैं। वह एक स्वतंत्रता सेनानी और एक तानाशाह हैं, एक आदर्शवादी और राष्ट्रवादी। वह बारबार शांति दूत के रूप में उभरकर सामने आते हैं, लेकिन अचानक से एक साधारण राजनीतिज्ञ बन जाते हैं।
वोर्म मुलर ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि गांधी जी 'सुसंगत रूप से शांतिवादी' नहीं थे और उन्हें यह पता रहा होगा कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ उनके कुछ अहिंसक आंदोलन हिंसा और आतंक में बदल जाएंगे। उन्होंने यह टिप्पणी 1920-1921 में गांधी जी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन के संदर्भ में की जब भीड़ ने चौरीचौरा में एक पुलिस थाने को जला दिया था और कई पुलिसकर्मियों को मार दिया तब दी थी। मुलर ने चयन समिति को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गांधी अत्यधिक भारतीय राष्ट्रवादी थे। उनके बारे में कहा जा सकता है कि दक्षिण अफ्रीका में उनका संघर्ष सिर्फ भारतीयों की ओर से था, न कि उन अश्वेतों की ओर से जिनकी हालत अत्यंत दयनीय थी। गांधी जी को नोबेल के लिए 1938 और 1939 में भी नामांकित किया गया, लेकिन दूसरी बार उनके नाम का चयन भारत के आजाद होने के बाद 1947 में किया गया।
स्वतंत्रता सेनानी गोविन्द वल्लभ पंत बीजी खेर उन व्यक्तियों में शामिल थे जिन्होंने उन्हें नामांकित किया। उस समय नोबेल समिति के तत्कालीन सलाहकार जेन्स अरुप सीप की रिपोर्ट हालांकि उतनी आलोचनात्मक नहीं थी जितनी कि वोर्म मुलर की थी। हालांकि उस समय समिति के अध्यक्ष गुनर जान ने अपनी डायरी में लिखा कि यह बात सच है कि नामांकित व्यक्तियों में गांधी सबसे बड़ी हस्ती हैं। उनके बारे में बहुत सी अच्छी चीजें कही जा सकती हैं, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि गांधी सिर्फ शांति तपस्वी ही नहीं, वरन सर्वप्रथम और अग्रिम मोर्चे पर वह एक देशभक्त हैं।
जान ने कहा कि इसके अतिरिक्त हमें यह बात भी दिमाग में रखनी चाहिए कि गांधी भोले-भाले नहीं हैं। वह एक दक्ष न्यायविद और वकील हैं। गांधी जी को 11 साल में तीसरी बार 1948 में चयनित किया गया, लेकिन इसी वर्ष जनवरी में उनकी हत्या हो गई। इस घटना के चलते नोबेल समिति इस माथापच्ची में लग गई कि उन्हें मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार दिया जाए या नहीं।
गांधी जी को 1948 में यह पुरस्कार इसलिए नहीं मिल पाया। क्योंकि नोबेल समिति ने यह कहकर इस साल किसी को भी पुरस्कार नहीं देने का फैसला किया कि इसके लिए कोई 'योग्य जीवित उम्मीदवार' नहीं है। समिति के सलाहकार सीप ने गांधी जी के जीवन के अंतिम पांच महीनों में उनकी गतिविधियों पर एक रिपोर्ट लिखी। उन्होंने लिखा कि गांधी ने जीवनभर आदर्शो के जरिए अपने काम और राजनीति में जिस तरह की अमिट छाप छोड़ी, वह देश और देश के बाहर बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा के रूप में काम करती रहेगी।
इस संदर्भ में गांधी की तुलना सिर्फ धर्म संस्थापकों से की जा सकती है। समिति ने किसी को मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार देने की संभावना की तलाश की, लेकिन वह खुद संदेहों से घिरी थी। उस समय नोबेल फाउंडेशन के नियमों के अनुसार विशेष परिस्थितियों में किसी को मरणोपरांत नोबेल पुरस्कार दिया जा सकता था, इसलिए गांधी जी को यह पुरस्कार दिया जाना संभव था, लेकिन गांधी किसी संगठन से संबंधित नहीं थे।
रिपोर्ट में लिखा गया कि गांधी ने कोई संपत्ति और वसीयत नहीं छोड़ी। उनके मरणोपरांत पुरस्कार राशि किसे दी जाए, इस बारे में पुरस्कार प्रदाता स्वीडिश संस्थानों ने चर्चा की, लेकिन उत्तर नकारात्मक रहा। उन्होंने सोचा कि मरणोपरांत पुरस्कार तभी दिया जा सकता है जब विजेता का निधन समिति के फैसले के बाद हो।
साभार : google न्यूज़ से लिया गया
नितिन शर्मा (newswithus)
मुझे एक ठोकर लगी
में आज अपने ब्लॉग पर कई दिनों बाद लिख रहा हु..क्युकी जुलाई में मेरे साथ कुछ ऐसी आप बीती हो गई थी की मैं एक दम उदास या फिर ऐसा कह सकत्ते है की मुझे एक ठोकर लगी जिससे मुझे यह पता चला की जल्दबाजी में लिया गया फ़ैसला कैसा अंजाम दे सकता है 20 अप्रैल 2009को मैंने tv99 rajasthan चैनल ज्वाइन किया था जब मुझे पाली और सिरोही के लिए रिपोर्टर नियुक्त किया गया तो मुझे खुशी हुई की मुझे रीजनल चैनल में काम करने को मिल रहा है kयुकी मुझे इतनी कम उम्र में एक रीजनल चैनल के साथ काम करने को मिलेगा लेकिन मुझे पता नही था की यह मुझे आगे भी बहुत दुःख देगा क्युकी मेरे द्वारा जल्दबाजी में लिया गया यह फ़ैसला एक दम गलत था जो मैंने इस चैनल से उम्मीदे लगे थी वो धीरे धीरे टूटने लगी और एक समय ऐसा आया की मैंने अपने आप का हौसला खो दिया यही नही मेरा आत्मविश्वास भी पुरी तरेह से टूट चुका था क्युकी मेरे द्वारा की गई 5 महीने की मेहनत का कोई मेहताना नही मिला था खेर पैसा अपनी जगह है लेकिन सबसे बड़ी बात मैंने इस चैनल से जो सपने पाले थे या फिर यु कहिये की जो मैंने इस चैनल से उम्मीदे लगाई थी वो पुरी तरह से टूट चुके थे खेर जो भी होता है अच्छे के लिए होता है किसी ने सही कहा है इंसान ठोकर खाकर ही सीखता है.और मुझे इस ठोकर से सिख मिलीमैं यह भी नही कहूँगा की चैनल एक दम गलत था यदि ऐसा होता तो मुझे 6 महीने या फिर 7 महीने का अनुभव कहा से मिलता जो भी मैंने यहाँ से सिखा वो मेरी जिंदगी में एक अनुभव के रूप में जुडा ताकि मैं यह कह सकू की मैंने7 महीने रीजनल चैनल में काम किया है जो भी हुआ था वो मेरी किस्मत में लिखा था लेकिन यहाँ से मैंने एक बात jarur sikhi की इंसान को हमेशा अपनी मेहनत पे dhayaan देना चाहिए कोई भी सही या गलत नही होता है बस वो आपके upper है की आप उसे किस तरह से लेते है और मैंने इसे एक positive tarike से लिया जो मुझे लगता है आगे मेरी jidagi में बड़ा काम आएगा अब मैं फिर से अपनी नई पारी की shruvaat kr रहा हु
जयदीप पुरोहित के ब्लॉग life is game se साभार लिया गया .......और अधिक जानने के लिए इनके ब्लॉग पर visit करे ..........
नितिन शर्मा (news with us)
Saturday, October 10, 2009
परमाणु वैज्ञानिक गिरफ्तार
ब्रिटिश समाचार पत्र 'द टाइम्स' के अनुसार इस 32 वर्षीय वैज्ञानिक और उसके भाई को पूर्वी फ्रांस में विनी स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया। उस पर उत्तरी अफ्रीकी विद्रोही संगठनों को यूरोप के आतंककारी लक्ष्यों की सूची मुहैया कराने का आरोप है।
संदेश के आधार पर गिरफ्तारीसीक्रेट एजेंटों ने बताया कि उनके दल ने एक संदेश पकडा था जिसमें फ्रांस में आतंककारी हमले की दृष्टि से महत्वपूर्ण लक्ष्यों की सूची दी गई थी। उनका मानना है कि भौतिक विज्ञानी आतंककारी गुट अल महगरेब से जुडा हुआ था। अल महगरेब वर्ष 2007 में अलकायदा से जुड गया था।
18 महीने से नजर खुफिया सूत्रों ने बताया कि भौतिक विज्ञानी ने आतंककारी हमले की इच्छा जताई थी, लेकिन अल महगरेब ने उसे हमला करने के लिए साजो सामान नहीं दिए। वैज्ञानिक पर पिछले 18 महीने से नजर रखी जा रही थी। वैज्ञानिक के भाई को भी अलकायदा से सम्पर्क रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के दौरान उनके घर से दो कम्प्यूटर और तीन हार्ड डिस्क बरामद हुई।
आतंकवाद पर वैश्विक कानूनी शिकंजा होसंयुक्त राष्ट्र। आतंकवाद को बेहद खतरनाक बताते हुए भारत ने आतंकवाद से लडने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचे को तत्काल मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौता करने पर जोर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप पुरी ने यूएन के अपराध निवारण एवं अपराधिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ नियन्त्रण की तीसरी समिति के 64वें सत्र में बोलते हुए कहा कि काबुल में भारतीय दूतावास पर तालिबानी हमले के बाद यह आवश्यक है कि इस तरह के हमलों के षडयन्त्रकारियोंके खिलाफ प्रस्ताव अब मजबूत और दृढ तरीके से पास हो।
पुरी ने कहा कि सीसीआईटी संयुक्त राष्ट्र के समक्ष वर्षो से विचार के लिए है और वास्तव में सीसीआईटी पर कार्य समूह की बैठक अब है। उन्होंने कहा कि भारत दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है और सभी देशों के लिए आतंकवाद गम्भीर खतरा है। भारत के राजनयिक अभियानों को भी निशाना बना गया है। जुलाई 2008 में काबुल में भारतीय दूतावास पर कायरतापूर्ण हमला हुआ था जिसमें भारतीय राजनयिकों, सुरक्षाबलों और अफगानी नागरिकों समेत अनेक लोगों की जानें गईं थीं। पुरी ने कहा कि भारत ने काले धन को सफेद बनाने, आतंकवाद से लडने और संगठित अपराध रोकने के वास्ते संयुक्त कार्यक्रम बनाने के लिए अनेक देशों से द्विपक्षीय संधि की है।
नितिन शर्मा (news with us)
क्रिकेटर गगनदीप की हत्या, आरोपी गिरफ्तार
घटना के समय गगनदीप शहर के लालकुर्ती थाना क्षेत्र स्थित हंडिया मोहल्ला की एक दुकान में कबाब खाने आए थे। घटना को लेकर इलाके के लोगों में गहरा रोष है। घटना के विरोध में शनिवार को लालकुर्ती बाजार बंद है।
पुलिस के अनुसार हंडिया मोहल्ले में शहनवाज का मकान है जिसके निचले हिस्से में कबाब की दुकान है। शुक्रवार रात क्रिकेटर गगनदीप अपने साथी अंकितपाल के साथ कबाब खाने आए। तभी वहां एक आल्टो कार आई और उसमें से निकले एक बदमाश ने कबाब विक्रेता से जल्दी कबाब देने को कहा। दुकान में उस समय काफी भीड़ होने के कारण शहनवाज ने उसे थोड़ा इंतजार करने को कहा।
इस पर बदमाश ने शहनवाज को गाली देनी शुरू कर दी। तभी कार में सवार एक अन्य बदमाश मुंह पर कपड़ा बांध कर आया और उसने रिवाल्वर निकाल कर शहनवाज की तरफ गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
गोलीबारी में शहनवाज के साथ ही वहां खड़े होकर कबाब खा रहे यूपी अंडर 22 के क्रिकेटर गगनदीप और पड़ोस की दुकान का चाय विक्रेता शरीफ भी घायल हो गया। गोलीबारी करने के बाद बदमाश जिस कार से आए थे, उसी में सवार होकर माल रोड की तरफ फरार हो गए।
बुरी तरह जख्मी लोगों को मोहल्ले के लोग तुरंत नजदीकी अस्पताल में ले गए जहां गगनदीप और शहनवाज को मृत घोषित कर दिया गया। अभी तक घटना की रिपोर्ट दर्ज नही हो सकी है।
गगनदीप कानपुर का रहने वाला था और यहां अंडर 22 सीके नायडू क्रिकेट मैच खेलने आया हुआ था। वह यहां क्रिस्टल होटल में ठहरा हुआ था। घटना में उसका दोस्त बाल-बाल बच गया।
पुलिस उपमहानिरीक्षक एम के बशाल ने शनिवार सुबह बताया कि मृतक के परिजनों को रात में ही सूचना दे दी गई थी। फिलहाल घटना के बारे में कुछ पता नहीं चल सका है। अलबत्ता प्रथम दृष्टया लगता है कि बदमाश शहनवाज को मारने के इरादे से आए थे, लेकिन बचाव करने के चक्कर में गगनदीप भी गोली का शिकार बन गया।
घटना के पीछे हमलावरों की शहनवाज के साथ रंजिश कारण हो सकती है। इस बारे में मृतक के परिजनों से पूछताछ की जा रही है।
दूसरी ओर, अपर पुलिस महानिदेशक [कानून व्यवस्था] एके जैन ने लखनऊ में बताया कि गगनदीप ने शहनवाज को गोली मारकर भाग रहे बदमाशों को पकड़ने की कोशिश की थी और इसी कारण बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। इस बीच, हत्या में नामजद आरोपी राहुल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
डीआईजी एम के बशाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि राहुल ने घटना के समय अपने साथ मौजूद दो अन्य युवकों के नाम भी बता दिए है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। डीआईजी ने बताया गगनदीप घटना के समय वहां खड़ा था इसलिए वह भी गोलीबारी की चपेट में आ गया।
नितिन शर्मा (news with us)
बिग बॉस से बाहर हुई राखी की मां
जया के खिलाफ शो के नौ लोगों ने वोट किया। सब लोगों का कहना था कि जया शो में उम्र में सबसे बड़ी है और अच्छा नही महसूस कर रही है इसलिए उन्हें बाहर हो जाना चाहिए।
आईटम गर्ल शर्लिन चोपड़ा और अभिनेता और निर्देशक कमाल खान के नाम भी इस सूची में शामिल थे। शो से बाहर निकलते समय जया ने राजू श्रीवास्तव व अन्य प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं दी।
जया के निकलने से पहले बिग बी ने उनसे शो में सबसे ज्यादा कपड़ो पर समय बर्बाद करने वाले के बारे में पूछा तो उनका जवाब था डिजाइनर रोहित वर्मा। अब अगले एक हफ्ते तक रोहित को कपड़ो पर कम समय लगाना होगा।
नितिन शर्मा (news with us)
Friday, October 9, 2009
ओबामा को शान्ति नोबेल पर हैरत!
चंद दिन पहले पद सम्भाला
बराक ओबामा ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की अंतिम तिथि एक फरवरी से 12 दिन पहले राष्ट्रपति पद संभाला था। वैसे नोबेल समिति ने खुद स्वीकार किया है कि ओबामा को यह पुरस्कार उपलब्धियों से अधिक उनके इरादों और कोशिशों के लिए दिया जा रहा है। समिति ने ओबामा के परमाणु हथियार रहित विश्व के दृष्टिकोण को महत्वपूर्ण करार दिया है। उल्लेखनीय है कि भारी जीत के बाद बराक ओबामा ने अमरीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति के तौर पर 20 जनवरी 2009 को शपथ ली थी।
नोबेल समिति की दलील
शांति के सर्वो“ा पुरस्कार के लिए ओबामा का चयन करने वाली नोबेल समिति का कहना है कि ओबामा जैसी शख्सियत वाले बहुत कम लोग होते हैं, जो दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करके लोगों में सुखद भविष्य की आस जगाते हैं। समिति के अनुसार उनकी कूटनीति का आधार यही है कि दुनिया का नेतृत्व करने वाले लोग उन्हीं मूल्यों और विचारों को आधार बनाएं, जिन्हें दुनिया की बहुसंख्यक आबादी मानती है। ओबामा को यह पुरस्कार ओस्लो में 10 दिसम्बर को आयोजित होने वाले समारोह में प्रदान किया जाएगा।
बराक और विश्व शांति
* आतंककारी संगठनों के प्रति पाकिस्तानी सेना व खुफिया एजेंसी की संदिग्ध भूमिका के बावजूद पाक की आर्थिक मदद तीन गुना करने का निर्णय।
* ग्वांटोनामो कैदियों की रिहाई में देरी।
* पाक व अफगानिस्तान में तालिबान के सफाए के प्रयास, खास सफलता नहीं।
* इराक व अफगानिस्तान में विदेशी सेनाएं बरकरार
* ईरान व उत्तर कोरिया के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम छोडने के लिए राजी करने के प्रयास नाकाम।
नितिन शर्मा (news with us)
डुमिनी के तूफ़ान में उड़े रॉयल चैलेंजर्स
बैंगलोर के चेन्नास्वामी स्टेडियम में गुरुवार को दीवाली से पहले रनों की ज़ोरदार आतिशबाज़ी हुई. दक्षिण अफ्रीकी लीग टीम केप कोबरा के बल्लेबाज़ जीन पॉल डुमिनी ने 52 गेंदों में 99 रन ठोककर अपनी टीम को जीत भी दिला दी और दर्शकों का भी पैसा वसूल करा दिया.
हालांकि डुमिनी जब 74 रन पर थे तो मैच पूरी तरह फंसा हुआ था. लेकिन तभी कुंबले ने उनका एक कैच टपका दिया. ये कैच छोड़ना दोनों टीमों के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. हार के बाद कप्तान कुंबले ने भी उस कैच का ज़िक्र करते हुए कहा कि ख़राब फील्डिंग उन्हें ले डूबी.
इससे पहले आईपीएल-2 की उप विजेता टीम रॉयल चैंलेजर्स बैंगलोर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया. लाल जर्सी में पारी शुरू करने जॉक कैलिस और रॉबिन उथप्पा क्रीज़ पर आए. लेकिन तीसरे ही ओवर में कैलिस चकमा खाकर पैवेलियन लौट गए. उन्होंने आठ रन बनाए.
शुरुआती झटके के बाद उथप्पा का साथ देने राहुल द्रविड़ आए. द्रविड़ धीमे धीमे रन बनाते रहे जबकि उथप्पा ने अपनी स्टाइल के मुताबिक़ प्रदर्शन करते हुए 39 गेंदों में 51 रन ठोंक दिए. 12वें ओवर में रन गति और बढ़ाने के चक्कर में उथप्पा आउट हो गए. लेकिन इसके बाद भी गेंदबाज़ों की सुताई का काम न्यूज़ीलैंड रॉस टेलर ने जारी रखा. टेलर ने 23 गेंदों शानदार 53 रन की नाबाद पारी खेली. इस तरह रॉयल चैंलेजर्स ने निर्धारित 20 ओवर में 180 रन बनाए.
इसके बाद मेहमान टीम लक्ष्य का पीछा करने उतरी. लेकिन पहली ही गेंद पर हर्शेल गिब्स पैवेलियन लौट गए. दूसरा झटका भी जल्द लगा, पुटिक भी 11 रन से ज़्यादा लंबी पारी नहीं खेल सके. लेकिन इसके बाद टी-20 के मास्टर खिलाड़ी डुमिनी मैदान पर उतरे. उन्होंने सबसे पहले विपक्षी टीम के कप्तान और स्टारलेगी के नाम से मशहूर अनिल कुंबले पर ही सीधा हमला बोला. पूरी लय में दिखाई पड़े डुमिनी ने बैंगलोर के किसी भी गेंदबाज़ को नहीं बख़्शा. प्रवीण कुमार, कैलिस, विनय कुमार और विराट कोहली सबकी ख़ूब धुनाई की.
देखते ही देखते 180 का स्कोर भी छोटा पड़ गया और दो गेंद पहले ही केप कोबरा को जीत मिल गई। पूरे मैच में वन मैन आर्मी की तरह प्रदर्शन करने वाले डुमिनी को मैन ऑफ़ द मैच चुना गया.
नितिन शर्मा ( news with us)
"ख़ुश होकर लौटा कॉमनवेल्थ प्रतिनिधिमंडल"
दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कॉमनवेल्थ खेलों की आयोजन समिति से मिलकर अपने "संदहों को दूर कर लिया है. मुझे लगता है कि वे ख़ुश होकर वापस लौटे हैं. उनके कुछ संदेह थे जो उन्हें दूर करने थे."
दीक्षित ने विश्वास जताया कि दिल्ली में "बढ़िया कॉमनवेल्थ खेल होंगे." खेलों की सुस्त तैयारियों को देखते हुए कॉमनवेल्थ खेल संघ के अध्यक्ष मिशेल फ़ेनेल और दूसरे सदस्यों ने गुरुवार को खेलों के लिए बन रहे स्टेडियमों और अन्य सुविधाओं का जायज़ा लिया. दिल्ली में ठीक एक साल बाद कॉमनवेल्थ खेल होने हैं.
लेकिन 11 मुख्य आयोजन स्थलों में से अधिकांश पर काम देरी से चल रहा है. मुख्य स्टेडियम की छत बनाने का काम हाल ही में शुरू हुआ है और मेट्रो लाइनों और एयरपोर्ट रेल लिंक पर काम ज़ोरशोर से चल रहा है.
2010 में होने वाले कॉमनवेल्थ खेल भारत के लिए 1982 में हुए एशियाड के बाद किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय गेम्स के आयोजन का पहला मौक़ा है. इसमें राष्ट्रमंडल के 71 सदस्य देश और क्षेत्र हिस्सा लेते हैं.
नितिन शर्मा (news with us)
इटली में बुरक़े पर बैन की वकालत
इस वक़्त इटली में बुऱकों के ख़िलाफ एक आंशिक प्रतिबंध है लेकिन प्रस्तावित क़ानून के बाद ''धार्मिक कारणों से पहने गए वस्त्रों“ पर प्रतिबंध लग जाएगा. प्रधानमंत्री बेरलुस्कोनी की समर्थक नार्थर्न पार्टी दलील दे रही है कि इस कानून के लागू होने से सुरक्षा की स्थिति बेहतर होगी.
दरअसल नार्थर्न लीग पार्टी का कहना है कि 1975 में बने इस कानून में बदलाव की ज़रुरत है. पार्टी के मुताबिक इस क़ानून को देश में छिपकर लड़ने वाले इटली के ही सरकार विरोधी गुटों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया था. लेकिन अब इसी क़ानून के दायरे दूसरे देशों आने वाले नागरिकों को भी शामिल जाना चाहिए.
नॉर्थर्न लीग के प्रमुख रोबेर्तो कोता ने कहा कि इस प्रस्ताव से सुरक्षा बेहतर होगी. लेकिन इसके ख़िलाफ़ भी कई आवाज़ें उठ रही हैं.
मारियो स्कियालोया, पूर्व राजनयिक और इटली के इस्लामी सांसकृतिक केंद्र के प्रमुख कहते हैं कि यह प्रस्ताव इस्लामी समुदाय को समाज से अलग करेगा. उन्होंने इटली की सरकार से विनती की कि वह मुस्लिम महिलाओं का सम्मान किया जाए. विपक्ष की नेता दोनातेला फेर्रांती ने कहा कि यह प्रस्ताव असंवैधानिक है क्योंकि यह धार्मिक स्वतंत्रता को रोकता है.
कुछ अन्य नेताओं का भी मानना है कि बुरक़ा अपने आप में महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन है. स्कियालोया खुद ही कहते हैं कि बुरक़े को लेकर क़ुरान में कुछ नहीं लिखा गया है.
इस बीच प्रधानमंत्री बर्लुस्कोनी के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप की वजह से सत्ताधारी पार्टी वैसे ही दबाव में है। और इस प्रस्ताव से सरकार की परेशानियां घटने के बजाए बढ़ ही रही हैं.
नितिन शर्मा (news with us)
पेशावर में फिर धमाका, 41 मरे (1 घंटा पहले की घटना)
प्रांतीय स्वास्थ्य मंत्री सैयद अली ज़ाहिर शाह ने कहा है कि इस धमाके में 41 लोग मारे गए हैं और 100 से ज़्यादा घायल हो गए हैं. ख़ैबर बाज़ार इलाक़े में हुए इस विस्फोट से साफ़ हो गया है कि उग्रवादियों के ख़िलाफ़ सेना के व्यापक अभियान के बावजूद वे अब भी बड़े शहरों में हमले करने में सक्षम हैं.
स्थानीय टीवी चैनलों पर दिखाई जा रही तस्वीरों के मुताबिक़ अस्पताल के कमरे घायलों से भरे हुए हैं. प्रांतीय सूचना मंत्री मियां इफ़्तिखार हुसैन ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा, "मौत तो एक दिन आनी ही है, लेकिन हम इन आतंकवादियों का पीछा करेंगे और यह हमला हमारे हौसले को कमज़ोर नहीं कर सकता." चंद दिनों पहले ही पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में संयुक्त राष्ट्र के दफ़्तर पर हमला हो चुका है जिसमें पांच लोगों की जानें गईं. दो हफ़्ते पहले भी पेशावर में एक धमाका हुआ जिसमें 11 लोग मारे गए.
शुक्रवार को पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र दफ़्तर पर हुए हमले के सिलसिले में एक संदिग्ध को गिरफ़्तार किया गया है. मलिक के मुताबिक़ इस व्यक्ति ने हमलावर को शरण दी थी, लेकिन उससे बहुत कम जानकारी मिल पाई है.
इससे पहले शुक्रवार को ही उग्रवादियों ने तेल ले जा रहे एक टैंकर को आग लगा दी। यह टैंकर अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिका और नैटो के सैन्य ठिकानों की तरफ़ जा रहा था. पेशावर में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस हमले में किसी को चोट नहीं आई है.
नितिन शर्मा (news with us)
Thursday, October 8, 2009
भारतीय दूतावास पर हमला, 17 मरे
अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने बताया कि मृतकों में अधिकतर आम नागरिक हैं। भारतीय समयानुसार गुरूवार सुबह 9 बजकर 27 मिनट पर उच्च सुरक्षा वाले इलाके में यह धमाका हुआ, जहां भारतीय दूतावास के अलावा अफगानी गृह मंत्रालय की भी इमारत है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इलाके की दूसरी इमारतों के खिडकी-दरवाजे हिल गए और धुआं उठता दिखाई दिया। धमाके से दूतावास की एक दीवार को क्षति पहुंची है। तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
बर्बर कार्रवाई-करजई
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने घटना की निंदा करते हुए इसे एक बर्बर कार्रवाई करार दिया है। वहीं, अमरीका ने भी हमले की निंदा करते हुए चिंता जाहिर की है। भारत में अमरीकी राजदूत टिमोथी रोमर ने कहा कि अमरीका, भारत और आतंकवाद से पीडितों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है।
मैंने अपने आवास से विस्फोट की जो आवाज सुनी, वह जुलाई 2008 की ही तरह थी। दूतावास का कोई कर्मचारी घायल नहीं हुआ है। हालांकि, दूतावास परिसर के कुछ हिस्से को नुकसान हुआ है।
- जयन्त प्रसाद, अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत
पहले भी
7 जुलाई 08 को भी दूतावास को निशाना बना धमाका किया गया था। इसमें एक भारतीय ब्रिगेडियर और विदेश सेवा के एक अफसर सहित 44 लोगों की मौत हो गई थी।
नितिन शर्मा (news with us)
बापू का घर खरीदेगी कोल इंडिया
नितिन शर्मा (news with us)
Tuesday, October 6, 2009
दुनिया की एक तिहाई बालवधू भारत में
मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण एशियाई देशों में जन्म लेने वाले बच्चों में से आधे से अधिक बच्चों का पंजीकरण ही नहीं कराया जाता। ऎसे बच्चे सरकारी संरक्षण न होने से स्कूल का मुंह नहीं देख पाते और उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पातीं।
मानसिक बीमारियां भीरिपोर्ट के अनुसार लाखों बच्चे बहुत ही कठिन परिस्थितियों में काम करने को मजबूर हैं और हिंसा के शिकार हैं। उन्हें बाहर और घर पर अपशब्दों की बौछारें सुनने को मिलती हैं। इससे उनको मानसिक बीमारियां जकड लेती है और वे तरह-तरह के रोगों की गिरफ्त में आ जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा का स्तर बढने और बाल विवाह पर रोक लगने के बावजूद सामाजिक प्रथाओं और धार्मिक मान्यताओं के चलते आंकडों में कोई कमी नहीं आई है। भारत की तरह नेपाल और पाकिस्तान में भी यही हाल है।
नितिन शर्मा (news with us)
कंप्यूटर टीचर का गैंग रैप
नितिन शर्मा (news with us)
सलामत रहे संसद भवन
हरिहर स्वरुप (राजथान पत्रिका से साभार लिया गया )
रो पडी उडनपरी
सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण साई मध्य क्षेत्र केन्द्र में खेल हॉस्टल व प्रशिक्षक निवास के उद्घाटन और एमपी एथलेटिक्स एसोसिएशन की मेजबानी में मंगलवार से शुरू होने वाली सीनियर एथलेटिक्स स्पर्धा में भाग लेने के लिए जब पी. टी. ऊषा सुबह विमान से भोपाल पहुंची तो उन्हें वहां लेने कोई नहीं आया था। जैसे-तैसे टेक्सी से वो साईं सेन्टर तक पहुंची औंर जब वहां अधिकारियो से पूछा कि उनके रूकने की क्या व्यवस्था है तो कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। सोमवार को ही केन्द्रीय खेल और युवा मामालों के मंत्री एम. एस. गिल भी यहां आए हुए थे और सभी अधिकारी कर्मचारी उनके दौरे को लेकर व्यस्त थे।
साई की गवर्निंग बॉडी की सदस्य ऊषा अपने इस अपमान को बर्दास्त नहीं कर पाई और मीडिया के सामने उनका दर्द फूट पडा। उन्होंने कहा कि खेल में भारत का नाम रोशन करने वाले खिलाडियों के साथ ऎसा व्यवहार नहीं होना चाहिए। ऊषा इतनी दुखी थीं कि वह ज्यादा बोल भी नहीं पाई और उनकी आंखों से आंसू ही गिरते रहे। बाद में भोपाल के न्यूमार्केट स्थित इंडियन कॉफी हाउस के होटल में उनके रूकने की व्यवस्था की गई।
एमपी सरकार ने दिए जांच के आदेशइस बीच मध्यप्रदेश सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। स्पोट्üस डायरेक्टर संजय चौधरी इस घटना की जांच करेंगे। सरकार ने कहा है कि अपमान के लिए स्पोट्र्स ऑथोरिटी जिम्मेदार है।
नितिन शर्मा (news with us)
राज ठाकरे की गिरफ्तारी के आदेश
उल्लेखनीय है कि राज ठाकरे ने पिछले साल अक्टूबर में एक सभा को संबोधित करने के दौरान बिहार के आस्था एवं विश्वास के पर्व छठ पूजा को नौटंकी करार दिया था। राज ठाकरे ने अपने बयान में कहा था कि महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों की ओर से मनाई जाने वाली 'छठ पूजा' नौटंकी से ज्यादा कुछ भी नहीं है।
इस संदर्भ में सुधीर ओझा नाम के शख्स ने मुजफ्फरपुर कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि राज ठाकरे के इस बयान से लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा है।
नितिन शर्मा (news with us)
पूर्व मंत्री सुभाष महरिया ने सिपाही को थप्पड मारा
यह है मामला
सुभाष महरिया ने डूंडलोद फाटक पर पुलिस की नाकेबंदी तोड कर वहां तैनात एक सिपाही विक्रमसिंह की पिटाई कर दी। पुलिस ने यह नाकेबंदी सीकर से अगवा की गई एक छात्रा को खोजने के लिए की थी। नवलगढ थानाधिकारी निहालसिंह के अनुसार डीआई नंबर की गाडी को नाकेबंदी के दौरान रोकने की कोशिश की गई तो गाडी नाकेबंदी तोड आए निकल गई। पीछाकर गाडी को रोका तो उसमें से सीकर से सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया नीचे उतरे और रोकने वाले सिपाही विक्रमसिंह के यह कहते हुए थप्पड जड दिया कि तुम्हारी मुझे रोकने की हिम्मत कैसे हुई। थप्पड खाकर सिपाही तो गाल सहलाता रह गया, जबकि बाकी पुलिस टीम महरिया की मिजाज-पुर्सी में लग गई। फिलहाल इस बारे में कोई भी रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं कराई गई है।
नितिन शर्मा (news with us)
Monday, October 5, 2009
शराब की जगह पिलाया दूध
नितिन शर्मा (news with us)
मुख्यमंत्री मंच से नीचे गिरे
माहिर आजाद के बेटे रागिब का यह शादी समारोह स्टेच्यू सर्किल स्थित होटल हवेली में आयोजित था। समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करीब रात 9.15 बजे शिरकत की। कुछ देर बाद वे दूल्हे को आशीर्वाद देने मंच पर चढे। मंच पर पहले भी कई लोग उपस्थित थे। मुख्यमंत्री के साथ फोटो खिंचाने के लिए और लोग मंच पर चढ गए।
करीब सौ फीट चौडा, तीस फीट लम्बा और करीब पांच फीट ऊंचा मंच क्षमता से अधिक लोगों के चढने से हिलने लगा और अचानक भूतल पर आ गिरा। संतुलन बिगडने से मुख्यमंत्री सहित अन्य लोग गिर पडे और फिर सम्भल कर उठ गए। मंच गिरने से समारोह में खलबली मच गई और सुरक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री का घेरा बढा दिया। बाद में स्थिति सामान्य होने पर मुख्यमंत्री समारोह में कुछ देर और रूके।
नितिन शर्मा (news with us)
Sunday, October 4, 2009
70 प्रतिशत धरती रेगिस्तान बन जाएगी।
यह चेतावनी बढते मरूस्थलीकरण की समस्या पर विचार करने के लिए आयोजित नौवें संयुक्त राष्ट्र मरूस्थलीकरण विरोधी सम्मेलन (यूएनसीसीडी) में दी गई। सम्मेलन में 190 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सम्मलेन के कार्यकारी सचिव लुक नकाद्जा ने कहा, सूखा प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा के बगैर लोगों की जान नहीं बचाई जा सकती। उन्होंने जोर देकर कहा कि सूखे से निपटने के लिए विकसित देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के कारगर उपाय करने होंगे।
ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट के मुताबिक, अभी 41 प्रतिशत धरती सूखा से प्रभावित है और इसमें धरती की करीब एक तिहाई आबादी निवास करती है। पर्यावरण को हो रहे नुकसान के कारण 1990 से इसमें 15 से 25 प्रतिशत वार्षिक दर से वृद्धि हो रही है, जिसके चलते खाद्य उत्पादन में कमी दर्ज की जा रही है। अगला सम्मलेन दक्षिण कोरिया में 2010 में आयोजित किया जाएगा।
जलवायु परिवर्तन की मार गरीबों परइस्तांबुल। विश्व बैंक ने चेताया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अफ्रीका और दक्षिण एशिया के आर्थिक उत्पादन में प्रति वर्ष करीब पांच फीसदी की गिरावट आ सकती है। पृथ्वी के तापमान में दो डिग्र्री की बढोतरी भी 40 करोड से अधिक लोगों को भुखमरी के कगार पर ले जा सकती है, वहीं इससे दो अरब लोगों को पानी के भीषण संकट का सामना करना पड सकता है।
विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री जस्टिन लिन ने इस्तांबुल में विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की वार्षिक बैठक के दौरान संवाददाता सम्मेलन में दुनिया भर की सरकारों से इस संकट के प्रति तुरन्त जागरूक होने और प्रभावी कदम उठाने की अपील की।
विकासशील देश होंगे सर्वाधिक प्रभावित बीते माह जारी हुई विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन का 75 से 80 फीसदी प्रभाव विकासशील देशों पर पडेगा।
नितिन शर्मा (news with us)
Friday, October 2, 2009
TRP 20 सितंबर से 26 सितंबर 09 तक
आखिरकार न्यूज24 ने सहारा का 'समय' खराब कर ही दिया। कई महीनों से पिछड़ने का दंश झेल रहे न्यूज24 ने सहारा के नेशनल न्यूज चैनल समय से फिर आगे निकलने में कामयाबी हासिल कर ली है। ऐसा न्यूज24 की टीआरपी में इस हफ्ते पूरे 0.7 अंक जुड़ने और समय की टीआरपी में 0.2 की कमी होने के कारण हो सका है।
दरअसल न्यूज24 ने अपनी लांचिंग के कुछ महीनों के भीतर ही समय को बीट करने में सफलता हासिल कर ली थी और लगातार समय से आगे रहा। पर जब समय से न्यूज24 पिछड़ा तो कई महीनों तक पिछड़ता ही रहा। कहा जाता है कि न्यूज24 ने खर्चे घटाओ अभियान के तहत डिस्ट्रीव्यूशन पर होने वाले खर्च से भी हाथ खींच लिया था जिसके कारण चैनल की दृश्यता कम हो गई थी। इसका असर चैनल की टीआरपी पर पड़ा। सहारा प्रबंधन ने समय के वितरण को दुरुस्त किया था जिससे उसे टीआरपी में बढ़ोत्तरी के रूप में इनाम मिला। अब फिर न्यूज24 के आगे निकल जाने से समय की टीम पर दबाव बढ़ गया है।
इस हफ्ते की टीआरपी का हीरो इंडिया टीवी है। उसने पूरे 1.6 की वृद्धि हासिल की है। इसकी आज तक से दूरी अब सिर्फ 0.5 अंकों की रह गई है। एनडीटीवी इंडिया इस हफ्ते जी न्यूज से बस 0.2 की ही दूरी पर है। पिछले कुछ महीनों से एनडीटीवी इंडिया लगातार ग्रो कर रहा है। आखिरकार न्यूज24 ने सहारा का 'समय' खराब कर ही दिया। कई महीनों से पिछड़ने का दंश झेल रहे न्यूज24 ने सहारा के नेशनल न्यूज चैनल समय से फिर आगे निकलने में कामयाबी हासिल कर ली है। ऐसा न्यूज24 की टीआरपी में इस हफ्ते पूरे 0.7 अंक जुड़ने और समय की टीआरपी में 0.2 की कमी होने के कारण हो सका है।
दरअसल न्यूज24 ने अपनी लांचिंग के कुछ महीनों के भीतर ही समय को बीट करने में सफलता हासिल कर ली थी और लगातार समय से आगे रहा। पर जब समय से न्यूज24 पिछड़ा तो कई महीनों तक पिछड़ता ही रहा। कहा जाता है कि न्यूज24 ने खर्चे घटाओ अभियान के तहत डिस्ट्रीव्यूशन पर होने वाले खर्च से भी हाथ खींच लिया था जिसके कारण चैनल की दृश्यता कम हो गई थी। इसका असर चैनल की टीआरपी पर पड़ा। सहारा प्रबंधन ने समय के वितरण को दुरुस्त किया था जिससे उसे टीआरपी में बढ़ोत्तरी के रूप में इनाम मिला। अब फिर न्यूज24 के आगे निकल जाने से समय की टीम पर दबाव बढ़ गया है।
इस हफ्ते की टीआरपी का हीरो इंडिया टीवी है। उसने पूरे 1.6 की वृद्धि हासिल की है। इसकी आज तक से दूरी अब सिर्फ 0.5 अंकों की रह गई है। एनडीटीवी इंडिया इस हफ्ते जी न्यूज से बस 0.2 की ही दूरी पर है। पिछले कुछ महीनों से एनडीटीवी इंडिया लगातार ग्रो कर रहा है।
साभार : भड़ास 4 मीडिया
Thursday, October 1, 2009
वेदना के नश्तर
कल ही समाचार पढा था कि आठ माह में राज्य में महिलाओं के प्रति अपराध 18.5 प्रतिशत बढे हैं। बलात्कार भी बढे हैं। लगता है कि कोई आदमी किसी औरत को हंसते हुए देखना ही नहीं चाहता। उसे यह भी समझ लेना चाहिए कि औरत के साथ धरती भी रोती है। संस्कृति और सभ्यता भी रोती है। वह चाहेगी तब तक ही आदमी हंस पाएगा।
गहराई से देखें तो इसका कारण भी स्वयं स्त्री ही है। विश्व भर में। वह लडके की तरह जीना चाहती है। पत्नी और मां बनने की सीख अब नहीं लेती। उसका प्रभुत्व घर में जिन कारणों से रहा करता था, लुप्त हो गया। कहते हैं कि शरीर की पकड नौ साल, दिमाग की पकड दो साल। उसके बाद सुख कहां
लताजी की वेदना में सामाजिक चिन्तन पर भी बडा प्रहार है। जिस प्रकार के परिवेश से लताजी गुजरीं, जिस प्रकार विवाह के संघर्ष में असफल हुई, ईष्र्याजन्य आरोपों से सदा घिरती रहीं, तब लगता है कि सुख को न धन से, न ही पद से खरीदा जा सकता है। वे छोटे परिवार में भी सुख से रह सकेंगी, यदि अगले जन्म में लडका बन पाई। शक्ति पूजा करने वाले देश को इससे बडा कौन सा अभिशाप लग सकता है सौ करोड की आबादी के देश में आधी दुनिया देश को जीने लायक ही नहीं मान रही। अपमान, संघर्ष और अपमान! जबकि देश की राष्ट्रपति स्वयं एक महिला है।
गुलाबजी कोठारी (राजस्थान पत्रिका के सम्पादकीय से लिया गया।)