Tuesday, December 22, 2009

दूध पर होगा 'लोहे' का कवच

बेंगलूरू। देश की 80 फीसदी गर्भवती महिलाएं, 56 फीसदी किशोरियां व 30 फीसदी किशोर हीमोग्लोबिन में लाल रक्त कणिकाओं (आयरन) की कमी यानी एनीमिया से पीडित हैं। ऎसे में हरियाणा के करनाल स्थित भारतीय डेयरी अनुसंधान संस्थान द्वारा आयरन की परत चढाकर दूध उत्पादन की महात्वाकांक्षी योजना की सफलता आशा की किरण बन सकती है।
सोमवार को संस्थान के निदेशक एके श्रीवास्तव ने पत्रिका से कहा कि इस योजना के तहत आयरन व अन्य पौष्टिक तत्वों से प्रचुर दुग्ध उत्पादन की तकनीक पर संस्थान कार्यरत है। नई तकनीक के जरिए तरल दूध में आयरन की परत चढाई जाएगी। उपभोग के बाद यह शरीर को पूर्ण आयरन प्रदान करेगा।
दही रोकेगा कैंसर श्रीवास्तव ने बताया कि संस्थान ने प्रो-बॉयोटिक बैक्टीरिया युक्त विशेष दही तैयार करने की विघि तैयार कर ली है। यह दही पेट के कैंसर, मधुमेह, निमोनिया व ह्वदय सम्बन्धी रोगियों के लिए उपयोगी होगा। संस्थान खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों से इसकी तकनीकी के हस्तान्तंरण पर बातचीत कर रहा है। जल्द ही यह दही बाजार में उपलब्ध होगा।
खास बनेगा चारा श्रीवास्तव ने कहा कि संस्थान दुधारू जानवरों के लिए खास चारा तैयार कर रहा है। यह चारा जानवरों के दूध में संयुग्मित लिनोलिक एसिड की मात्रा बढा देगा। तीन साल पूर्व शुरू की गई इस परियोजना पर अंतिम परिणाम छह माह में आ जाएगा।
नितिन शर्मा (news with us)

जमीन है नहीं और निकाल दी लॉटरी...!

जयपुर। बिना जमीन अवाप्त किए किसी को भूखंड आवंटित करना अपराध है। तमाम बिल्डरों के खिलाफ इस संबंध में कार्रवाई भी हो चुकी है, लेकिन अब यही अपराध जेडीए कर रहा है। मामला जेडीए की योजना 'अनुपम विहार' का है। इस योजना में जेडीए ने बिना पूरी जमीन अवाप्त किए न सिर्फ योजना बना डाली बल्कि लगभग दो हजार लोगों को भूखंड आवंटित कर दिया। अब ये आवंटी जेडीए का चक्कर काट रहे हैैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में जेडीए ने अजमेर रोड स्थित सेज के नजदीक 122.49 हेक्टेयर जमीन पर 'अनुपम विहार' योजना तैयार की। सारी कवायद पूरी हो गई। सूत्रों की मानें तो इस योजना की करीब 22.3 हेक्टेयर जमीन दो साल बाद भी जेडीए को नहीं मिल पाई है। यह जमीन अभी भी काश्तकारों के पास है। योजना के तहत लॉटरी को निकाली गई, लेकिन आवंटियों को भूखंड के नंबर नहीं दिए गए हैैं। इससे अब लोगों का आक्रोश बढता जा रहा है। वे कभी भी उग्र रूप ले सकते हैं।कदम दर कदम योजना :योजना में लोगों को दिखाई गई तस्वीर के हिसाब से कुल जमीन में से 22.3 हेक्टेयर जमीन के बगैर ही जेडीए आगे कदम बढता गया। जेडीए की तमाम घोषणाओं के बावजूद करीब दो हजार लोग अब भी चक्कर काट रहे हैैं। फैक्ट फाइल :- वर्ष 2007 में योजना की घोषणा- हजारों लोगों ने आवेदन किया, जनवरी 2009 में लाटरी निकाली।- कुल जमीन 122.49 हेक्टेयर। इसमें 22.3 हेक्टेयर काश्तकारों के पास।

जयपुर। बिना जमीन अवाप्त किए किसी को भूखंड आवंटित करना अपराध है। तमाम बिल्डरों के खिलाफ इस संबंध में कार्रवाई भी हो चुकी है, लेकिन अब यही अपराध जेडीए कर रहा है। मामला जेडीए की योजना 'अनुपम विहार' का है। इस योजना में जेडीए ने बिना पूरी जमीन अवाप्त किए न सिर्फ योजना बना डाली बल्कि लगभग दो हजार लोगों को भूखंड आवंटित कर दिया। अब ये आवंटी जेडीए का चक्कर काट रहे हैैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में जेडीए ने अजमेर रोड स्थित सेज के नजदीक 122.49 हेक्टेयर जमीन पर 'अनुपम विहार' योजना तैयार की। सारी कवायद पूरी हो गई। सूत्रों की मानें तो इस योजना की करीब 22.3 हेक्टेयर जमीन दो साल बाद भी जेडीए को नहीं मिल पाई है। यह जमीन अभी भी काश्तकारों के पास है। योजना के तहत लॉटरी को निकाली गई, लेकिन आवंटियों को भूखंड के नंबर नहीं दिए गए हैैं। इससे अब लोगों का आक्रोश बढता जा रहा है। वे कभी भी उग्र रूप ले सकते हैं।कदम दर कदम योजना :योजना में लोगों को दिखाई गई तस्वीर के हिसाब से कुल जमीन में से 22.3 हेक्टेयर जमीन के बगैर ही जेडीए आगे कदम बढता गया। जेडीए की तमाम घोषणाओं के बावजूद करीब दो हजार लोग अब भी चक्कर काट रहे हैैं।
फैक्ट फाइल :- वर्ष 2007 में योजना की घोषणा- हजारों लोगों ने आवेदन किया, जनवरी 2009 में लाटरी निकाली।- कुल जमीन 122.49 हेक्टेयर। इसमें 22.3 हेक्टेयर काश्तकारों के पास।
नितिन शर्मा (news with us)

Sunday, December 6, 2009

टेस्ट क्रिकेट की बादशाह बनी टीम इंडिया

रविवार की सुबह टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट में इतिहास रच दिया। दुनिया की सभी दिग्गज टीमों का पछाड कर टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में पहली बार शिखर पर पहुंच गई है। मुम्बई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में श्रीलंका के साथ चल रही सीरिज का अंतिम टेस्ट मैच जीतने के साथ ही भारत ने न केवल श्रृंखला पर अपना कब्जा जमाया बल्कि टेस्ट क्रिकेट की सिरमौर भी बन गई।
यूं तो इस मकाम तक पहुंचने का आगाज मैच की शुरूआत में सहवाग की धुंआधार पारी के साथ ही गया था लेकिन इस शानदार आगाज को भारत के तेज गेंदबाज जहीर खान ने अंजाम तक पहुंचाया। श्रीलंका की दूसरी पारी के पांच विकेट चटक कर जहीर खान ने भारत को एक पारी और 24 रनों से जीत दिलाई। इसके साथ श्रीलंका के साथ खेली गई तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला को 2-0 से अपने नाम कर ली है। मैन ऑफ द मैच के साथ मैन ऑफ द सीरिज का खिताब भी वीरेन्द्र सहवाग को मिला। जहीर खान के हाथों श्रीलंका का अंतिम विकेट गिरने के साथ ही पूरा स्टेडियम झूम उठा। खिलाडियों के साथ-साथ जीत की खुशी में झूमते दर्शकों का नजारा भी देखने लायक था।
इस ऎतिहासिक जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि इस जीत का इंतजार लम्बे समय से टीम के साथ-साथ पूरे देश को था। उन्होंने इस जीत के लिए पूरे देश को बधाई देते हुए कहा कि पूरे देश के लिए यह काफी अहम दिन है।
जहीर का जलवा
श्रीलंका के साथ चल रहे इस श्रृंखला के अंतिम मैच के अंतिम दिन जहीर खान का जलवा छाया रहा। आधे घंटे में जहीर खान ने श्रीलंका के चार बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखा जीत भारत की झोली में डाल दी। चौथे दिन श्रीलंकाई टीम को कुछ देर के लिए आस बंधाने वाले कप्तान संगाकारा आज कुछ खास नहीं कर पाए और अपने 133 रन के स्कोर में मात्र चार रन जोडकर जहीर खान की एक गेंद पर चकमा खा बैठे। इसके बाद खेलने आए हेराथ भी जहीर खान के शिकार बने। मुथैया मुरलीधरन के साथ कुछ मिनटों के लिए क्रीज पर टिके बाकी दोनों बल्लेबाज भी ज्यादा देर तक भारत को जीत से दूर रखने में नाकामायाब रहे और जल्द ही जहीर खान के हाथों अपना विकेट गंवा बैठे। हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा को दो-दो विकेट मिले।
भारत की लगातार सातवीं जीत
श्रीलंका पर लगातार दूसरी टेस्ट जीत के साथ ही यह भारत की टेस्ट क्रिकेट मैच में लगातार सातवीं जीत है। जनवरी 2008 से अब तक सात टेस्ट सीरीज में हिस्सा लिया जिसमें से चार में जीत दर्ज की जबकि दो टेस्ट सीरिज में टीमको हार का सामना करना पडा। वहीं, एक सीरिज ड्रा रही।
124 अंकों के साथ पहले पायदान पर टीम इंडिया
इस जीत के साथ ही भारत आईसीसी टेस्ट क्रिकेट की रैकिंग में सर्वाधिक 124 अंको के साथ पहले स्थान पर पहुंच गया है। जबकि 122 अंकों के साथ दक्षिण अफ्रीका दूसरे, ऑस्ट्रेलिया 116 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा 115 अंकों के साथ श्रीलंका चौथे स्थान पर है।
टीम की जीत
टीम इंडिया के खिलाडियों ने इसे टीम की जीत बताया। अपने करियर में तीसरा तिहरा शतक पूरा कर पाने से महज सात रन से चूके वीरेन्द्र सहवाग ने जहां टीम को शुरू से ही मजबूती दिलाई। वहीं, सचिन तेंदुलकर, लक्ष्मण द्रविड और कप्तान धोनी की मजबूत पारियों के बदौलत टीम इंडिया ने इतिहास की शुरूआत मैच के पहले दिन ही कर दी थी। इसके बाद गेंदबाजों ने बल्लेबाजों की ताल से पूरी ताल मिलाई और टेस्ट मैच के अंतिम दिन इतिहास में पहली बार नम्बर एक टीम बनाने में अपनी अहम योगदान दिया। जहीर खान ने मैच में छह विकेट चटका कर मेहमान टीम की कमर तोड दी। हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा को मैच में दो-दो विकेट मिले।
सहवाग रहे हीरो
122.75 की औसत से शानदार 491 रन बनाने वाले वीरेन्द्र सहवाग इस ऎतिहासिक मैच के हीरो रहे। उन्हें मैन ऑफ द मैच के अलावा मैन ऑफ सीरिज के पुरस्कार से भी नवाजा गया। मैच के पहले ही दिन सहवाग ने 284 रन बनाए जो अपने आप में एक रिकॉर्ड था। हालांकि दूसरे दिन अपने टेस्ट करियर का तीसरा तिहरा शतक पूरा नहीं कर पाने के कारण क्रिकेट प्रेमियों को थोडी निराशा जरूरी हुई थी। लेकिन पहली पारी में भारत के 726 रन विशाल स्कोर का दबाव मेहमान टीम पर भारी पडा।
राहुल द्रविड ने भी पूरी सीरिज में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 433 रन बनाए।
संगाकारा का भारत में पहला शतक
श्रीलंका की दूसरी पारी में टीम की हार को थोडी देर के लिए टालने वाल कप्तान संगाकारा 137 रन पर आउट हो गए। उनके करियर का 21 वां और भारत में पहला शतक है। कल ओपनर तिलकरत्ने दिलशान को जल्द ही खो देने के बाद परानविताना और संगकारा ने इसके बाद दूसरे विकेट के लिए 90 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की। लेकिन लंच के बाद का सत्र श्रीलंका के लिए अच्छा नहीं रहा। परानविताना ने अपना तीसरा अर्द्धशतक 134 गेंदों में आठ चौकों की मदद से पूरा कर लिया। हालांकि इसके कुछ देर बाद ही वह एस श्रीसंत की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए। श्रीलंका अभी इस झटके से संभल भी नहीं पाया था कि जहीर ने मेहमान टीम को एक के बाद एक दो झटके देकर दहला दिया। जहीर ने फार्म में चल रहे माहेला जयवर्द्धने (12) को विकेट के पीछे धोनी के हाथों और थिलन समरवीरा (0) को दूसरी स्लिप में लक्ष्मण के हाथों कैच करवा दिया। एजेंलो मैथ्यूज चायकाल के ठीक पहले ओझा की गेंद पर धोनी को कैच थमा बैठे। रविवार की सुबह टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट में इतिहास रच दिया। दुनिया की सभी दिग्गज टीमों का पछाड कर टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में पहली बार शिखर पर पहुंच गई है। मुम्बई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में श्रीलंका के साथ चल रही सीरिज का अंतिम टेस्ट मैच जीतने के साथ ही भारत ने न केवल श्रृंखला पर अपना कब्जा जमाया बल्कि टेस्ट क्रिकेट की सिरमौर भी बन गई।
यूं तो इस मकाम तक पहुंचने का आगाज मैच की शुरूआत में सहवाग की धुंआधार पारी के साथ ही गया था लेकिन इस शानदार आगाज को भारत के तेज गेंदबाज जहीर खान ने अंजाम तक पहुंचाया। श्रीलंका की दूसरी पारी के पांच विकेट चटक कर जहीर खान ने भारत को एक पारी और 24 रनों से जीत दिलाई। इसके साथ श्रीलंका के साथ खेली गई तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला को 2-0 से अपने नाम कर ली है। मैन ऑफ द मैच के साथ मैन ऑफ द सीरिज का खिताब भी वीरेन्द्र सहवाग को मिला। जहीर खान के हाथों श्रीलंका का अंतिम विकेट गिरने के साथ ही पूरा स्टेडियम झूम उठा। खिलाडियों के साथ-साथ जीत की खुशी में झूमते दर्शकों का नजारा भी देखने लायक था।
इस ऎतिहासिक जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि इस जीत का इंतजार लम्बे समय से टीम के साथ-साथ पूरे देश को था। उन्होंने इस जीत के लिए पूरे देश को बधाई देते हुए कहा कि पूरे देश के लिए यह काफी अहम दिन है।
जहीर का जलवा
श्रीलंका के साथ चल रहे इस श्रृंखला के अंतिम मैच के अंतिम दिन जहीर खान का जलवा छाया रहा। आधे घंटे में जहीर खान ने श्रीलंका के चार बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखा जीत भारत की झोली में डाल दी। चौथे दिन श्रीलंकाई टीम को कुछ देर के लिए आस बंधाने वाले कप्तान संगाकारा आज कुछ खास नहीं कर पाए और अपने 133 रन के स्कोर में मात्र चार रन जोडकर जहीर खान की एक गेंद पर चकमा खा बैठे। इसके बाद खेलने आए हेराथ भी जहीर खान के शिकार बने। मुथैया मुरलीधरन के साथ कुछ मिनटों के लिए क्रीज पर टिके बाकी दोनों बल्लेबाज भी ज्यादा देर तक भारत को जीत से दूर रखने में नाकामायाब रहे और जल्द ही जहीर खान के हाथों अपना विकेट गंवा बैठे। हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा को दो-दो विकेट मिले।
भारत की लगातार सातवीं जीत
श्रीलंका पर लगातार दूसरी टेस्ट जीत के साथ ही यह भारत की टेस्ट क्रिकेट मैच में लगातार सातवीं जीत है। जनवरी 2008 से अब तक सात टेस्ट सीरीज में हिस्सा लिया जिसमें से चार में जीत दर्ज की जबकि दो टेस्ट सीरिज में टीमको हार का सामना करना पडा। वहीं, एक सीरिज ड्रा रही।
124 अंकों के साथ पहले पायदान पर टीम इंडिया
इस जीत के साथ ही भारत आईसीसी टेस्ट क्रिकेट की रैकिंग में सर्वाधिक 124 अंको के साथ पहले स्थान पर पहुंच गया है। जबकि 122 अंकों के साथ दक्षिण अफ्रीका दूसरे, ऑस्ट्रेलिया 116 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा 115 अंकों के साथ श्रीलंका चौथे स्थान पर है।
टीम की जीत
टीम इंडिया के खिलाडियों ने इसे टीम की जीत बताया। अपने करियर में तीसरा तिहरा शतक पूरा कर पाने से महज सात रन से चूके वीरेन्द्र सहवाग ने जहां टीम को शुरू से ही मजबूती दिलाई। वहीं, सचिन तेंदुलकर, लक्ष्मण द्रविड और कप्तान धोनी की मजबूत पारियों के बदौलत टीम इंडिया ने इतिहास की शुरूआत मैच के पहले दिन ही कर दी थी। इसके बाद गेंदबाजों ने बल्लेबाजों की ताल से पूरी ताल मिलाई और टेस्ट मैच के अंतिम दिन इतिहास में पहली बार नम्बर एक टीम बनाने में अपनी अहम योगदान दिया। जहीर खान ने मैच में छह विकेट चटका कर मेहमान टीम की कमर तोड दी। हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा को मैच में दो-दो विकेट मिले।
सहवाग रहे हीरो
122.75 की औसत से शानदार 491 रन बनाने वाले वीरेन्द्र सहवाग इस ऎतिहासिक मैच के हीरो रहे। उन्हें मैन ऑफ द मैच के अलावा मैन ऑफ सीरिज के पुरस्कार से भी नवाजा गया। मैच के पहले ही दिन सहवाग ने 284 रन बनाए जो अपने आप में एक रिकॉर्ड था। हालांकि दूसरे दिन अपने टेस्ट करियर का तीसरा तिहरा शतक पूरा नहीं कर पाने के कारण क्रिकेट प्रेमियों को थोडी निराशा जरूरी हुई थी। लेकिन पहली पारी में भारत के 726 रन विशाल स्कोर का दबाव मेहमान टीम पर भारी पडा।
राहुल द्रविड ने भी पूरी सीरिज में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 433 रन बनाए।
संगाकारा का भारत में पहला शतक
श्रीलंका की दूसरी पारी में टीम की हार को थोडी देर के लिए टालने वाल कप्तान संगाकारा 137 रन पर आउट हो गए। उनके करियर का 21 वां और भारत में पहला शतक है। कल ओपनर तिलकरत्ने दिलशान को जल्द ही खो देने के बाद परानविताना और संगकारा ने इसके बाद दूसरे विकेट के लिए 90 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की। लेकिन लंच के बाद का सत्र श्रीलंका के लिए अच्छा नहीं रहा। परानविताना ने अपना तीसरा अर्द्धशतक 134 गेंदों में आठ चौकों की मदद से पूरा कर लिया। हालांकि इसके कुछ देर बाद ही वह एस श्रीसंत की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए। श्रीलंका अभी इस झटके से संभल भी नहीं पाया था कि जहीर ने मेहमान टीम को एक के बाद एक दो झटके देकर दहला दिया। जहीर ने फार्म में चल रहे माहेला जयवर्द्धने (12) को विकेट के पीछे धोनी के हाथों और थिलन समरवीरा (0) को दूसरी स्लिप में लक्ष्मण के हाथों कैच करवा दिया। एजेंलो मैथ्यूज चायकाल के ठीक पहले ओझा की गेंद पर धोनी को कैच थमा बैठे।
नितिन शर्मा (news with us)

गुलामी जिन्दा है!

घर वालों से हर कोई लडने को, घर से निकालने को तैयार हो जाता है। बाहर वाले के आसानी से गुलाम हो जाते हैं। सहजता से जीने वाले पानी के प्रवाह की तरह नीचे की ओर बहते हैं। त्याग के लिए संघर्ष करने की तैयारी नहीं होती। कैसी विडम्बना है कि साठ साल की आजादी के बाद भी देश अंग्रेजी मानसिकता की जकड से बाहर नहीं निकल पा रहा। इस मानसिकता को बाहर निकालने की हिम्मत किसी में नहीं है। महाराष्ट्र में तो भारतीय भाषाओं पर आक्रमण किया जा रहा है। अगर किसी में दम है तो पहले गुलामी की मानसिकता को बाहर निकाले, बाद में भारतीय भाषाओं और विभिन्न प्रादेशिक नागरिकों को कुछ कहने लायक बनें।

राष्ट्रमण्डल (कॉमनवैल्थ) क्या है। उन देशों का संगठन, जो ब्रिटेन के गुलाम रह चुके हैं। इसके सदस्यों को आज भी ब्रिटिश महारानी के समक्ष नतमस्तक होना पडता है। कहने को इसका गठन सदस्य देशों में परस्पर तालमेल और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए किया गया है, पर किसके नेतृत्व में। अगले वर्ष राष्ट्रमण्डलीय खेलों का आयोजन भारत में किया जाएगा। क्या है इस आयोजन के पीछे की अवधारणा। इनमें वे ही देश भाग ले सकते हैं, जहां अंग्रेजों का शासन रह चुका है। इसका अर्थ क्या हैक् क्या हमारे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि में एक भी ऎसा नहीं हुआ, जो इस तथ्य को समझ सकता कि क्रिकेट भी उन्हीं देशों में खेला जाता है, जहां अंग्रेजी हुकूमत रह चुकी है। अन्य देशों की टीमें इसमें नहीं खेलतीं।
सीपीयू (कॉमनवैल्थ प्रेस यूनियन) में उन्हीं देशों के मीडिया ग्रुप भाग लेते हैं, जहां अंग्रेजी विरासत मौजूद है। क्या यह परोक्ष नियंत्रण के सूचक बिन्दु नहीं हैक् मैंने भी पांच-छ: सीपीयू के सम्मेलनों में भाग लेकर देखा है। मेरे प्रश्नों का वहां भी कोई उत्तर देने वाला नहीं था। वहां आज भी सम्मेलन शुरू होने से पूर्व ब्रिटेन की महारानी के नाम टोस्ट करने के लिए सबको खडा होना पडता है। अन्य देशों के अध्यक्षों/ प्रधानों का वहां कोई वजूद नहीं है।
आश्चर्य की बात यही है कि इन सम्मेलनों में देश के अंग्रेजी दां गर्व के साथ भाग लेते हैं। कोई भी यह प्रश्न नहीं उठाता कि इनमें अन्य देशों की भागीदारी क्यों नहीं स्वीकृत होती। इसके अभाव में सारे प्रतिभागियों के मन में गुलामी की छाया बरकरार रहती है, क्योंकि अघिकांश बडे पदाघिकारी आज भी अंग्रेजी मूल के ही होते हैं। ये सारे आयोजन हमारी गुलामी की विरासत के ही दस्तावेज हैं, गुलामी के नासूर हैं, जिसे हम अगली पीढी को भी सौंपकर जाना चाहते हैं। क्या यह आयोजन आजादी की लडाई के शहीदों का अपमान नहीं है। हमें या तो इन खेलों में अन्य सभी देशों को भाग लेने का खुला निमंत्रण देना चाहिए या फिर हमको इन राष्ट्रमण्डलीय आयोजनों का बहिष्कार करके स्वयं को पूर्ण रूप से स्वतंत्र घोषित कर देना चाहिए। हर देशवासी का सम्मान इस निर्णय के साथ जुडा है। नई पीढी अवश्य इनके मुंह पर थूकेगी।

साभार: गुलाब जी कोठारी , राजस्थान पत्रिका

नितिन शर्मा (news with us)

Tuesday, December 1, 2009

राज्यपाल एसके सिंह का निधन

राजस्थान के राज्यपाल शीलेन्द्र कुमार सिंह का आज निधन हो गया। वो दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की खबर सुनते ही राजनीतिक क्षेत्रों में शोक की लहर दौड गई है।
एसके सिंह का जन्म 24 जनवरी 1932 को हुआ था। राजस्थान से पहले वो अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल थे।
नितिन शर्मा (news with us)

Monday, November 23, 2009

46 निकायों में मतदान संपन्न

जयपुर। जयपुर नगर निगम सहित राजस्थान के 46 स्थानीय निकायों में आज निकाय प्रमुखों व सदस्यों को चुनने के लिए सुबह आठ बजे शुरू हुआ मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। हालांकि, कुछेक जगहों पर छिटपुट झडपों की खबरें भी मिली।
राज्य निर्वाचन आयुक्त एके पांडे के अनुसार दोपहर तीन बजे तक राज्य में लगभग 50 फीसदी वोट पडे थे। चुनाव के लिए प्रदेश भर में कडी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। विभिन्न जिलों में स्वाइन फ्लू के प्रकोप को देखते हुए कई मतदान केन्द्रों पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात पुलिस कर्मियों ने मास्क लगा रखे थे। ठंड के कारण शुरूआती घंटों में जयपुर समेत राज्य के कई हिस्सों मतदान धीमा रहा लेकिन दिन चढते मतदान में तेजी देखी गई।
मुख्यमंत्री गहलोत ने जोधपुर में डाला वोट
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने परिजनों के साथ जोधपुर में मतदान किया। गहलोत धर्मपत्नी सुनीता, पुत्र वैभव और पुत्रवधू हिमांशी के साथ वार्ड नं. 54 के वर्धमान जैन उच्च माध्यमिक विद्यालय महामंदिर स्थित मतदान केन्द्र पर पहुंचे और करीब पौने नौ बजे उन्होंने अपना वोट डाला।
जयपुर: महापौर प्रत्याशियों ने मतदान किया
जयपुर नगर निगम के महापौर पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति खंडेलवाल ने सुबह साढे आठ बजे किशनपोल बाजार में छोटी चौपड स्थित महाराजा गल्र्स स्कूल में अपना मत डाला। वहीं भाजपा की ओर से महापौर की प्रत्याशी सुमन शर्मा ने मालवीय नगर स्थित सेक्टर सात स्थित मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। जयपुर शहर के सांसद महेश जोशी ने रेलवे स्टेशन के पास डीआरएम ऑफिस में बने मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
राज्य के चुनाव आयुक्त एके पाण्डे ने जयपुर के गांधीनगर स्थित उच्च माध्यामिक बालिका विद्यालय स्थित मतदान केन्द्र पर मतदान किया। वहीं, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डा. बीडी कल्ला और भाजपा सांसद अर्जुन मेघवाल ने बीकानेर में मतदान किया।
हर बूथ पर दो ईवीएम
निकाय प्रमुख के लिए पहली बार सीधा मतदान होने के कारण इस बार एक मतदान केंद्र पर दो ईवीएम लगाई गई। इसमें एक मशीन निकाय प्रमुख व दूसरी पार्षद के लिए लगाई गई है। पहली बार निकाय चुनाव में मतदाता को एक साथ दो वोट डालने पडे।
46 निकायों के लिए मतदान प्रदेश के जयपुर, जोधपुर सहित चार नगर निगम, 11 नगर परिषद और 31 नगर पालिकाओं के लिए मतदान हुआ। इसके अलावा 11612 वार्ड सदस्यों के लिए मतदान होना था, जिसमें से 19 स्थानों पर सदस्य निर्विरोध निर्वाचित होने के कारण अब 11593 वार्ड में सदस्यों के लिए चुनाव हुआ।
नगर निगम : जयपुर, कोटा, जोधपुर व बीकानेरनगर परिषद : श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, चूरू, झुंझुनूं, सीकर, अलवर, भरतपुर, टोंक, ब्यावर, उदयपुर व पालीनगर पालिका : सूरतगढ, राजगढ, पिलानी, बिसाऊ, नीमकाथाना, भिवाडी, पुष्कर, सांगोद, कैथून, मांगरोल, छबडा, चित्तौडगढ, निम्बाहेडा, रावतभाटा, बांसवाडा, कानोड, नाथद्वारा, आमेट, सुमेरपुर, सिरोही, माउंटआबू, शिवगंज, पिण्डवाडा, जालौर, भीनमाल, बाडमेर, बालोतरा, जैसलमेर, फलौदी, डीडवाना और मकराना।
जयपुर में सीधा मुकाबला
जयपुर नगर निगम में महापौर पद के लिए पांच और 77 पार्षद पदों के लिए कुल 429 उम्मीदवार मैदान में हैं। राजधानी में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति खंडेलवाल व भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा के बीच सीधा मुकाबला है। कांग्रेस विधानसभा व लोकसभा चुनाव में जीत के बाद तिकडी बनाते हुए पहली बार जेएमसी में बोर्ड बनाने को आतुर है। यही वजह है कि कांग्रेस के सांसद महेश जोशी, विधायक प्रतापसिंह, परिवहन मंत्री बृजकिशोर शर्मा आदि पूरी ताकत से जुटे रहे। वहीं जयपुर निगम बनने के बाद से लगातार दबदबा बनाए रखने वाली भाजपा एक बार फिर अपना झंडा फहराने को बेताब है। पार्टी ने नेताओं ने पूरा दमखम लगा दिया है।
जिलों से मिली खबरों व अन्य सूत्रों के अनुसार निकाय प्रमुख पद के लिए 33 शहरों में सीधी टक्कर है, जबकि एक दर्जन स्थानों पर त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है। श्रीगंगानगर में कांग्रेस व भाजपा के बागियों ने मुकाबले को चतुष्कोणीय बना दिया है।
चुनाव आयुक्त ने की अपील
निर्वाचन आयुक्त ए.के. पाण्डे ने मतदाताओं से अपील की कि वे बिना किसी डर एवं दवाब के मतदान करने जाएं। कमजोर वर्ग को स्वतंत्र रूप से मतदान कराने के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय किए गए। संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्रों में सुरक्षा की अतिरिक्त व्यवस्था की गई। गडबडी की आशंका वाले क्षेत्रों में विशेष पुलिस बल तैनात किया गया था।
चुनाव एक नजर में :निकाय - 46मतदाता - 56 लाख 59 हजार 790पुरूष मतदाता - 30 लाख 11615 महिला मतदाता - 26 लाख 48175 निकाय प्रमुख के उम्मीदवार -270चुनाव वाले वार्ड -1612पार्षद के लिए उम्मीदवार - 6179मतदान केन्द्र - 6002चुनावी मशीनरी - करीब 40 हजार कर्मचारी
राज्य में हमारी सरकार के सुशासन का फायदा मिलेगा। पर्यवेक्षकों और जिला प्रभारी मंत्रियों के फीडबैक के आधार पर कह सकता हूं कि ज्यादातर निकायों में कांग्रेस जीतेगी। -सी.पी. जोशी, प्रदेशाध्यक्ष
कांग्रेस राज्य में एक साल में जो स्थिति बनी है और यह सरकार जिस तरह विफल रही है, उस आधार पर दावा कर सकता हूं कि अधिकतर निकायों में भाजपा का कब्जा होगा। -अरूण चतुर्वेदी, प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा
नितिन शर्मा (news with us)

Wednesday, November 18, 2009

नए में खो न जाए पुराना

गुलाबी नगरी, दूसरी काशी, नियोजित नगरों में प्रथम आदि अनेक नामों से पहचाने जाने वाले जयपुर का नाम सुनते ही इस नगर की गत तीन सदियां मानस- पटल पर घूम जाती हैं, जिनमें इसने कला, साहित्य, संस्कृति, समाजसेवा, नगर नियोजन, धर्म, ज्योतिष आदि न जाने किन-किन क्षेत्रों के इतिहास में अपने अमिट चिह्न छोडे हैं। देश के सबसे विशाल राज्य की राजधानी होने के कारण यह गगनचुंबी अट्टालिकाओं के निर्माण में व्यस्त है, अत: इसकी अपनी अनेक पहचान लुप्त होने के कगार पर है। यदि सवाई जयसिंह, जिन्होंने 18 नवम्बर 1727 को इसकी नींव रखकर 1734 में विशाल अश्वमेध किया था, कभी भूले-भटके आज यहां आ जाएं, तो वे अपनी ही नगरी को नहीं पहचान पाएंगे। बीसवीं सदी के प्रथम चरण में जब यहां बिजली की रोशनी नहीं होती थी (वर्ष 1926 में शुरू हुई) यहां आए एक यात्री ने इस नगरी की जिन विशिष्ट पहचानों का जिक्र किया है, उनमें इसे ज्योतिष की नगरी कहा है, जैन नगरी कहा है, पंडितों की नगरी, गोठों (दावतों) की नगरी, मंदिरों की नगरी, परिक्रमाएं करने वाली नगरी भी और संगीत व चित्रकला के घरानों की नगरी भी। कलाएं : देश में ऎसे कम ही नगर हैं, जिनके नाम संगीत के घराने के रूप में मशहूर हो गए हैं। जयपुर घराना संगीत के इतिहास में अंकित है। मल्लिकार्जुन मंसूर से लेकर किशोरी अमोनकर तक जयपुर घराना, बहराम खां डागर से लेकर भट्ट परिवार तक ध्रुवपद की परम्परा चली आ रही है। लोकनाट्य की एक शैली जो 'तमाशा' के नाम से सुविदित है, आज भी ब्रह्मपुरी के भट्ट परिवारों ने जीवित रखी है, जिसकी विशेषता है, शास्त्रीय रागों में निबद्ध लोकभाषा की गाथाओं, फब्तियाें आदि द्वारा बिना रंगमंचीय तामझाम के नुक्कड नाटक शैली में प्रस्तुति देना, यह भी जयपुर की परम्परा है। संगीत के इतिहास में 'गुणिजन खाना' भी अपनी पहचान रखता था, जिसमें गायक, वादक आदि नियुक्त रहते थे। उनकी नियुक्ति राजा के शयन कक्ष के निकट एक चौबारे में चौबीसों घंटे समयानुरूप रागों की प्रस्तुति देते रहने की होती थी। उस समय रेडियो सेट तो होते नहीं थे, न तो ग्रामोफोन थे, गुणिजन खाना ही काम आता था। यहां के संगीतकारों ने संगीत के लक्षण ग्रंथ भी लिखे और शिक्षा के ग्रंथ भी। चित्रकला की विभिन्न शैलियों में जयपुर की शैली भी सुविदित है, 'कलम' को पहचानने वाले आज भी मिल जाते हैं। 'गालीबाजी' की भी परम्परा थी, जिसमें रात-रात भर कवि और गायक समकालीन स्थितियों पर काव्यात्मक फब्तियां कसते हुए जन-जन का मनोरंजन करते थे। जीमण : जयपुर के जीमण मशहूर रहे हैं। बहुत बडी संख्या में जीमण करवाना हो, तो सडकों पर ही पत्तल लगाकर, चारों ओर कनात से ढककर जीमण करवाया जाता था, तब सडकें बहुत साफ-सुथरी हुआ करती थीं। सवाई माधो सिंह द्वितीय के निधन के बाद उनके नुकते में सारा शहर तो जीमा ही था, जयपुर से गुजरने वाली रेलगाडियों के हर डिब्बे में यात्रियों को भोजन दिया गया था। सारी जनता के भोजन को हेडा कहा जाता था, इसका वर्णन मदनमोहन सिद्ध ने 'जयपुर की ज्योणार' पुस्तिका में किया है। जनसंख्या बढने पर भोजनार्थियों की पहचान टिकट बांटकर की जाती थी, कनातों से उन्हें रोका जाता था। इसके बावजूद कनात फाडकर, अनधिकृत रूप से जो लोग भोजन के लिए पहुंचते थे, उन्हें 'लढाक' कहा जाता था। ऎसे-ऎसे 'लढाक' हुआ करते थे कि खूब पहरे के बावजूद छककर ही लौटते थे। नगर सीमा में बने उपवनों में 'गोठ' की परम्परा थी। 'वन सोमवार' की भी परम्परा थी, सावन के प्रत्येक सोमवार को घर से खाना ले जाकर नगर के निकटस्थ उपवनों में मिल-ब्ौठकर शिव पार्वती की पूजा के बाद खाना महिलाओं की विशिष्ट प्रथा थी। ऎसी सभी परम्पराओं का वर्णन मेरे पिता कविशिरोमणि मथुरानाथ शास्त्री ने अपने सुप्रसिद्ध संस्कृत काव्य 'जयपुर वैभव' में किया है। अश्वमेध यज्ञ : सवाई जयसिंह ने जयपुर बसाने के बाद 1734 में अश्वमेध यज्ञ किया था, जिसकी धूम सारे भारत में मची थी। इसे इतिहास का अंतिम अश्वमेध यज्ञ कहा गया। यज्ञ एक वष्ाü तक चला था, आहुति के लिए घी की बावडियां बनाई गई थीं। दक्षिण भारत से वरदराज विष्णु की मूर्ति लाई गई थी, जो आज भी पहाडी पर स्थित है। आमेर रोड के पास एक स्तम्भ बनाया गया था, जो आज भी है। भारत भर से बुलाए गए वैदिकों व विद्वानों को ब्रह्मपुरी में बसाया गया था। जंतर-मंतर : जयपुर का जंतर-मंतर अर्थात ज्योतिषयंत्रशाला इतिहास प्रसिद्ध है। यह यंत्रशाला सर्वाधिक वैज्ञानिक है, जो आज विश्व धरोहरों में शामिल होकर जयपुर का गौरव बढा रही है। कल्कि मंदिर : हर जाने-पहचाने देवता के मंदिर जयपुर में हैं। भविष्य में अवतार लेने वाले देवता का भी मंदिर यहां है। कलियुग की समाप्ति पर विष्णु का दसवां अवतार अर्थात कल्कि अवतार होगा, यह अवधारणा दृढ है। जिज्ञासा व श्रद्धावश सवाई जयसिंह ने कल्कि जी का मंदिर बनवाया था, जो आज भी विद्यमान है। सर्वधर्मसमभाव : जयपुर में हर धर्म के लोग बसाए गए थे। सभी धर्मो के मंदिर, मठ, मस्जिद, गुरूद्वारे, चर्च बनवाए गए थे। प्रारम्भ से ही सब धर्मो के जो उत्सव मनाए जाते थे, उनमें सभी नागरिक भाग लेते थे। जब ताजिए निकलते थे, तो उनमें से एक सवाई रामसिंह के नाम भी होता था। हिन्दू माताएं अपने बच्चों को ताजिए के नीचे से होकर निकालती थीं। घाट दरवाजे के बाहर बना चर्च तथा स्टेशन रोड का प्रोटेस्टेंट चर्च सदियों से प्रसिद्ध है। गुरूद्वारे भी सारी जनता के श्रद्धा केन्द्र हैं। जयपुर को जैनों की नगरी कहा जाता है। जयपुर की अपनी विशिष्ट परम्पराओं का इतना रंगारंग और सुदीर्घ इतिहास रहा है कि समग्र आकलन के लिए तो अनेक ग्रंथ भी कम पडेंगे। राजस्थान पत्रिका का स्तम्भ 'नगर परिक्रमा' यह कार्य अनेक दशकों तक करता रहा, फिर भी यह इतिहास पूरा नहीं हो पाया। हमारी तो बिसात ही क्या है
नितिन शर्मा (news with us)

टूट गया सपना

राजस्थान के नागरिकों का एक सपना सच होने से पहले ही टूट गया। पिछले दिनों जब यह निर्णय किया गया था कि इस बार महापौर व स्थानीय निकायों के अध्यक्षों को सीधे जनता चुनेगी, तो लगने लगा था कि शहरों की दशा सुधारने की दिशा में एक बडा कदम उठ गया है। नागरिक मन ही मन अपने नए महापौर या निकाय अध्यक्ष को लेकर मंसूबे बनाने लगे थे। उसके व्यक्तित्व और कार्यक्षमता को लेकर सपने देखने लगे थे। पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने ये सपने तोड दिए। इन पदों के उम्मीदवारों के रूप में वे ही घिसे-पिटे नाम! इन नामों को देख कर समझा जा सकता है कि भारत के राजनीतिक दलों को क्षुद्र राजनीतिक हानि-लाभ से बढकर कुछ सोचने की क्षमता विकसित करने में अभी बहुत समय लगेगा।
जिस तरह सीधे चुनाव की घोषणा हुई थी, उससे एक बार लगा था कि प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियां इस बार मेयर, अध्यक्ष व सभापति पद के लिए कुछ चौंकाने वाले नाम ढूंढेंगी। जनता के सामने ऎसे व्यक्तित्वों को रखा जाएगा, जो अपने शहर को अपनी हथेली की तरह जानते हो। जिनके मन में शहर के लिए कुछ सपने हों। जो बीमार स्थानीय निकायों को भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के शिकंजे से छुडा कर शहर का कायापलट कर सकें। नागरिकों को अपने साथ जोडकर उनका जीवन सुखी बना सकें। शहर में आधारभूत सुविधाओं के लिए पैसा जुटा सकें और अपनी संवेदनशीलता व प्रशासनिक क्षमता के बूते पर सबको साथ लेकर चल सकें। अब लगता है कि ये राजनीतिक दल केपटाउन की मेयर हेलेन जिले या ज्यूरिख के मेयर एल्मार लेडेरर्वर जैसे व्यक्ति तो सपनों में भी नहीं ढूंढ सकते, जिन्होंने अपने-अपने शहरों को विश्व के सबसे पसंदीदा शहर बना दिए। फिर क्या राजनीतिक दलों के लिए यह जरूरी है कि किसी राजनीतिक व्यक्ति का नाम ही चुना जाए। शहर का प्रथम नागरिक क्या कोई साहित्यकार, कोई कलाकार, कोई दमदार पूर्व प्रशासक या ऎसा व्यक्ति नहीं हो सकता, जिसमें उपरोक्त गुण हों
सीधे चुनाव की स्थिति में होना तो यह था कि इस तरह के कुछ नाम जनता के सामने रखे जाते। शहर के विकास के लिए उनके सपनों को लेकर वाद-विवाद, चर्चा-परिचर्चाएं होतीं। पर ऎसा कुछ नहीं हुआ। नामों के चयन में वही सब हुआ जो विधानसभा-लोकसभा चुनावों में होता है। जिन के सिर पर बडे नेताओं का हाथ था, उन्हें चुन लिया गया। भले ही शहर के विकास से उनका दूर-दूर का नाता न हो, नेताओं के आगे-पीछे घूमना उन्हें अच्छी तरह आता हो। राजनीतिक दलों की कमान पढे-लिखे युवाओं के हाथ में आने से यह उम्मीद थी कि वे कुछ नए तरीके से सोचेगे, पर वे भी लकीर के फकीर साबित हुए। सभी दलों में एक ही मंत्र चला 'सभी बडे नेताओं को खुश रखो ताकि अपनी कुर्सी सलामत रहे।' क्या ही अच्छा होता कि अच्छे नामों के लिए शहर के प्रबुद्ध लोगों से राय ली जाती।
पर्चे भरने और नाम सामने आने के बाद लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। फिर भी बाजी पूरी तरह से जनता के हाथों से नहीं निकली है। जनता चाहे तो दोनों राजनीतिक दलों को अपना अपमान करने का मजा चखा सकती है। मतदान के समय राजनीतिक पूर्वाग्रहों से उठकर सर्वश्रेष्ठ प्रत्याशी को चुनें, तभी शहर का भला हो सकता है। नेताओं के प्यादे ऎसे महत्वपूर्ण पदों पर बैठते रहे तो भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और अराजकता का राज यूं ही चलता रहेगा। शहर की सांस अग्निकाण्डों, ट्रेफिक जामों और स्वाइन फ्लू- डेंगू के खतरों तले यूं ही घुटती रहेगी।
साभार : भुवनेश जैन, राजस्थान पत्रिका
नितिन शर्मा (news with us)

Wednesday, November 11, 2009

तेज से पीछे हुआ डीडी, सबसे फायदे में आईबीएन7

सप्ताह 45वां, 1 नवंबर से 7 नवंबर 09 तक : यह हफ्ता अपेक्षाकृत शांत है। न्यूज24 की बढ़त जारी है। बहुत दिनों बाद इस चैनल का मार्केट शेयर 6.1 फीसदी तक पहुंच गया है। इस हफ्ते सबसे ज्यादा नुकसान उठाया है डीडी न्यूज ने। उसे पूरे एक फीसदी का नुकसान पहुंचा है और वह तेज से पीछे हो गया है। सर्वाधिक फायदे में आईबीएन7 रहा है। इस चैनल को 0.7 अंकों का फायदा पहुंचा है और उसकी टीआरपी 9.5 हो गई है। आज तक को छोड़कर उसके बाद के क्रमशः छह न्यूज चैनलों को कुछ न कुछ फायदा हुआ है। आज तक को 0.8 अंकों का नुकसान हुआ है।
इस हफ्ते की रेटिंग इस प्रकार है--
आज तक- 18.0 (गिरा 0.8), इंडिया टीवी- 16.8 (चढ़ा 0.1), स्टार न्यूज- 14.2 (चढ़ा 0.4), जी न्यूज- 11.3 (चढ़ा 0.1), आईबीएन7- 9.5 (चढ़ा 0.7), एनडीटीवी इंडिया- 8.5 (चढ़ा 0.2), न्यूज24 - 6.1 (चढ़ा 0.5), समय- 4.7 (गिरा 0.3), तेज- 3.8 (चढ़ा 0.1), डीडी न्यूज- 3.6 (गिरा 1.0), लाइव इंडिया- 2.4 (चढ़ा 0.3), इंडिया न्यूज- 1.0 (गिरा 0.3)
सप्ताह 45वां, 1 नवंबर से 7 नवंबर 09 तक : यह हफ्ता अपेक्षाकृत शांत है। न्यूज24 की बढ़त जारी है। बहुत दिनों बाद इस चैनल का मार्केट शेयर 6.1 फीसदी तक पहुंच गया है। इस हफ्ते सबसे ज्यादा नुकसान उठाया है डीडी न्यूज ने। उसे पूरे एक फीसदी का नुकसान पहुंचा है और वह तेज से पीछे हो गया है। सर्वाधिक फायदे में आईबीएन7 रहा है। इस चैनल को 0.7 अंकों का फायदा पहुंचा है और उसकी टीआरपी 9.5 हो गई है। आज तक को छोड़कर उसके बाद के क्रमशः छह न्यूज चैनलों को कुछ न कुछ फायदा हुआ है। आज तक को 0.8 अंकों का नुकसान हुआ है।
इस हफ्ते की रेटिंग इस प्रकार है--
आज तक- 18.0 (गिरा 0.8), इंडिया टीवी- 16.8 (चढ़ा 0.1), स्टार न्यूज- 14.2 (चढ़ा 0.4), जी न्यूज- 11.3 (चढ़ा 0.1), आईबीएन7- 9.5 (चढ़ा 0.7), एनडीटीवी इंडिया- 8.5 (चढ़ा 0.2), न्यूज24 - 6.1 (चढ़ा 0.5), समय- 4.7 (गिरा 0.3), तेज- 3.8 (चढ़ा 0.1), डीडी न्यूज- 3.6 (गिरा 1.0), लाइव इंडिया- 2.4 (चढ़ा 0.3), इंडिया न्यूज- 1.0 (गिरा 0.3)
नितिन शर्मा (news with us)
साभार: bhadas4media

कैमरामैन के बच्चे को फोर्टिस ने बंधक बनाया

इलाज में खर्च पूरे पैसे देने पर ही बच्चे को देने की धमकी : प्रकाश रावत स्पेश टीवी के कैमरामैन हैं। इससे पहले जी ग्रुप के सिटी केबल में और आजाद न्यूज में बतौर कैमरामैन काम कर चुके हैं। प्रकाश के बच्चे की उम्र सात साल है। डेंगू की महामारी के इस दौर में प्रकाश का बच्चा भी इसकी चपेट में आ गया। डाक्टरों ने बच्चे को वेंटिलेटर पर रखने को कहा और डेंगू का इलाज गंभीरता से कराने की सलाह दी। प्रकाश अपने बच्चे को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के कई अस्पतालों में गए पर वहां पहले से ही डेंगू के इतने मरीज थे कि प्रकाश के बच्चे को आईसीयू में जगह नहीं मिली। बच्चे की हालत बिगड़ती जा रही थी और डाक्टरों ने उसे तुरंत वेंटिलेटर पर रखने को कहा। थक-हार कर प्रकाश को अपने बच्चे को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
यह अस्पताल है दिल्ली के वसंतकुंज स्थित फोर्टिस। बच्चे को बचा लिया गया पर अस्पताल ने जब प्रकाश के सामने एक लाख अस्सी हजार रुपये का बिल रखा तो उनके होश उड़ गए। प्रकाश पचपन हजार रुपये की व्यवस्था कर पाए और उसे फोर्टिस में जमा करा दिया। साथ ही अनुरोध किया कि वे गरीब आदमी हैं, उनके पास और पैसे नहीं हैं, इसलिए उनके बच्चे को दे दिया जाए। पर फोर्टिस वाले अड़ गए। उन लोगों ने कहा कि वे बच्चे को तब तक नहीं देंगे जब तक उन्हें पूरा पैसा नहीं मिल जाता। फोर्टिस के लोगों ने बच्चे को डिस्चार्ज कर अपने पास रख लिया और पैसे न देने पर मेरे पर केस करने की धमकी दे रहे हैं। प्रकाश मीडिया के अपने करीबी मित्रों व जानने वालों के यहां चक्कर लगा रहे हैं। उनके एक परिचित पत्रकार ने उन्हें दिल्ली के शहरी विकास राज्य मंत्री से मिलवाने का आश्वासन दिया है जिनकी आज प्रेस कांफ्रेंस हैं। अगर प्रकाश की आप कोई मदद करना चाहते हैं तो उन्हें 9718974111 पर फोन कर सकते हैं। ध्यान रहे, फोन सिर्फ संवेदना जताने या हमदर्दी दिखाने के लिए न करें क्योंकि प्रकाश पैसे जुटाने के लिए भागदौड़ में व्यस्त हैं। फोन तभी करें जब आप उनकी कोई आर्थिक मदद करना चाहते हैं।
प्रकाश मीडिया के व्यक्ति हैं, इसलिए उनकी यह आवाज आज यहां उठ भी पा रही है और मीडिया के लोग उनकी मदद करने के लिए आगे भी आ सकते हैं। वे मीडिया के प्रभाव के जरिए अपने बच्चे को अपने साथ घर लाने में कामयाब भी हो सकते हैं पर कल्पना कीजिए, दिल्ली के किसी अन्य गरीब व्यक्ति, जो दुकान करता हो या ठेला लगाता हो, के बच्चे की यही दशा होती तो वह मदद मांगने के लिए कहां जाता, कौन उसकी बात सुनता। और, ऐसा हो भी रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य के बड़े पैमाने पर हो रहे बाजारीकरण से आने वाले दिनों में आम व्यक्ति के बच्चों का पढ़ पाना और इलाज करा पाना बेहद मुश्किल होता जाएगा। जो पैसे वाले होंगे, वही बेहतर जिंदगी जीने के अधिकारी होंगे। जिसके पास पैसा नहीं होगा, वह सभी दुर्दशाओं को प्राप्त होगा। और यह सब होगा लोकतंत्र के नाम पर जहां हर ओर अब लूट तंत्र दिख रहा है। पैसे वालों के लिए बनती जा रही इस व्यवस्था में अब हर आदमी भय या मजबूरी वश पैसे कमाने के लिए हर तिकड़म लगाने पर मजबूर हो रहा है। प्रकाश के बहाने मीडिया के हम सभी लोगों को यह खुद से पूछने की जरूरत है कि जिन सरकारों को हम लोग अपनी समीक्षा, आलोचना और खोजपूर्ण रपटों के दायरे से बाहर सिर्फ इसलिए रखे हुए हैं कि उन सरकारों के जरिए मीडिया के मालिकों को अच्छा-खासा बिजनेस मिल जाता है, उन सरकारों को आम जनता के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए अब क्या किया जाना चाहिए?
नितिन शर्मा
साभार : bhadas4media

Saturday, November 7, 2009

170 पर सिमटी टीम इंडिया

गुवाहाटी। गुवाहटी में ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले जा रहे छठे वनडे में भारत का प्रदर्शन फीका रहा। टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज सस्ते में पैवेलियन लौट गए। हालांकि निचले क्रम के बल्लेबाजों ने राहत दिलाते हुए स्कोर का कुछ सम्मानजनक स्थिति पहुंचाया। कंगारूओं की घातक गेंदबाजी के सामने टीम इंडिया के खिलाडी पूरे ओवर भी नहीं खेले पाए और 48 ओवर में 170 रन बनाकर पूरी टीम आउट हो गई। ऑस्टे्रेलिया को जीत के लिए 171 रन की जरूरत है।
करो या मरो वाले इस मैच में टीम इंडिया के कप्तान मेहन्द्र सिंह धोनी ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। पिछले मैच में संैकडा ठोकने वाले सचिन सहित सभी धुंरधर खिलाडी तू चल मैं आया की तर्ज पर पैवेलियन लौट गए। हालांकि सहवाग ने मिचेल जॉनसन के पहले ओवर में छक्का लगाकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे, लेकिन छक्का लगाने के बाद ही वह अगली गेंद पर बोल्ड हो गए। सहवाग की जगह खेलने आए गौतम गंभीर भी दो गेंदों का सामना कर सके और जॉनसन की गेंद पर बिना खाता खोले पैवेलियन लौट गए।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी कुछ खास नहीं कर सके और मात्र दस रन बनाकर डी. बॉलींगर ने उन्हें अपनी ही गेंद पर लपक लिया। बोलींगर ने ही युवराज सिंह को 6 रन के निजी स्कोर पर बोल्ड कर भारत को चौथा झटका दिया। पांचवा विकेट सुरेश रैना के रूप में गिरा। जॉनसन ने उन्हें खाता खोलने का भी मौका नहीं दिया। धोनी ने रविन्द्र जडेजा के साथ मिलकर इस क्रम को तोडने की कोशिश लेकिन जल्द ही आउट हो गए। इसके बाद खेलने आए हरभजन सिंह भी कोई कमाल नहीं दिखा पाए और चार रन बनाकर आउट हो गए।
अपनी पिछली छह द्विपक्षीय शृंखलाओं की जीत को बरकरार रखने के लिए भारत के लिए यह मैच जीतना जरूरी है ताकि वह सातवें मैच में अंतिम फैसले के लिए उतर सके। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने चोटों की समस्या से जूझने के बावजूद महेंद्र सिंह धोनी की टीम को कडी टक्कर दी है।
कंगारू टीम भले ही अपने आधे से अघिक नियमित खिलाडियों को गंवाने के बाद कमजोर हुई हो, लेकिन पिछले दो मैचों में करीबी जीत के बाद मेहमान टीम आत्मविश्वास से भरी है। काफी दबाव होने के कारण टीम इंडिया के लिए जीत दर्ज करना आसान नहीं होगा।
नितिन शर्मा (news with us)

अजब प्रेम की गजब कहानी

ठेठ भारतीय हिंदी फिल्म की तरह "अजब प्रेम की गजब कहानी" में हर वो मसाला मौजूद है, जो एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म में होना चाहिए। सवाल ये है कि क्या नया है, जिसे देखने के लिए टिकट खिडकी पर दर्शकों का मजमा लग रहा हैं। इसका जवाब हैं प्रेम यानी रणबीर कपूर की अजब-गजब जादूगरी। एक अभिनेता के तौर पर वो हर किरदार के साथ परिपक्व होते नजर आ रहे हैं और उनके लिए युवाओं खासकर महिलावर्ग में दीवानगी टिकट खिडकी पर भीड का बंदोबस्त हर हाल में करेगी। केंद्रीय पात्र प्रेम के किरदार को सफलता से जीने वाले रणबीर का साथ देने में कैटरीना सफल हुई हैं।दोनों के बीच की ऑन स्क्रीन कैमेस्ट्री ने फिल्म को दर्शकों के लिए मनोरंजक बना दिया हैं। लंबे समय बाद निर्देशक राजकुमार संतोषी ने कॉमेडी में हाथ आजमाये हैं। एक दशक से भी पहले उन्होंने आमिर खान और सलमान खान को साथ लेकर "अंदाज अपना अपना" बनाई थीं। बॉक्स ऑफिस और आलोचकों की अच्छी प्रतिक्रिया के बाद भी न तो आमिर और सलमान ही आज तक एक साथ आए है और न ही संतोषी ने फिर कोई कॉमेडी फिल्म ही बनाई। लेकिन इसकी सारी कसर उन्होंने "अजब प्रेम की गजब कहानी" के माध्यम से निकाल दी हैं। रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ की प्रमुख भूमिकाओं वाली "अजब प्रेम की गजब कहानी" में साफ-सुथरी कॉमेडी के साथ म्यूजिक और लीड कलाकारों के शानदार परफॉर्मेस का ऎसा अनोखा मेल हैं, जो बॉलीवुड में लंबे समय बाद देखने को मिला हैं। फिल्म की कहानी प्रेम (रणबीर कपूर) के आसपास घूमती हैं जो एक मस्तमौला जवान हैं और अपने कलंदर दोस्तों के साथ ऊटी में एक हैप्पी क्लब नाम का गु्रप चलाता हैं, प्रेम इस क्लब का स्वघोषित प्रेजिडेंट हैं और इस क्लब का काम है मुसीबत में फसे प्रेमियों की मदद करना। इसी सिलसिले में वो अपने दोस्त के लिए एक लडकी को उठा कर उनकी शादी करा देता हैं। प्रेम और उसके गैंग को ये सब करते देख जेनी(कैटरीना कैफ) उन्हें किडनैपिंग गैंग समझ बैठती हैं। जेनी के पिता प्रेम के ही दिलाये हुए फ्लैट में रहते हैं। प्रेम जेनी से मन ही मन प्यार कर बैठता हैं पर कुछ कह नहीं पाता। लेकिन जेनी के दिल में तो राहुल (उपेन पटेल)बसा हुआ हैं। राहुल के माता-पिता अपने बेटे और जेनी की शादी के खिलाफ हैं। इस मामले में सच्चा प्रेमी बन प्रेम, जेनी और राहुल की मदद करता हैं। थोडे नाटकीय दृश्य घटते हैं, कुछ हंगामा होता हैं और जेनी, प्रेम की हो जाती हैं। फिल्म अपनी मूल रेखा हास्य से नहीं भटकी हैं। और फिल्म में टि्वस्ट भी हैं। रणबीर और कैटरीना हमेशा की तरह आकषाक नजर आए हैं। जाहिर तौर से फिल्म देखने के बाद युवाओं में फैशन की नई लहर चलेगी, क्योंकि कास्ट्यूम स्टाईलिस्ट श्यामली अरोडा ने जिन परिधानों को पेश किया है, वो फैशनेबल भी हैं और आरामदेह भी। इरशाद कामिल के गीतों का समझना आसान है और ये अपना मतलब भी रखते हैं। कोरियोग्राफर अहमद खान को रणबीर के साथ ज्यादा मेहनत नहीं करनी पडी, क्योंकि एक डांसर के तौर पर रणबीर में प्रतिभा नैसर्गिक है और पर्दे पर दिखाई देने वाले गीतों में रणबीर ने कैटरीना को कमर हिलाने भर की ही जगह दी हैं। बाकी स्पेस खुद हथिया लिए। अच्छी बात यह है कि फिल्म में कहीं भी अश्लील हावभाव और संवादों का इस्तेमाल नहीं किया गया हैं और पूरी फैमिली एक साथ बैठकर इसे देख सकते हैं। अभिनय के मामले में "अजब प्रेम की गजब कहानी" पूरी तरह से रणबीर कपूर की फिल्म हैं और ताज्जूब की बात है कि "वेक अप सिड" के बाद उन्होंने एक बार फिर अपने एक्टिंग स्किल्स का भरपूर मुजायरा किया है और खासे सफल भी रहे हैं। पर्दे पर पहली बार पूरी तरह कॉमेडी रोल में उतरे रणबीर ने जिस विश्वास और समझदारी से इस किरदार को निभाया है, वो वास्तव में काबिले तारीफ हैं। उनके कॉमिक टाइमिंग की जितनी भी प्रशंसा की जाये, वो कम हैं। इस फिल्म के बाद यदि उन्हें लोग अगला सुपरस्टार मानने लगे तो कोई आश्चर्य नहीं। इसके अलावा कैटरीना ने भी पहली बार कॉमेडी करते हुए अच्छी अदाकारी दिखाई हैं। हमेशा की तरह फिल्म में उनकी खूबसूरती देखते ही बनती हैं और रणबीर के साथ उनकी केमिस्ट्री भी लाजवाब हैं। बाकि सभी चरित्र कलाकारों ने भी पूरी ईमानदारी और लगन से अपनी भूमिका निभा कर फिल्म में पूरी तरह से योगदान दिया हैं। दर्शन जरीवाला, स्मिता जयकर, गोविंद नामदेव आदि ने अच्छा अभिनय किया हैं।साजीद डॉन के किरदार में जाकिर हुसैन फिट नहीं बैठते। उपेन पटेल ठीक ठाक हैं। रणबीर के हैप्पी क्लब के मेम्बर्स का किरदार करने वाले अभिनेताओं को अच्छे खासे दृश्य और संवाद मिले हैं और उन्होने उसमें चार-चांद लगा दिए हैं। फिल्म का चित्रांकन उत्तम दर्ज का है और निर्माण की क्वॉलिटी को दर्शाता हैं, कैरिकेचर स्टाइल रहने के कारण राजकुमार संतोषी ने स्पेशल इफेक्ट्स का खुले दिल से उपयोग किया हैं। प्रीतम का संगीत जबरदस्त है और फिट हैं। सभी गाने फिल्म के मूड को ध्यान में रखकर लिखे गए है और अपना असर छोडने में सफल दिखते हैं। अगर तीन घंटे का समय है तो हंसी और प्रेम में गुथी ये अजब-गजब कहानी देखने में हर्ज नहीं हैं।
साभार : google news
नितिन शर्मा (news with us)

रामदेव के शिविर में न जाएं मुस्लिम’

मुजफ्फरनगर. दारूल उलूम ने शनिवार को फतवा जारी कर मुस्लिमों से योगगुरू बाबा रामदेव के शिविर में जाने से परहेज करने को कहा है। कहा गया है कि बाबा के योग शिविर राष्ट्र गीत वंदे मातरम के गायन के साथ शुरू होते हैं जो कि गैर इस्लामी है। यह संस्था पहले ही वंदे मातरम को इस्लाम विरोधी करार देते हुए फतवा जारी कर चुकी है। दारूल उलूम के फतवा विभाग के उपप्रभारी मुफ्ती एहसान काजमी ने कहा, ‘वंदेमारतम प्रार्थना है और इस्लामी कानून के विरुद्ध है। इस्लाम में अल्लाह के अलावा किसी की प्रार्थना नहीं की जाती है। इसलिए मुस्लिमों को वंदेमातरम नहीं गाना चाहिए।’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि व्यायाम के तौर पर योग किया जा सकता है। देवबंद में चार दिन पहले जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की 30वीं महासभा में मुस्लिम उलेमाओं के बीच बाबा रामदेव ने प्राणायाम करके दिखाया था और हिंदू पुजारी द्वारा वैदिक श्लोक का पाठ किया गया था। बाद में, जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने वंदेमारतम को ‘गैर-इस्लामी’ बताते हुए मुस्लिमों को इसे न गाने का प्रस्ताव पारित किया था।मुजफ्फरनगर. दारूल उलूम ने शनिवार को फतवा जारी कर मुस्लिमों से योगगुरू बाबा रामदेव के शिविर में जाने से परहेज करने को कहा है। कहा गया है कि बाबा के योग शिविर राष्ट्र गीत वंदे मातरम के गायन के साथ शुरू होते हैं जो कि गैर इस्लामी है। यह संस्था पहले ही वंदे मातरम को इस्लाम विरोधी करार देते हुए फतवा जारी कर चुकी है। दारूल उलूम के फतवा विभाग के उपप्रभारी मुफ्ती एहसान काजमी ने कहा, ‘वंदेमारतम प्रार्थना है और इस्लामी कानून के विरुद्ध है। इस्लाम में अल्लाह के अलावा किसी की प्रार्थना नहीं की जाती है। इसलिए मुस्लिमों को वंदेमातरम नहीं गाना चाहिए।’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि व्यायाम के तौर पर योग किया जा सकता है। देवबंद में चार दिन पहले जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की 30वीं महासभा में मुस्लिम उलेमाओं के बीच बाबा रामदेव ने प्राणायाम करके दिखाया था और हिंदू पुजारी द्वारा वैदिक श्लोक का पाठ किया गया था। बाद में, जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने वंदेमारतम को ‘गैर-इस्लामी’ बताते हुए मुस्लिमों को इसे न गाने का प्रस्ताव पारित किया था।
नितिन शर्मा (news with us)

अमेरिका: गोलीबारी करने वाला आर्मी डॉक्टर कोमा में

अमेरिका के एक प्रमुख रक्षा ठिकाने में अंधाधुंध गोलीबारी कर 13 व्यक्तियों को मार डालने के संदिग्ध आरोपी सैन्य मनोविज्ञानी को सैन अन्तोनिया स्थित एक ट्रॉमा केंद्र ले जाया गया है।
जॉर्डन में जन्मे अमेरिकी नागरिक मेजर निदाल मलिक हसन (39 वर्ष) को शुक्रवार सान अन्टोनियो के समीप फोर्ट हुर्ड सैन्य ठिकाने में अंधाधुंध गोलीबारी करने के बाद पकड़ा गया था। गोलीबारी कर रहे हसन पर एक महिला पुलिस अधिकारी ने चार गोलियां चलाईं और फिर उसे पकड़ा गया।
यहां के कुछ अखबारों में प्रकाशित खबरों में कहा गया है कि वर्जीनिया में जन्मे हसन को इराक में नहीं बल्कि अफगानिस्तान में तैनात किया जाना था। उसे सैन अन्तोनियो स्थित ब्रुक मेडिकल आर्मी सेंटर लाया गया। वह कोमा में है और उसकी हालत स्थिर बताई जाती है।
हसन ने जब अंधाधुंध गोलीबारी शुरू की। इसके बाद सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। मेडिकल केंद्र के प्रवक्ता डेवी मिशेल ने हसन को मध्य टेक्सास के अस्पताल से ट्रामा सेंटर लाए जाने के फैसले के बारे में कुछ नहीं बताया। फोर्ट हुड अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना है जहां 50,000 सैनिक, उनके 150,000 परिजन और नागरिक रहते हैं। यहां सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था है।
शुक्रवार की घटना के बाद 340 वर्ग मील में फैले इस ठिकाने में मीडिया कर्मियों का प्रवेश रोकने के लिए अतिरिक्त गार्ड तैनात कर दिए गए हैं। गोलीबारी की इस घटना से स्तब्ध और परेशान सैन्य अधिकारी पूरे घटनाक्रम के बारे में सूचनाएं एकत्र कर रहे हैं।
गोलीबारी में 12 सैनिक और रक्षा मंत्रालय का एक असैनिक अधिकारी मारा गया और करीब 30 व्यक्ति घायल हो गए। अधिकारियों को यह सवाल सबसे परेशान कर रहा है कि क्या उन्होंने चेतावनी के संकेत नजरअंदाज कर दिए। हमले के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। लेकिन खबरों से संकेत मिलता है कि अभिभावकों के मना करने के बावजूद हाई स्कूल के बाद सेना में शामिल हुआ हसन परेशान था। जांचकर्ताओं ने हसन के कंप्यूटर, उसके घर और उसके फालतू सामान की जांच कर पता लगाने का प्रयास किया कि उसने अपने सहकर्मी सैनिकों पर गोलीबारी क्यों की थी। हसन अभी कौमा में है। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि घायलों में से कुछ की हालत बेहद नाजुक है और शायद वे बच नहीं पाएं। वहीं हसन के एक संबंधी ने बताया कि अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमले के बाद से हसन कई बार शिकायत कर चुका था कि उसके सहयोगी उसकी मजहबी पृष्ठभूमि को लेकर उसे परेशान करते हैं। हसन मुसलमान है। बताया जाता है कि वह ज्यादातर अकेला रहता था। इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी कार्रवाइयों पर भी उसने कड़ी आपत्ति जताई थी। प्रत्यक्ष तौर पर वह अफगानिस्तान में अपनी तैनाती नहीं चाहता था।
नितिन शर्मा (news with us)

Thursday, November 5, 2009

प्रबाश जोशी नही रहे

पत्रकारिता के ओपान में जाने माने पत्रकार प्रबाश जोशी कल रात दिल का दौरा पड़ने की वजह से अब हमारे बीच में नही रहे। जोशी जी ने पत्रकारिता में अहम् योगदान निभाया है। news with us की टीम की और से उनको हार्दिक स्राधांजलि
नितिन शर्मा (news with us)

Tuesday, November 3, 2009

महाराष्ट्र : नई सरकार बनाने की गुत्थी और उलझी

महाराष्ट्र के राज्यपाल एससी जमीर ने राज्य में नई सरकार के गठन के लिए अपनी तरफ से पहल करके राजभवन में मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल दोनों को ही अलग-अलग बुलाकर उनकी राय मालूम की।हालांकि, राज्य में सत्तारूढ़ लोकतांत्रिक मोर्चा के विधानसभा चुनाव में गत 22 अक्टूबर को जीत दर्ज करने के बाद नई सरकार के गठन का रास्ता अभी तक साफ नहीं हुआ है। इस मोर्चा में शामिल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच मंत्री पद और उनके विभागों के बंटवारे को लेकर चल रही रस्साकसी के बीच नई सरकार के गठन में गतिरोध बना हुआ है।राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष आरआर पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस को नई सरकार बनाने के लिए बाहर से समर्थन देने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री एवं राकांपा विधायक दल के नेता भुजबल ने पार्टी के इस निर्णय से राज्यपाल को मौखिक रूप से बता दिया है।लेकिन, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने राकांपा की इस पेशकश को खारिज करते हुए कहा कि यह व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने कहा कि राकांपा को सरकार के गठन की प्रक्रिया से बाहर रहने के बारे में बोलने से पहले 'जमीनी वास्तविकताओं' का पता लगा लेना चाहिए।दूसरी ओर, नई सरकार के गठन में हो रहे असामान्य विलम्ब के मद्देनजर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अपनी मांग पर जोर देने के लिए विपक्षी शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राजभवन जाकर राज्यपाल से मिलेगा।महाराष्ट्र के राज्यपाल एससी जमीर ने राज्य में नई सरकार के गठन के लिए अपनी तरफ से पहल करके राजभवन में मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल दोनों को ही अलग-अलग बुलाकर उनकी राय मालूम की।हालांकि, राज्य में सत्तारूढ़ लोकतांत्रिक मोर्चा के विधानसभा चुनाव में गत 22 अक्टूबर को जीत दर्ज करने के बाद नई सरकार के गठन का रास्ता अभी तक साफ नहीं हुआ है। इस मोर्चा में शामिल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच मंत्री पद और उनके विभागों के बंटवारे को लेकर चल रही रस्साकसी के बीच नई सरकार के गठन में गतिरोध बना हुआ है।राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष आरआर पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस को नई सरकार बनाने के लिए बाहर से समर्थन देने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री एवं राकांपा विधायक दल के नेता भुजबल ने पार्टी के इस निर्णय से राज्यपाल को मौखिक रूप से बता दिया है।लेकिन, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने राकांपा की इस पेशकश को खारिज करते हुए कहा कि यह व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने कहा कि राकांपा को सरकार के गठन की प्रक्रिया से बाहर रहने के बारे में बोलने से पहले 'जमीनी वास्तविकताओं' का पता लगा लेना चाहिए।दूसरी ओर, नई सरकार के गठन में हो रहे असामान्य विलम्ब के मद्देनजर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अपनी मांग पर जोर देने के लिए विपक्षी शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राजभवन जाकर राज्यपाल से मिलेगा।
nitin sharma (news with us)

Sunday, November 1, 2009

नही बुझी आग

जयपुर के सीतापुर औद्योगिक इलाके में इंडियन ऑयल कारपोरेशन [आईओसी] टर्मिनल के एक किलोमीटर दायरे को छोड़कर शेष क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं, लेकिन जिला प्रशासन लगातार पांचवें दिन भी आग को काबू में लाने में सफल नहीं रहा।
जिलाधिकारी कुलदीप रांका के अनुसार हालात की समीक्षा करने के बाद आईओसी टर्मिनल से एक किलोमीटर के दायरे को छोड़कर शेष सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों के कामकाज के लिए प्रबंधकों को जाने की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाई प्रबंधकों को निर्देश दिया गया है कि एहतियात के लिए बिजली लाइनों एवं भवनों की जांच के बाद ही कामकाज शुरू करें और फिलहाल भारी मशीनरी का उपयोग नहीं किया जाए।
रांका ने कहा कि सीतापुर क्षेत्र में शुक्रवार से बंद स्कूल और जयपुर-सवाई माधोपुर रेल मार्ग पर यातायात फिर से शुरू करने का निर्णय सोमवार शाम स्थिति की समीक्षा के बाद किया जाएगा। जिलाधिकारी के अनुसार आईओसी टर्मिनल में रविवार देर रात जिन तीन टैंकों में आग धधक रही है उनके ढक्कन तेज आवाज के साथ फटने से नजदीक ही रखे ऑयल के ड्रमों में आग लग गई, लेकिन उन पर जल्द ही काबू पा लिया गया। उन्होंने कहा कि आग कब बुझेगी इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा के निर्देश पर हादसे की जांच के लिए गठित कमिटी के अध्यक्ष बी लाल सोमवार को जयपुर पहुंचकर मामले की जांच शुरू करेंगे। उत्तर पश्चिम रेलवे के सूत्रों ने बताया कि जिला प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद ही जयपुर-सवाई माधोपुर रेल मार्ग पर यातायात बहाल किया जाएगा। इस मार्ग से आने-जाने वाली गाड़ियां परिवर्तित मार्ग से चल रही हैं। दिल्ली, मुंबई एवं मथुरा रिफाइनरी से आए विशेषज्ञ और सेना के जवान बचाव कार्य में जिला प्रशासन की मदद कर रहे हैं।
गौरतलब है कि आईओसी टर्मिनल में गुरुवार की शाम 11 टैंकों में आग लगने से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

नितिन शर्मा (news with us)

Friday, October 30, 2009

आगजनी के लिए निगम भी दोषी !

सब जानते थे राजधानी में आग लगने पर बचाने के साधन नहीं है। इसके लिए आपदा प्रबंधन ने 16 करोड की बडी राशि भी दी। निगम के साधारण बोर्ड ने ऎसी आग बुझाने में सक्षम छह करोड रूपए की स्नॉर्कल लैडर खरीदने के लिए प्रस्ताव भी पास कर दिया लेकिन निगम अधिकारियों मामला अटका दिया। जिसका खामियाजा राजधानी के करीब आधा दर्जन लोगों को जान गंवाकर चुकाना पड रहा है। नगर निगम में फायर समिति के अध्यक्ष मोहन यादव ने कहा , निगम के सीईओ ,मुख्यालय आयुक्त के साथ अकाउंट ऑफिसर भी जिम्मेदार हैं। फायर उपकरण खरीदने में बाधा बने निगम बोर्ड में स्वीकृत फाइलों को अटकाने अधिकारियों के खिलाफ सख्त कारवाई होनी चाहिए।
मुफ्त में मशीन देखने भी नहीं भेजा
पिछले दिनों जर्मन की कंपनी ने स्नॉर्कल लैडर देखने के लिए निगम के तीन व्यक्तियों को जर्मन भेजने का प्रस्ताव दिया। जिसका पूरा खर्चा जर्मन कंपनी उठाने को तैयार थी। इसको भी निगम के अधिकारियों ने कागजों में अटका दिया। करीब छह माह पहले फायर समिति के अध्यक्ष मोहन यादव दिल्ली गए लेकिन खरीदने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।
टेंडर फाइल गायब
रीको ने उन्नत फायर स्टेशन, ट्रेनिंग सेंटर बनाने के लिए एक रूपए में नायला में करीब 4500 वर्गगज जमीन दी।
फायर समिति के अध्यक्ष यादव के अनुसार साधारण सभा में प्रस्ताव पास होने के बाद पचास-पचास लाख रूपए के टेंडर तैयार किए गए लेकिन पूरी प्रक्रिया की फाइल ही निगम से गायब हो गई।
चैसिस पडे रहे गाडी के इंतजार में
निगम ने पिछले दिनों 15 चैसिस खरीदे लेकिन करीब एक साल कबाड में पडे रहने के बाद सात चैसिस पर गाडी बनाने के लिए दिल्ली भेजा गया जो एक सप्ताह बाद आएंगे और अब भी आठ चैसिस कबाड में पडे हैं। ऎसे में राजधानी में आग लगने पर लोगों को भगवान भरोसे रहना पडता है।
आग लगने के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्यालय आयुक्त , अकाउंट ऑफिसर सहित सभी लोग जिम्मेदार हैं। निगम की साधारण सभा में प्रस्ताव पास होने के बाद भी अधिकारी फाइलें अटकाने में माहिर हैं। उन्हें जनता के हित जगह फाइल को अटकाने में मजा आता है। ऎसे अधिकारियों के खिलाफ कारवाई होनी चाहिए। ऎसे अधिकारियों की वजह से अग्निशमन दस्ता बेबस है।
मोहन यादव, अध्यक्ष, फायर समिति जेएमसी
नितिन शर्मा (news with us)

आग से दहला जयपुर

जयपुर के सांगानेर स्थित सीतापुरा इण्डियन ऑयल टर्मिनल में गुरूवार शाम लगी आग पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है। अब यह लगभग तय हो गया है कि आग तभी बुझेगी, जब डिपो का ईधन खत्म होगा। राहत एवं बचाव कार्य बेअसर साबित हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक डिपो में मौजूद पेट्रोल लगभग खत्म हो गया है। जबकि, डीजल और केरोसिन के टैंकर अब भभक रहे हैं। घटनास्थल से डेढ किमी दूर तक के इलाके को एहतियात के तौर पर खाली लिया गया है। जिला प्रशासन और बचाव दल मौके पर डटे हैं।


उल्लेखनीय है कि डिपो की भीषण आग से झुलसे 13 लोगों की जान चली गई है। हालांकि, आधिकारिक रूप से अभी तक पांच मौतों की बात कही जा रही है। जबकि, 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। आग से अरबों के नुकसान की आशंका है। विस्फोट इतना तेज था कि आस-पास के छह किलोमीटर के दायरे में भवनों के खिडकी-दरवाजे टूट गए। घटनास्थल से पांच किमी तक के क्षेत्र को सील कर दिया गया है।

दूर तक गूंजी आवाज

धमाके की आवाज 10 किलोमीटर दूर तक सुनी गई। बीस किलोमीटर दूरी तक धरती हिल गई। करीब पांच सौ मीटर ऊंची आग की लपटें 20 किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे रही थीं। जयपुर-कोटा मार्ग पर यातायात रोक दिए जाने के कारण हाइवे पर कई किलोमीटर लम्बी वाहनों की लाइन लग गई। हादसे के समय डिपो के अंदर और बाहर कितने लोग थे इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। धमाकों के बाद टर्मिनल के अंदर और मुख्य गेट के बाहर तबाही का मंजर था, घायल लोग मदद के लिए कराह रहे थे।

धमाकों से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। इण्डियन ऑयल कर्मचारियों के साथ शहर की दमकल के अलावा एयरपोर्ट अग्निशमन की गाडियां आग बुझाने के लिए आईं। पडोसी जिलों से भी दमकल की गाडियां बुलवा ली गई, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि कोई घटनास्थल के आस-पास तक भी नहीं पहुंच सकीं। सेना के तीन सौ से अधिक जवान भी मौके पर पहुंचे।

हालात के विश्लेषण से स्पष्ट हुआ कि यह आग तेल खत्म होने के बाद स्वत: ही बुझ जाएगी। आग के कारण रेलवे ने 20 ट्रेनों के मार्ग बदल दिए गए हैं। जबकि, दो को रद्द कर दिया गया है। वहीं, पैलेस ऑन व्हील्स दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर रोक ली गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवडा को फोन पर इस विस्फोट से अवगत कराया।

कंट्रोल रूम गठित
सीतापुरा ऑयल डिपो अग्निकांड में घायलों व लापता लोगों के बारे में जानकारी के लिए निम्न नम्बरों पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है। पुलिस कंट्रोल रूम 0141-2574456, प्रतापनगर थाना 2175636, सांगानेर सदर थाना 2771662।

हालात जस के तस

आईओसी चैयरमेन राम प्रकाश चौधरी बताया कि फिलहाल हालात जस के तस बने हुए हैं। ऑयल समाप्त होने का इंतजार करने के सिवा कोई चारा नहीं। डिपो के लापता छह कर्मचारियों के बारे में उनका कहना था कि इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। लापता कर्मचारियों के परिजनों के फोन भी आ रहे हैं। धुंए के गुबार के कारण बढ रही स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए उन्होंने लोगों को दूर जगहों की ओर जाने की सलाह दी है। आग पर कब तक काबू पा लिया जाएगा इस सवाल पर वे इतना ही कह पाए 'सब भगवान भरोसे है।

वैकल्पिक व्यवस्था

उधर दिल्ली में शुक्रवार दोपहर को हुई आईओसी की प्रेस वार्ता में बताया गया कि ऑयल टर्मिनल में लगी आग कल तक भी बनी रहने की संभावना है। आग से करीब एक सौ पचास करोड रूपए से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। ऑयल डिपो में आग के कारण बाधित हुई ईधन सप्लाई को सामान्य करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अजमेर व भरतपुर से र्ईधन सप्लाई किया जाएगा।



लीकेज से आग

'लीकेज के कारण आग लगी। लीकेज की सूचना पर हम सीतापुरा पहुंचे, उसी समय हादसा हुआ। उस समय शिफ्ट के लोग मौजूद थे। डिपो शाम 5.30 बजे बंद हो जाता है, इसलिए अंदर खाली टेंकर ही थे। अंदर कितने लोग थे इसके बारे में बताया नहीं जा सकता। एयर के जरिए आग बुझाने के बारे में हमने तो कभी सुना नहीं।

-गौतम बोस, पेट्रोलियम कम्पनियों के राज्य समन्वयक

घायलों की कुशलक्षेम पूछी

राज्यपाल एस.के. सिंह, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे आदि नेताओं ने अस्पतालों में घायलों का हाल पूछा।

भूकम्प सा एहसास

घटना के समय शहर में भूकम्प के झटके महसूस किए गए। मौसम विभाग के अनुसार इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.3 मापी गई।

अरबों का नुकसान

आग से अरबों रूपए के नुकसान की आशंका है। बचाव के लिए मुम्बई, दिल्ली व मथुरा से टीमें रवाना की जा चुकी हैं।

आर्थिक सहायता

राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रूपए। गम्भीर घायलों को 1-1 लाख तथा समान्य घायलों को 50-50 हजार की सहायता की घोषणा की गई है।

मृतकों की संख्या पर असमंजस

मृतकों की संख्या को लेकर असमंजस की स्थिति रही। मुख्य सचिव श्रीमती कुशलसिंह ने जहां तीन जनों की मौत की पुष्टि की वहीं प्रमुख गृह सचिव प्रदीप सेन के मुताबिक दो जनों की मृत्यु हुई। टेलीविजन चैनलों ने मृतकों की संख्या 13 तक बताई जबकि इण्डियन ऑयल के अधिकारी यह बताने की स्थिति में ही नहीं थे कि हादसे के समय डिपो में कितने लोग थे और कितने लोगों की मौत हुई।

देर रात तक news with us से लोग फोन कर मृतकों व अपने परिजनों के बारे में पूछताछ करते रहे। सूत्रों के अनुसार मौके पर सेना को बताया गया कि हादसे के समय डिपो में 20-25 कर्मचारी ड्यूटी पर थे। जबकि 100 अन्य हादसे के दौरान या पहले अन्दर गए थे। यह नहीं कहा जा सकता कि वे बाहर निकल पाएं या नहीं।
nitin शर्मा (news with us)

Tuesday, October 27, 2009

चीयरलीडर्स दिखेंगी साडी में

उडीसा में कटक के बाराबती स्टेडियम में 21 दिसंबर को भारत और श्रीलंका की क्रिकेट टीमों की भिडंत के दौरान मैदान में चीयरलीडर्स साडी में दिखेंगी। उडीसा क्रिकेट संघ (ओसीए) के सचिव आशीर्बाद बेहेरा ने कहा कि 21 दिसंबर को खेले जाने वाले मैच में चीयरलीडर्स सांबलपुरी साडी में नजर आएंगी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए कम से कम 15 उडिया लडकियों का चयन किया जाएगा। इन लडकियों को स्टेडियम के तीन अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया जाएगा। ये लडकियां स्कर्ट नहीं पहनेंगी। क्योंकि, यह वेश हमारी संस्कृति के खिलाफ है। हमारे दर्शक इसे स्वीकार नहीं करेंगे। ये सभी अपनी संस्कृति और परंपरा के मद्देनजर वेश धारण करेंगी।
बेहेरा ने कहा कि ओसीए राज्य कॉपरेटिव ईकाई से सांबलपुरी साडी खरीदेगी। उन्होंने कहा कि स्टेडियम में उडिया फिल्मों या एलबमों के लोकप्रिय गीतों की व्यवस्था की जाएगी।दर्शकों की सुविधा के लिए ओसीए पहली बार वातानुकूलिच कॉरपोरेट बॉक्स की भी व्यवस्था करेगी, जिसमें कम से कम 800 दर्शक बैठ पाएंगे।
नितिन शर्मा (news with us)

पीसीपीए ने राजधानी एक्सप्रेस को बंधक बनाया

कोलकाता। भुवनेश्वर-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले में बंधक बना लिया गया है। खबर है कि उसके ड्राइवर और सहायक ड्राइवर को अगवा कर लिया गया है। पश्चिमी मिदनापुर के झारग्राम और बांसतला के बीच ट्रेन को रोका गया है।
पहले आशंका जताई गई थी कि अपहरण माओवादियों ने किया है। लेकिन, बाद में लालगढ में पुलिस अत्याचार के खिलाफ आंदोलन चलाने वाली एक समिति 'पीसीपीए' ने दावा किया कि ड्राइवर और सहायक ड्राइवर को उसने अगवा किया है। पीसीपीए उनके नेता छत्रधर महतो को छोडने की मांग कर रहा है। महतो फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं। ट्रेन के रूकने से कई ट्रेनों की आवाजाही पर असर पडा है। जमशेदपुर में इस रूट की सभी ट्रेनों को रोक दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक माओवादियों के प्रभाव वाले मिदनापुर में राजधानी को लाल झंडे दिखाकर रोक लिया गया। इसके बाद उसके ड्राइवर और सहायक ड्राइवर को अगवा कर लिया गया। रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने घटनास्थल के आस-पास गहन खोजबीन शुरू कर दी। लेकिन, दोनों का सुराग नहीं लगा। इस बीच, माओवादियों और सीआरपीएफ के बीच फायरिंग भी हुई। इस क्षेत्र में माओवादियों ने बंद का आह्वान कर रखा है।
माओवादी नेता किशनजी ने कहा कि यह काम नक्सलियों का नहीं है बल्कि पीसीपीए का है। उल्लेखनीय है कि किशनजी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य को सबक सिखाने की चुनौती देते हुए कहा था कि जब तक वो माकपा और कांग्रेस के फासीवादी शासन का खात्मा नहीं कर देते वो चुप नहीं बैठेंगे।
1000 से ज्यादा हमलावर मौजूद
गार्ड और अन्य यात्रियों के मुताबिक एक हजार से भी ज्यादा हमलावरों ने ट्रेन को घेर रखा है। हमलावरों में महिलाएं भी शामिल हैं। गार्ड ने बताया कि हथियारों से लैस तकरीबन 450-500 हमलावर अचानक लाल झंडे लेकर ट्रेन के सामने खडे हो गए और ट्रेन को रूकवा दिया। ट्रेन पर पथराव किए जाने की भी सूचना है। तीन बजे से बांसतला स्टेशन पर रोकी गई ट्रेन में बिजली नहीं है जिससे एसी बंद हो गए हैं। यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड रहा है।
बातचीत को तैयार :
ममताइस घटना के बाद गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय चौकस हो गया है। रेलवे मंत्री ममता बनर्जी ने अपील की है कि वो नक्सलियों से बातचीत करने को तैयार हैं लेकिन इससे पहले यात्रियों को रिहा किया जाए।
पुलिस पर नक्सलियों का हमला
बांसतला से चार-पांच किलोमीटर दूर नक्सलियों द्वारा पुलिस पार्टी पर हमला किए जाने की भी खबर है। सूत्रों के अनुसार पुलिस जिस जगह पर ट्रेन रोकी गई है वहीं जा रहे थे लेकिन जंगल के रास्ते से गुजरते समय उन पर हमला कर दिया गया।
क्या है पीसीपीए
क्पीसीपीए मुख्यत: पुलिस दमन के खिलाफ बनाया गया संगठन है। पीपुल्स कमेटी अगेन्स्ट पुलिस एट्रोसिटीज (पीसीपीए) संगठन में आदिवासी, छोटे किसान, दलित वर्ग शामिल हैं। छत्रधर महतो पीसीपीए के संयोजक हैं।
नितिन शर्मा (news with us)

मान जाओ वरना लाइसेंस रद कर देंगे

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 'कलर्स' चैनल को नोटिस भेज धमकाया : 'बिग बास-3' में अश्लीलता दिखाने पर मंत्रालय का रुख कड़ा : 'कलर्स' को पहले भी तीन कारण बताओ नोटिस भेजे जा चुके हैं : सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कलर्स टीवी पर दिखाए जा रहे चर्चित रियलिटी शो बिग बॉस को अश्लील और अभद्र भाषा एवं दृश्य के लिए नोटिस भेजा है। नोटिस का जवाब पांच दिनों के भीतर मांगा गया है। गौरतलब है कि इस शो का संचालन प्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन कर रहे हैं। मंत्रालय ने चैनल को भेजे गए अपने नोटिस में कहा है कि इस कार्यक्रम में कुछ प्रतिभागियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा अभद्र है।
हाल ही में प्रसारित इस कार्यक्रम में एक प्रतिभागी द्वारा दूसरे की पैंट उतारते हुए दिखाया गया है। ऐसे दृश्य से कई दर्शकों की संवेदना को चोट पहुंच सकती है। इस नोटिस में कहा गया है कि चूंकि यह कार्यक्रम प्राइम टाइम के दौरान प्रसारित किया जाता है और इसे बच्चे सहित परिवार के लोग देखते हैं, ऐसे में इस तरह की भाषा एवं ऐसे दृश्य कम उम्र के लोगों के अपरिपक्व दिमाग पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। यही नहीं, इस कार्यक्रम के आपत्तिजनक दृश्यों की क्लिपिंग समाचार चैनलों को वितरित की जाती और समाचार चैनल इन्हें दोबारा प्रसारित करते हैं जिसके कारण ये दृश्य काफी अधिक लोगों तक पहुंच रहे हैं।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि इस चैनल को पहले भी तीन बार कारण बताओ नोटिस तथा दो बार परामर्श भेजे गए हैं। अगर यह चैनल केबल टेलीविजन नियमन कानून 1995 के तहत तय कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन करना जारी रखता है तो इस चैनल को चलाने के लिए दी गई अनुमति रद्द की जा सकती है।
गौरतलब है कि मंत्रालय ने हाल में ही 'इंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा' नामक रियलिटी शो के लिए सोनी इंटरटेनमेंट चैनल को और 'पति, पत्नी और वो' के लिए एनडीटीवी इमेजिन को कारण बताओ नोटिस भेजा है। इसके अलावा मंत्रालय ने संसद में हंगामे के बाद सच का सामना नामक रियलिटी शो के लिए स्टार प्लस को भी नोटिस भेजा।
साभार : bhadas4media
नितिन शर्मा (news with us)

Monday, October 26, 2009

आखिर टूट गई सांसें


कोटा। जेके लॉन अस्पताल में रविवार को एक नवजात को डॉक्टरों ने दो बार मृत घोषित किया। एक बार तो नियति उसके साथ थी और वह जी उठा, लेकिन दूसरी बार तकदीर उसके साथ नहीं थी।
अस्पताल के चिकित्सक ने रविवार सुबह एक नवजात को जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। रोते बिलखते परिजन घर जाने लगे तो बालक उबासियां लेते नजर आया। उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती किया, कुछ घंटे इलाज चला, लेकिन रात को उसका दम टूट गया। दूसरी बार मृत घोषित करने से पहले डॉक्टरों ने करीब एक-डेढ घंटे तक मशक्कत की।
बूंदी जिले के चितावा निवासी सुमित कोटा में बालिता रोड पर सिलाई का काम करता है। पत्नी सुनीता ने 22 अक्टूबर को जेके लॉन अस्पताल में पुत्र को जन्म दिया। चिकित्सकों ने नवजात को कमजोर बताते हुए इन्क्यूबिरेटर पर रखा। शनिवार शाम बालक की हालत बिगड गई। रविवार सुबह दस बजे उसे सीनियर रेजीडेंट डॉ. उमेश ने मृत घोषित कर दिया। कुछ ही देर में उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की पर्ची भी सुमित को दे दी।
चालक को दिखी जिंदगी
नवजात की मृत्यु से सुमित और परिजनों पर पहाड टूट पडा। परिजन बालक का अंतिम संस्कार पैतृक गांव में करना चाहते थे। सामाजिक कार्यकर्ता श्याम नामा ने शव को गांव पहुंचाने के लिए वाहन उपलब्ध कराया। शव को वाहन में रखते समय चालक कृपाशंकर ने उसे उबासी लेते देखा। बालक को फिर से अस्पताल में ले गए, जहां उसे भर्ती कर लिया।
रात को आ गई मौत
दवाओं और उपकरणों के सहारे नवजात दिन भर मृत्यु से संघर्ष करता रहा। रात को करीब सात बजे उसकी मृत्यु हो गई। अस्पताल के शिशुरोग विभागाध्यक्ष डॉ. एपी गुप्ता ने बताया कि तीन डॉक्टरों की टीम ने काफी देर तक बच्चे के ह्वदय समेत जीवन को लौटाने का प्रयास किया, लेकिन नतीजा नहीं निकला। काफी देर प्रयासों के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया। परिजन शव लेकर चले गए।
'बच्चे में काफी देर तक ह्वदय में हलचल नहीं थी। श्वसन तंत्र शिथिल हो चुका था। काफी देर इंतजार के बाद बच्चे को मृत घोषित किया गया। ऎसा प्री-मैच्योर नवजात के मामले में हो जाता है। मेरे कòरियर में ऎसा छह बार देखा है जब मृत घोषित करने के बाद बच्चा जी उठा। शाम को बच्चे की मृत्यु हो गई।'-डॉ. ए.पी. गुप्ता, विभागाध्यक्ष शिशु रोग विभाग।

नितिन शर्मा (news with us)

Friday, October 23, 2009

431.35 क्विंटल मिलावटी मावा पकडा

कोटा। रसद विभाग व स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टोली ने गुरूवार को शहर के दो कोल्ड स्टोरेज पर छापा मारकर 431.35 क्विंटल पुराना मिलावटी मावा जब्त किया। मावा सडा तथा रंग बदला हुआ था। जब्त मावे की कीमत करीब 51.52 लाख रूपए बताई गई है, लेकिन मालिक का नाम सामने नहीं आया है। रसद विभाग के अनुसार मावा व्यवसायी इसी मावे को ताजा मावे में मिलाकर लोगों को सप्लाई करते थे। शहर में यह अब तक की सबसे बडी कार्रवाई बताई जा रही है।

जिला रसद अधिकारी राकेश जायसवाल ने बताया कि विभाग को सूचना मिली थी कि शहर के कोल्ड स्टोरेज में मिलावटी मावा रखा है। इसी के तहत रसद व स्वास्थ्य विभाग की टोलियां इनकी जांच कर रही थी। गुरूवार को जायसवाल के नेतृत्व में टोली पहले जयपुर गोल्डन स्थित महालक्ष्मी कोल्ड स्टोरेज पहुंची। यहां 277 क्विंटल मिलावटी मावा जब्त किया, जिसकी कीमत लगभग 33 लाख रूपए है। दूसरी कार्रवाई बारां रोड स्थित चित्रेश कोल्ड स्टोरेज में की गई, जहां 154.35 क्विंटल मिलावटी मावा जब्त किया गया। इसकी कीमत लगभग 18.52 लाख रूपए है।

क्या-क्या मिला हुआ था

-टोली में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के खाद्य निरीक्षक चौथमल शर्मा ने बताया कि जब्त मावे में वजन बढाने के लिए मैदा, गुड, उडिया चीनी, पॉम ऑयल व अरारोट पाउडर मिलाया हुआ है। मावा करीब 1 से 4 महीने पुराना है। इसमें कीडे पडे हुए है तथा बदबू मार रहा है। मावा सिन्थेटिक भी हो सकता है, लेकिन यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।

नितिन शर्मा (news with us)

राजे ने आडवाणी को सौंपा इस्तीफा

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज आखिरकार नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे ही दिया। केन्द्रीय नेतृत्व के लम्बे समय से चले आ रहे दबाव के बाद राजे ने आज अपना इस्तीफा लालकृष्ण आडवाणी को सौंपा। आज दोपहर पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया। आज शाम होने वाली पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में राजे के इस्तीफे को मंजूरी दिए जाने की संभवना है। बैठक में तीन राज्यों के चुनाव परिणामों पर चर्चा की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार आडवाणी को सौंपा गया इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को भेज दिया गया है।

गौरतलब है कि राजस्थान में लोकसभा की चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने राजे से अगस्त में इस्तीफा मांगा था जिसे लेकर राजे ने केन्द्रीय नेतृत्व के सामने कुछ शर्ते रखी थी जिन्हें माना नहीं गया। इसके बाद आज वसुंधरा ने अपना इस्तीफा सौंप दिया।

दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में आयोजित होने वाली बैठक में लालकृष्ण आडवाणी, राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज सहित आठ प्रमुख नेता राजस्थान में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल, वसुंधरा राजे के इस्तीफे और प्रतिपक्ष के नए नेता के नाम पर चर्चा होने की संभावना है।

नितिन शर्मा (news with us)

मुम्बई: चलती लोकल ट्रेन पर पाइपलाइन गिरी

मुम्बई से सटे ठाणे के कोपरी इलाके में आज सुबह एक चलती लोकल ट्रेन पर पानी की पाइपलाइन गिर गई जिसमें दो लोगों की मौत हो गई जबकि 11 लोग घायल हो गए। घायलों में चार की हालत गंभीर है। सूत्रों के अनुसार तीन घंटे से ट्रेन में फंसे ड्राइवर को रामचंद्रन को नहीं बचाया जा सका जबकि ट्रेन के दूसरे ड्राइवर को बाहर निकाल लिया गया। हादसे के बाद सेंट्रल रेल सेवा बुरी तरह से प्रभावित हुई है। मलबा हटाने में वक्त लगने के कारण अगले 30 घंटे तक घाटकोपर-ठाणे रूट बंद रहेगा। यात्रियों की सुविधा के लिए बेस्ट ने सायन से मुलुंड के बीच 50 से ज्यादा बसें चलाने का फैसला किया है।

सूत्रों के मुताबिक हादसा उस वक्त हुआ जब ट्रेन सीएसटी से कल्याण के लिए जा रही थी। कोपरी में सुबह करीब पौने ग्यारह बजे एक पुल के नीचे से गुजरते समय अचानक पानी की पाइपलाइन टूट कर इस पर गिर गई। ट्रैक पर मलबा गिरने से रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं। सेंट्रल रेल लाइन सबसे अघिक प्रभावित हुई है। रेलवे सूत्रों के मुताबिक राहत और बचाव कार्य जारी है।

बताया जा रहा है कि यह पुल और पाइपलाइन करीब 150 साल पुराना था और पिछले कई सालों से निर्माणाधीन था। पाइपलाइन के टूट जाने के कारण ट्रैक पर पानी फैल गया है इस कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। हादसे के कारण ठाणे, मुलुंड और कुर्ला के बीच रेल सेवा ठप हो गई है, साथ ही घाटकोपर इलाके जाने वाली वाली ट्रेनें भी रोक दी गई।

मृतकों के परिवारवालों को पांच लाख का मुआवजा

रेलवे ने मृतकों के परिवारवालों को पांच-पांच लाख रूपए का मुआवजा देने का ऎलान किया है। साथ ही गंभीर रूप से घायल लोगों को एक-एक लाख रूपए का मुआवजा दिया जाएगा।

नितिन शर्मा (news with us)

Thursday, October 22, 2009

भागा कैदी, भिडी ट्रेनें

इस साल के सबसे भीषण रेल हादसे में बुधवार सुबह मथुरा और वृंदावन के बीच चेन पुलिंग के बाद रूकी मेवाड एक्सप्रेस को दिल्ली जा रही गोवा एक्सप्रेस ने पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में 22 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 23 लोग घायल हो गए। दुर्घटना में मेवाड एक्सप्रेस में सबसे पीछे लगी महिला और विकलांग बोगी पूरी तरह ध्वस्त हो गई। रेलवे के मुताबिक गोवा एक्सप्रेस के चालक की ओर से लाल सिग्नल की अवहेलना की वजह से यह हादसा हुआ। रेलमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रूपए, गम्भीर रूप से घायलों को एक-एक लाख तथा मामूली घायलों को 10-10 हजार की मदद देने का ऎलान किया।
खडी ट्रेन की बोगी में जा घुसा इंजन
गोवा एक्सप्रेस का इंजन मेवाड एक्सप्रेस के सबसे पीछे वाली बोगी में घुस गया। मथुरा के एसएसपी बी.डी. पॉलसन ने बताया कि मेवाड एक्सप्रेस में सबसे पीछे लगी द्वितीय श्रेणी जनरल और लगेज कोच से 18 लोगों को बोगी काटकर निकाला गया। यह बोगी महिलाओं और बच्चों से भरी हुई थी। मृतकों में मेवाड एक्सप्रेस का गार्ड और गोवा एक्सप्रेस की पैन्ट्री कार के दो कर्मचारी भी शामिल हैं। गम्भीर रूप से घायल पांच यात्रियों को इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया है। रेल मंत्री ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं। राहत और बचाव कार्य में सेना की भी मदद ली गई। इसके अलावा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल और रेल सुरक्षा बल के जवान भी लगे थे।
गलती कहां हुई
रेल मंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि घटनाओं के सिलसिले को जोडकर देखने पर लगता है कि गोवा एक्सप्रेस के चालक ने या तो सिग्नल की अवहेलना कर दी अथवा वह ट्रेन को निर्धारित गतिसीमा से अधिक रफ्तार से भगा रहा था। आगरा जोन के उप क्षेत्रीय रेलवे प्रबंधक आर.डी. त्रिपाठी ने भी बताया कि प्रथमदृष्टया यह गोवा एक्सप्रेस के चालक की ओर से सिग्नल की अवहेलना का मामला लगता है। या तो उसने लाल सिग्नल पर गाडी नहीं रोकी या सावधानी से ट्रेन नहीं चला रहा था। हादसे का एक कारण यह भी हो सकता है कि मेवाड एक्सप्रेस के चेन पुलिंग की सूचना मथुरा स्टेशन को नहीं मिली थी। जिस कारण गोवा एक्सप्रेस को हरी झण्डी दे दी गई।
हादसों का सिलसिला---
हर साल औसतन 300 छोटी-बडी रेल दुर्घटनाएं 14 फरवरी 2009 : कोरोमण्डल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे उतरे, 15 मरे, 50 घायल।अगस्त-08 : गौतमी एक्सप्रेस में आग, 32 मरेअप्रेल-05 : बडोदरा के साबरमती एक्सप्रेस-मालगाडी की टक्कर में 17 मरेजुलाई-03 : वारंगल में गोलकुंडा की बोगियां ओवरब्रिज से नीचे सडक पर गिरे, 21 मरे जून-03 : रत्नागिरी के पास ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरे, 51 की मौत सितम्बर 02 : हावडा-नई दिल्ली राजधानी एक्स. दुर्घटनाग्रस्त, 120 मरेजून-01 : मेंगलूरू-चेन्नई मेल केरल की कडलुंडी नदी में गिरी, 59 मरेदिसम्बर-2000 : कोलकाता-अमृतसर हावडा मेल मालगाडी से टकराई, 44 मरेअगस्त-99 : प. बंगाल में ब्रह्मपुत्र मेल-अवधअसम एक्सप्रेस भिडंत, 285 मरे, 312 घायल जुलाई-99 : मथुरा के पास जीटी एक्सप्रेस मालगाडी से टकराई, 17 मरे नवम्बर-98 : खन्ना में फ्रंटियर मेल-सियालदाह एक्सप्रेस की टक्कर, 108 की मौत
राज्य के ग्यारह मृतकों की शिनाख्त*
सपोटरा (करौली) के गांव नारौली निवासी सोनू (5) पुत्र तेजराम मीणा।* कोटा निवासी ट्रेन गार्ड एस.के.पुरी (54)* बारां जिले के सीसवाली क्षेत्र के सरकन्या गांव निवासी रामनिवास पोटर की पत्नी चन्द्रकांता व पुत्र हेमन्त उर्फ कालू।* उदयपुर की कैलाशी देवी उर्फ कृष्णा देवी (70) पत्नी श्रीचंद शर्मा* उदयपुर के सत्यनारायण की पत्नी रिंकू (35), पुत्री राधा (5) व पुत्र रवि (4)* भरतपुर के गिर्राज की पुत्री विजय लक्ष्मी (32), नवासा शिवम (7) और नवासी प्रिया (10)।
कैदी का भागना वजह!कोटा।
ट्रेन हादसा सम्भवत: इन्द्र विहार में पिछले वर्ष 81 लाख की लूट की वारदात के अभियुक्त मुन्ना उर्फ साजिद के भागने के कारण हुआ। पुलिस कर्मी वीरेन्द्र सिंह गौड, अशोक कुमार और बहादुर सिंह मुन्ना को कोटा जेल से लेकर मंगलवार रात मेवाड एक्सप्रेस से दिल्ली रवाना हुए थे। मुन्ना को बुधवार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया जाना था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लक्ष्मण गौड ने बताया कि सुबह साढे चार बजे अभियुक्त मुन्ना गाडी में शौच के लिए गया। उसकी हथकडी खुली थी। ज्यों ही गाडी मथुरा स्टेशन से रवाना हुई तभी वह शौचालय से बाहर निकला और एक पुलिस कर्मी को धक्का देकर फरार हो गया। इसके बाद पुलिस कर्मियों ने चेन खींच दी।
यह भी सुनाई कहानी
कोटा के पुलिस कर्मी वीरेन्द्र सिंह ने मथुरा से 'news with us ' को फोन पर बताया कि सुबह साढे चार से पांच बजे के करीब मथुरा के आगे गोवा एक्सप्रेस ने उनकी गाडी को टक्कर मार दी। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई और इसी दौरान मुन्ना हथकडी से हाथ निकालकर फरार हो गया। उसने चेन खींचे जाने की बात से इनकार किया।
मथुरा से पुलिस कर्मियों ने सुबह पहले यही बताया था कि अभियुक्त चलती गाडी से कूद कर भागा है। बाद में उन्होंने हादसे की वजह से अभियुक्त का भागना बताया। पहले बताए घटनाक्रम को ही प्रथमदृष्टया सही माना गया है और तीनों को निलम्बित कर दिया है। लक्ष्मण गौड, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कोटा।
नितिन शर्मा (news with us)

हरियाणा: चौटाला भी सरकार बनाने का दावा करेंगे

इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने कहा है कि चुनाव के नतीजों के मुताबिक, बहुमत कांग्रेस के विरूद्ध होने के कारण उसने सरकार बनाने का नैतिक अधिकार खो दिया है।(हरियाणा विधानसभा चुनाव के शाम चार बजे तक प्राप्त नतीजों/ रुझान के मुताबिक कुल 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 40 तथा इनेलो को 32 स्थान प्राप्त हो रहे थे। उनके अलावा भाजपा को 4 और अन्य को 14 सीटें मिल रही है।)श्री चौटाला ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि चुनाव नतीजों से संकेत मिलता है कि किसी बड़े दल को बहुमत नहीं मिलेगा और वे (चौटाला) विपक्ष को एकजुट करके तथा निर्दलीयों के समर्थन के आधार पर सरकार बनाने का दावा करेंगे।उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वर्ष 1989 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ा था। स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर श्री गांधी ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया था। उन्होंने कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी अपने पति के राजनीतिक मूल्यों की वारिस होने के नाते इसी परंपरा का निर्वाह करें।पार्टी के प्रदर्शन से उत्साहित श्री चौटाला ने कहा- “हरियाणा की जनता ने कांग्रेस की नीतियों तथा कार्यक्रमों को पूरी तरह नकार दिया है। ..राज्यपाल को इनेलो को सरकार बनाने के लिये न्यौता देना चाहिये।”
श्री चौटाला ने कहा कि वे निर्दलीयों तथा विपक्ष के साथ बातचीत करने को तैयार हैं। निर्दलीयों में कांग्रेस के बागियों की संख्या अधिक है।श्री चौटाला ने कहा –“ मैं राज्यपाल से अनुरोध करूंगा कि इनेलो को सरकार बनाने का एक मौका दिया जाये।”
उन्होंने कहा कि वह भाजपा सहित विपक्षी दलों के नेताओं के संपर्क में हैं। यदि विपक्षी दलों के साथ चुनाव पूर्व तालमेल हो जाता तो स्थिति कुछ और होती।
नितिन शर्मा (news with us)

तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार तय

कांग्रेस महाराष्ट्र में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने वाली है, जबकि अरुणाचल प्रदेश में उसने 'क्लीन स्वीप' किया है। हालांकि हरियाणा में पार्टी का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा, लेकिन वह सबसे बड़ा दल बनकर उभरी है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस अपने सहयोगी राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही है। यह गठजोड़ 288 सदस्यीय विधानसभा में 143 अधिक सीटों पर आगे चल रहा है। पिछले चुनाव में 140 सीटें जीतने वाले इस गठजोड़ को इस बार भी लगभग यही आंकड़ा हासिल होने की उम्मीद है और उसे अगली सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। क्योंकि गठजोड़ को बागी नेताओं और निर्दलीयों का समर्थन भी हासिल होगा।
कांग्रेस ने अब तक 57 सीट जीती है और 23 अन्य पर आगे है, जबकि राकांपा 44 सीटें जीत चुकी है और 19 अन्य पर आगे चल रही है। राज ठाकरे की मनसे ने इस बार शिवसेना-भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगा दी है और भगवा गठजोड़ केवल 92 पर आगे चल रहा है। 2004 के चुनाव में उसने 116 सीटें जीती थीं। शिवसेना ने अब तक 31 सीटें जीती हैं और 14अन्य पर आगे है, जबकि भाजपा के हिस्से 32 सीट आई है और 15 अन्य पर वह आगे चल रही है।
हरियाणा के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए कुछ चौंकाने वाले हैं। क्योंकि लोकसभा चुनाव में दस में से नौ सीटें जीतकर जोरदार प्रदर्शन करने वाली पार्टी ने विधानसभा चुनाव निर्धारित समय से सात महीने पहले कराने का निर्णय किया था। कांग्रेस ने हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में अब तक 39 सीटें जीती हैं और एक पर वह आगे है। उसे सरकार बनाने के लिए बागियों और निर्दलीयों का समर्थन लेना पड़ सकता है, जो नौ सीटों पर बढ़त लिए हुए हैं।
कांग्रेस 2005 के चुनाव में 67 सीटें जीती थीं और लोकसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित पार्टी विधानसभा चुनाव में भी जबर्दस्त प्रदर्शन दोहराने के विश्वास से भरी थी। हालांकि उसके इस विश्वास को कुछ हद तक इनेलोद ने झटका दिया है जिसने 30 सीटें जीत ली हैं और एक पर आगे है। पिछले विधानसभा चुनाव में इनेलोद को केवल नौ सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
भाजपा चार सीटों पर आगे है। बसपा एक सीट जीत ली है और भजनलाल की हरियाणा जनहित कांग्रेस छह सीटें जीत ली है है। अरुणाचल के परिणाम कांग्रेस के लिए खासे उत्साहवर्धक हैं, जहां 60 सदस्यीय विधानसभा में अब तक घोषित नतीजों में से 13 उसके खाते में गए हैं और दस अन्य पर वह आगे है। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 34 सीटें जीती थीं। राज्य में दो सीटें तृणमूल को गई हैं और एक अन्य पर वह आगे है, जबकि राकांपा एक सीट जीत चुकी है और एक अन्य पर आगे है। भाजपा एक सीट पर आगे चल रही है।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और कई अन्य नेता विजयी हुए हैं, जबकि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के बेटे राजेंद्र शेखावत कांग्रेस के बागी उम्मीदवार सुनील देशमुख से पीछे चल रहे हैं। राज्य में दो सीटें अन्य के खाते में गई हैं, जबकि 47 अन्य पर वे आगे चल रहे हैं।
नितिन शर्मा (news with us)

Wednesday, October 21, 2009

आईआईटी: पात्रता मानक पर रिपोर्ट दो माह में

आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों के पात्रता मानक पर सुझाव देने के लिए गठित समिति दिसंबर तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है। आईआईटी परिषद ने आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा के मानकों में बदलाव और 12वीं कक्षा में पढ़ाई को और अधिक तवज्जो देने का सुझाव दिया है ताकि बच्चे स्कूल की पढ़ाई पर अधिक ध्यान दें और कोचिंग संस्थानों में जाने के चलन को रोका जा सके। अभी आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए पात्रता मानक के तहत 12वीं कक्षा में 60 प्रतिशत अंक जरूरी हैं।समिति के समक्ष पात्रता मानक में बदलाव का मुद्दा भी है। आईआईटी परिषद की ओर से गठित समिति इन विषयों को ध्यान में रखते हुए सझाव पेश करेगी। सूत्रों के अनुसार इसका एकमात्र उद्देश्य आईआईटी की तैयारी के लिए बच्चों के कोचिंग क्लास जाने के चलन पर अंकुश लगाना है। प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए बच्चों का कोचिंग सेंटरों पर निर्भर होना चिंता का विषय है।
नितिन शर्मा (news with us)

एक ताजमहल न्यूजीलैंड में भी!

भारत की शान और विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल अब न्यूजीलैंड की भी शोभा बढाएगा। भारतीयों का एक समूह यहां के ऑकलैंड शहर में ताजमहल का प्रतिरूप बनाने जा रहा है। ऑकलैंड के 'न्यू नॉर्थ रोड' के 'महात्मा गांधी केन्द्र' में प्रेम के प्रतीक ताजमहल के छोटे प्रतिरूप के निर्माण में एक अरब रूपए का खर्च आने की सम्भावना है और इसके लिए कोष जमा करना शुरू भी कर दिया गया है। हालांकि इस प्रतिरूप के लिए पर्यटकों के विशेष रूझान के मद्देनजर स्थानीय सरकार और जनता भी इसमें मदद कर रही है।
'न्यूजीलैंड हेराल्ड' अखबार में मंगलवार को इस सम्बन्ध में प्रकाशित खबर के अनुसार इस प्रतिरूप में संगमरमर का मकबरा, एक तालाब और सोना चढे हुए आभूषण शामिल होंगे। केन्द्र के अध्यक्ष कानू पटेल का कहना है, वह यहां कुछ ऎसा बनाना चाहते हैं जो भारत की समृद्ध संस्कृति, इतिहास और महिमा का प्रतीक हो और जिस पर यहां रहने वाला भारतीय समुदाय गर्व कर सके।
नितिन शर्मा (news with us)

भीलवाडा में पांच जिंदा जले

जिले के रायपुर कस्बे के बडौनी गांव में मक्के की छिलाई के दौरान लगी आग के कारण पांच लोगों की झुलसने से मौत हो गई। मरने वालों में तीन महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं।
प्रारंभिक सूचना के अनुसार गांव के एक खेत में मक्के की छिलाई के दौरान इस्तेमाल की जा रही मशीन से निकली चिंगारी पास की झाडियों में पहुंच गई। इससे देखते ही देखते आग ने भयंकर रूप ले लिया। इसकी चपेट में आने से तीन महिलाओं और दो बच्चों की मौत हो गई।
नितिन शर्मा (news with us )

Tuesday, October 20, 2009

मथुरा: दो ट्रेनों की टक्कर, 12 की मौत

दिल्ली जाने वाली गोवा संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के बुधवार सुबह यहां मथुरा स्टेशन के समीप मेवाड़ एक्सप्रेस से टकरा जाने से 12 यात्रियों की मौत हो गई और करीब 20 यात्री घायल हो गए।

उत्तर-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश वाजपेयी ने कहा कि गोवा एक्सप्रेस ने मेवाड़ एक्सप्रेस को सुबह चार बजकर 50 मिनट पर पीछे से टक्कर मार दी। मथुरा एवं वृंदावन के बीच हुई दुर्घटना में ट्रेन के अंत में लगी अनारक्षित बोगी क्षतिग्रस्त हो गई। गोवा एक्सप्रेस की पैंट्री कार भी क्षतिग्रस्त हो गई।

दुर्घटनास्थल पर बचाव कार्य के लिए सेना ने आठ अधिकारियों एवं 140 जवानों सहित करीब डेढ़ सौ जवानों को गैस कटर के साथ भेजा है। मेडिकल टीमों के भी जल्द ही राहत कार्य में शामिल होने की उम्मीद है। क्षतिग्रस्त बोगी से महिलाओं एवं बच्चों सहित सभी फंसे यात्रियों को निकालने के लिए गैस कटर के अलावा फोम कटर का भी प्रयोग किया गया। रेलवे के शीर्ष अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।

घटनास्थल पर पहुंचे आगरा के क्षेत्रीय रेलवे प्रबंधक आर डी त्रिपाठी ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या लगता है कि गलती गोवा एक्सप्रेस के चालक की है। रेल मंत्री ममता बनर्जी ने दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। फिलहाल वह कोलकाता में हैं। रेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि रेल सुरक्षा के आयुक्त गुरुवार सुबह से जांच शुरू करेंगे।

बनर्जी ने मृतकों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एक-एक लाख एवं मामूली रूप से जख्मी यात्रियों को 10-10 हजार रुपये मुआवजा मिलेगा। रेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि रेलवे सुरक्षा के आयुक्त गुरुवार सुबह से इस दुर्घटना की जांच शुरू करेंगे।

नितिन शर्मा (news with us)

Monday, October 19, 2009

कैसे लाएंगे मैडल

यदि सरकारी स्कूलों से मैडल की उम्मीद की जाए तो यह बेमानी होगा। निजी स्कूलों ने इसमें भी अपना अधिकार जमा रखा है। सरकारी स्कूलों में स्पोट्र्स गतिविधियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं में सरकारी स्कूलों की टीम ही बहुत कम जाती है। कारण यह है कि स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति की नहीं की जा रही है। जिले में सैकंडरी, हायर सैकंडरी और मिडिल स्कूलों को मिलाकर शारीरिक शिक्षकों के करीब 1030 पद रिक्त चल रहे हैं।
पदोन्नति में शामिल नहीं
शारीरिक शिक्षकों ने शिक्षा विभाग पर दोगला व्यवहार करने व पदोन्नति प्रक्रिया में अनदेखी करने का आरोप लगाया है। हाल में हुई पातेय वेतन पर तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नति में शारीरिक शिक्षकों को शामिल ही नहीं किया गया। शिक्षकों का कहना है कि राज्य सरकार ने निर्देश दिए थे कि पदोन्नति के समय यदि तृतीय श्रेणी शारीरिक शिक्षक स्कूल में नहीं है तो सामान्य अध्यापक को समायोजित कर दिया जाए। इस स्थिति में पातेय वेतन की पदोन्नति की प्रक्रिया में शारीरिक शिक्षकों को शामिल किया जाना चाहिए, लेकिन विभाग ने शामिल नहीं कर दोगला व्यवहार किया है।
प्रभावित हुई खेल गतिविधियां
राजस्थान शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ जयपुर के जिला अध्यक्ष बाबूलाल चौधरी ने बताया कि पदोन्नति व नई भर्ती, नवक्रमोन्नत विद्यालयों में बजट आवंटन के संदर्भ में मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री को कई बार ज्ञापन भी दिया जा चुका है। जिला अध्यक्ष ने बताया कि स्कूलों में शारीरिक शिक्षक नहीं होने से खेल गतिविघियां प्रभावित हो रही हैं। केंद्र सरकार की नीति के तहत प्रत्येक सैकंडरी स्कूल में शारीरिक शिक्षा को अनिवार्य कर दिया जाए, जब शिक्षक ही नहीं होंगे तो विद्यार्थियों को शिक्षा कैसे दी जाएगी।
पूर्व शिक्षा मंत्री के क्षेत्र में एक भी शिक्षक नहीं
पूर्व शिक्षामंत्री घनश्याम तिवाडी के निर्वाचन क्षेत्र सांगानेर में 14 माध्यमिक विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में एक भी स्कूल में शारीरिक शिक्षक नहीं है। इतना ही नहीं इन विद्यालयों में खेल गतिविधियां ही नहीं हो रही हैं। साथ ही इन स्कूलों की टीमें कभी जिला या राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग ही नहीं लेते हैं।
अधिकारियों की टालमटोल
शारीरिक शिक्षक व्याख्याता उम्मेद सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से डीपीसी के तहत तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी में दो ही शिक्षकों को पदोन्नति दी गई है। साथ ही जिले में शारीरिक शिक्षक की काफी पद खाली पडे हैं, लेकिन विभाग है कि सुनता नहीं। उन्होंने बताया कि पद भरने के संदर्भ में जब माध्यमिक शिक्षा निदेशक से बात की गई तो निदेशक ने जवाब दिया कि विभिन्न सत्रों में जितने पद बनते हैं उसी के अनुसार पदोन्नति दी जाएगी। इसके बाद दुबारा मिलने की बात कहकर मामले को टाल रहे हैं।
नेताओं का ध्यान नहीं : शारीरिक शिक्षकों की कमी के चलते क्षेत्रीय विधायकों ने भी आंखें मूंद रखी हैं। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में स्कूलों की संख्या तो अधिक है, लेकिन शारीरिक शिक्षक नाम मात्र के हैं।
इनका कहना है
शारीरिक शिक्षकों की अलग से डीपीसी होती है। पहले सामान्य शिक्षकों की पदोन्नति करनी जरूरी थी ताकि वे स्कूल में पढा सकें। शारीरिक शिक्षकों की भी पदोन्नति जल्द ही की जाएगी।
उमाकांत ओझा, उप निदेशक माध्यमिक शिक्षा
नितिन शर्मा (news with us)

Friday, October 16, 2009

नकली मावे की खेप पकडी

उदयपुर में करीब 1925 किलो नकली मावा पकडा गया है। जांच के दौरान इसमें डिटरजेंट, सोडा सहित अन्य हानिकारक सामग्र्री पाई गई है। यह मावा धौलपुर से तैयार कर उदयपुर पहुंचा था। बताया जा रहा है कि ग्वालियर-उदयपुर पैसेंजर ट्रेन से कई दिनों से मावा की सप्लाई हो रही है। इसकी जानकारी मिलते ही ट्रेन के उदयपुर पहुंचने पर रसद विभाग की टीम ने छापा मारा। स्टेशन पर 35 किलो के 55 टोकरे पकडे गए। ये टोकरे धौलपुर से लोड किए गए थे।
पकडे गए लोगों ने बताया कि धौलपुर के व्यापारी नरेश बंसल, रामस्वरूप, जमुना प्रसाद, जगदीश, सौरभ, दीन दयाल आदि उदयपुर सहित अन्य शहरों में मिठाई के व्यापारियों को मावा सप्लाई करते हैं। फिलहाल जांच जारी है।
नितिन शर्मा ( news with us)

Thursday, October 15, 2009

40 मीडियाकर्मी 3 घंटे ताले में बंद रहे

राहुल गांधी के कल चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी के दौरे पर दर्जनों मीडियाकर्मियों के साथ बहुत बुरा सलूक किया गया। सूत्रों के अनुसार पहले तो एसपीजी वालों ने पत्रकारों, फोटोग्राफरों व कैमरामैनों को राहुल के नजदीक फटकने तक नहीं दिया। बाद में ज्यादा हील-हुज्जत करने पर सिर्फ कैमरामैनों और फोटोग्राफरों को अंदर आने के लिए कहा। कैमरामैन-फोटोग्राफर अंदर पहुंचे तो उन्हें यूनिवर्सिटी के एक कमरे में रुकने के लिए और अगली सूचना तक इंतजार करने लिए कहा गया। एसपीजी वाले कैमरामैनों-फोटोग्राफरों को कमरे में छोड़कर खुद बाहर निकल गए और जाते-जाते दरवाजे पर बाहर से ताला जड़ गए।
घंटे भर बीत जाने के बाद भी जब ताला नहीं खुला तो अंदर बैठे कैमरामैन जोर-जोर से दरवाजा पीटने लगे। लोगों से मदद के लिए गुहार लगाते रहे पर कोई पास नहीं आया। करीब तीन घंटे बीत गए। इसके बाद दरवाजा खुला। दरवाजा खोलने वालों ने कैमरामैनों से कह दिया कि अब आप लोग जा सकते हैं, राहुल गांधी भी जा चुके हैं। यह सुन सभी मीडियाकर्मी हक्क-बक्के रह गए। एक तो जलालत, उपर से कोई स्टोरी या बाइट नहीं। राहुल गांधी के साथ चलने वाली एसपीजी टीम द्वारा 40 फोटोग्राफरों-कैमरामैनों को एक कमरे में तीन घंटे तक बंद रखे जाने की घटना से पंजाब के पत्रकार बेहद नाराज हैं।
साभार : भड़ास 4 मीडिया

Tuesday, October 13, 2009

गैंगरेप की शिकार लड़की ने किया युवकों का पीछा

पटना की भीड़भाड़ वाली सड़क पर एक लड़की के कपड़े फाड़ देने वाली घटना को अभी कुछ ही दिन हुए हैं कि एक और लड़की के साथ शर्मनाक घटना हुई है। पालीगंज में एक लड़की के साथ तीन युवकों ने गैंगरेप किया, लेकिन पीड़ित लड़की बदहवास हालत युवकों को पकड़ने के लिए उनके पीछे दौड़ती रही। पटना से करीब 50 किलोमीटर दूर पालीगंज मार्किट में दुकानदारों और सैकड़ों लोगों ने लड़की को युवकों के पीछे भागते देखा, पर वह उन्हें पकड़ नहीं पाई। रेप की शिकार लड़की बदहवास हालत में अर्धनग्न अवस्था में उन युवकों का पीछा कर रही थी, लेकिन जब उसकी सांस टूटने लगी तो वह रुक गई और उसने अपने कपड़े पहने और वहां से सीधा नजदीक के पुलिस स्टेशन पहुंची। पालिगंज के डीएसपी अरविंद ठाकुर ने बताया- 21 वर्षीय रश्मि (बदला हुआ नाम)पटना से आई थी और उसे अरवाल जिले के रामनगर में अपने गांव यहां जाना था। पालिगंज बस अड्डे पर वह दूसरी पकड़ने का इंतजार कर रही थी। तभी तीन युवक उसे उसका मोबाइल ठीक करवाने में मदद करने के बहाने अपने साथ ले गए। पास में बन रही एक बिल्डिंग में ले जाकर तीनों युवकों ने उसका गैंगरेप किया। इससे पहले उन्होंने लड़की की आंखों पर पट्टी बांध दी और उसका मुंह बंद कर दिया। एफआईआर में पीड़ित लड़की ने कहा, 'लड़के वहां से भागने लगे तो मेरे हाथ में जो भी कपड़े आए उन्हें उठाकर मैं उनके पीछे दौड़ पड़ी लेकिन बदमाश भाग गए और बाद में मेरे हाथ में जो भी कपड़े थे उनसे मैंने अपना शरीर ढका।' रश्मि फिलहाल पुलिस की देखरेख में है। पटना के एसपी (ग्रामीण)कशस्त्रनील सिंह ने बताया, 'पीड़ित लड़की को मेडिकल टेस्ट के लिए भेज दिया गया है। एक बदमाश की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया है और बाकी दो लोगों की तलाश की जा रही है।'
नितिन शर्मा (news with us)

हाई-वे पर लड़कियों को लिफ्ट दी और रातभर रेप किया

प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने वाली दो लड़कियों के साथ साम्बा जिले के निकट जम्मू-पठानकोट हाई-वे पर
चार लोगों ने कथित तौर पर रेप किया। पुलिस ने बताया कि घटना बुधवार रात उस वक्त हुई जब लड़कियों ने जम्मू में अपने कॉलेज पहुंचने के लिए पंजाब के गुरदासपुर से आ रही एक कार में लिफ्ट ली। पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक कार के ड्राइवर कुलवंत सिंह और उसके साथी सुरजीत ने उसके बाद एक रिश्तेदार से मिलने का बहाना कर कार बीरपुर इलाके की ओर मोड़ ली। वे लड़कियों को निर्जन इलाके में लेकर गए और उनके साथ रेप किया। दोनों के साथ बाद में छह स्थानीय लोग आ गये। आरोप है कि इनमें से भी दो ने लड़कियों के साथ रेप किया। लड़कियां गुरुवार सुबह अपने कॉलेज पहुंची और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और कुलवंत और सुरजीत को गिरफ्तार कर लिया। छह स्थानीय लोगों की तलाश में अभियान छेड़ दिया गया है। लड़कियों की डॉक्टरी जांच भी कराई गई है, लेकिन रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
नितिन शर्मा (news with us)

रेलवे स्टेशन पर पैरंट्स के सामने रेप

वाराणसी से लगभग 50 किलोमीटर दूर भदोही जिले के सुरियावां रेलवे स्टेशन पर बुधवार देर रात एक राजस्थानी लड़की के साथ कथित तौर पर गैंग रेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के बूंदी जिले की कमला अपनी मां सीता, पति निर्धन सिंह के साथ गुरुवार शाम करीब छह बजे ट्रेन से सुरियावां स्टेशन पर उतरीं। सुरियावां बाजार में देर रात तक घूमने के बाद पूरा परिवार खा-पीकर सुरियावां स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर सो गया था। देर रात वहां पहुंचे चार लोगों ने कमला के परिवार को धमका कर कथिततौर पर कमला के साथ रेप किया और फरार हो गए। परिजनों ने इसकी सूचना जीआरपी को दी। लेकिन अभी तक जीआरपी मामला दर्ज करने में आनाकानी कर रही है।
नितिन शर्मा (news with us)

तू 15 बरस का, मैं 30 बरस की... मिल गए नैना

30 साल की एक टीचर और 15 साल के छात्र का प्यार कुछ इस तरह परवान च
ढ़ा कि दोनों घर से फरार हो गए और जिंदगी बसर करने लगे। हालांकि पुलिस ने उन्हें लगभग 5 महीने बाद पकड़ लिया। दोनों रोहतक में किराए के एक फ्लैट में पति-पत्नी बनकर रह रहे थे। जहां टीचर ने एक स्कूल में जॉब कर ली थी, वहीं किशोर एक होटल में बैरा बन गया था। पुलिस ने महिला टीचर को जेल भेज दिया है। जानकारी के अनुसार शालीमार गार्डन सी ब्लॉक में स्थित एक स्कूल में मैथ की टीचर का 11वीं क्लास के एक स्टूडेंट से प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। 15 मई को लास्ट एग्जाम होने के बाद 16 मई को टीचर और छात्र दोनों घर से भाग गए थे। जनकपुरी में रहने वाले छात्र के परिवार ने जब छानबीन की, तो उन्हें असलियत का पता लगा। इसके बाद उन्होंने महिला टीचर के खिलाफ छात्र को बहला फुसलाकर ले जाने की रिपोर्ट साहिबाबाद थाने में दर्ज कराई थी। 2 दिन पहले पुलिस को सूचना मिली कि दोनों रोहतक में एक किराए के फ्लैट में पति-पत्नी के रूप में रहे रहे हैं। फ्लैट का किराया देने और अन्य खर्च को पूरा करने के लिए जहां महिला ने एक स्कूल में टीचर की जॉब कर ली, वहीं छात्र पास ही के एक होटल में वेटर की नौकरी करने लगा था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों को पकड़ लिया। बाद में वो उन्हें लेकर साहिबाबाद आ गई। क्षेत्र के चौकी इंचार्ज आर. पी. सिंह के अनुसार चूंकि छात्र नाबालिग है और उसके परिवार की ओर से रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी इसलिए उसे परिवार को सौंप दिया गया, जबकि महिला टीचर को नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाने के आरोप में जेल भेज दिया गया है।

नोएडा पुलिस ने सीईओ के पीए को छुड़ाया, 3 बदमाश मारे गए

नोएडा ऑथॉरिटी के सीईओ के पीए शंकर दत्त का अपहरण करने वाले 3 बदमाशों को नो
एडा फेज 2 और एसओजी ने बुधवार तड़के एन्काउंटर में ढेर कर दिया। पीए को सकुशल छुड़ाने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाने की बात बताई जा रही है। मारे गए बदमाशों की पहचान मौजपुर दिल्ली निवासी इमरान उर्फ मोनू, लोनी निवासी वसीम और दनकौर के रहने वाले शेखर के रूप में हुई है। पीए को किडनैप करने वाला यह गैंग प्रफेशनल किडनैपिंग नहीं करता था। लूटपाट के मकसद से ये बदमाश इस पीए के अलावा भी दिल्ली एनसीआर में बंधक बनाने की कई वारदात अंजाम दे चुके हैं। मंगलवार की शाम करीब 5.30 बजे शंकर दत्त घर आने के लिए लिफ्ट मांग रहे थे। उसी वक्त एक सफेद रंग की इंडिया रुकी। कार में बैठे 3 लोगों ने लिफ्ट देने के बहाने उन्हें अपनी कार में बिठा लिया। जैसे ही शंकर दत्त कार में बैठ उन लोगों ने उन्हें अपने काबू में कर लिया। बदमाशों ने पहले शंकर दत्त से उनके एटीएम का पिन कोड पूछा। बार-बार गलत पिन बताए जाने के बाद बदमाशों ने शंकर दत्त के मोबाइल से ही उनके घर फोन करके फिरौती की मांग की। उन्होंने बतौर फिरौती 10 लाख रुपये मांगे। इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से बदमाशों की लोकेशन जानने की कोशिश की। बदमाश लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे। कभी दिल्ली तो कभी नोएडा में घूम रहे थे। रात भर जारी कार्रवाई में बुधवार तड़के करीब 4..30 बजे सेक्टर 88 के कुलेसरा चेक पोस्ट के पास पुलिस ने बदमाशों को घेरा। पुलिस से घिरते देख बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। इस कार्रवाई में तीनों बदमाश मौके पर ही ढेर हो गए। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने शंकर दत्त को छुड़ा लिया। रिहाई के बाद शंकर दत्त ने बताया कि बदमाशों ने उनके हाथ-पैर बांध कर उन्हें गाड़ी की फर्श पर सुलाया था। वे रात भर उनसे उनके एटीएम कार्ड का पिन कोड पूछते रहे, लेकिन शंकर दत्त ने बदमाशों को बराबर गलत नंबर बताया। इस दौरान बदमाशों ने गाडी़ में शराब पी। इस ऑपरेशन में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और फेज 2 की पुलिस ने भाग लिया।
नितिन शर्मा (news with us)

छिटपुट हिंसा के बीच मतदान जारी

मुंबई/इटानगर/चंडीगढ़। तीन राज्यों में छिटपुट हिंसा के बीच मतदान जारी है। तीनों राज्यों में शुरुआती घंटों के दौरान धीमी से मध्यम गति से मतदान होने की खबर है। महाराष्ट्र में चार घंटों में 21 फीसदी मतदान हुआ, जबकि हरियाणा में पहले तीन घंटे में दस फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस बीच, हरियाणा में एक बूथ पर हुई झड़प में एक पोलिंग एजेंट की मौत हो गई। इससे पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में वोटिंग शुरू होने से पहले नक्सलियों ने गोलीबारी की। तीनों राज्यों में मतगणना 22 अक्टूबर को होगी।
तीनों राज्यों में मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हुआ। आज महाराष्ट्र की 288, हरियाणा की 90 और अरुणाचल की 57 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं। 60 सदस्यों वाली अरुणाचल विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित तीन सदस्य पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं।
हरियाणा में पोलिंग एजेंट की हत्या
हरियाणा के कैथल जिले के गुलहा विधानसभा क्षेत्र में दो उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच हुए संघर्ष में एक चुनाव एजेंट की मौत हो गई।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुलहा से कांग्रेस के उम्मीदवार डिल्लू राम और निर्दलीय उम्मीदवार कुलवंत बाजीगर के समर्थकों के बीच संघर्ष हो गया। इस संघर्ष में बाजीगर के चुनाव एजेंट ज्योति राम [48] की मौत हो गई।
गढ़चिरौली में गोलीबारी
उधर, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में मतदान आरंभ होने से पहले संदिग्ध नक्सलियों ने गोलीबारी की। यहीं पर पिछले हफ्ते नक्सलियों ने 17 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक एस. जयकुमार ने बताया कि अहेरी विधानसभा क्षेत्र के कसनपुर गांव में हुई उस घटना में फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। स्थिति नियंत्रण में है।
शिवसेना प्रत्याशी गिरफ्तार
उधर, रत्नागिरी में कुडल-मालवान विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना प्रत्याशी वैभव नायक को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने बताया कि नायक को उनके 15 समर्थकों और एक लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया। मतदाताओं को रिझाने का आरोप है। नायक को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
मुंबई में सुबह-सुबह मतदान करने वालों में केंद्रीय मंत्री शरद पवार, विलासराव देशमुख, उद्योगपति अनिल अंबानी, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे और क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर शामिल हैं।
महाराष्ट्र में मुख्य मुकाबला कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी [राकांपा] तथा भारतीय जनता पार्टी [भाजपा]-शिव सेना गठबंधन के बीच है। इनके अलावा कई छोटी पार्टियों के प्रत्याशियों और बागियों के राजनीतिक भाग्य का फैसला भी होना है।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को 139 और भाजपा-शिवसेना को 119 सीटे मिलीं थीं। इसके अलावा अन्य दलों तथा निर्दलियों ने 30 सीटों पर कब्जा जमाया था।
उधर, अरुणाचल के एक निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कुल 60 सीटों वाली विधानसभा की 57 सीटों पर मतदान सुबह सात बजे आरंभ हुआ। मुख्यमंत्री दोरजी खांडू सहित कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों के निर्विरोध चुन लिए जाने की वजह से अब 57 सीटों पर मतदान हो रहा है। खांडू तवांग जिले की मुक्तो सीट से वर्ष 1999 और 2004 में भी निर्विरोध निर्वाचित हुए थे।
अरुणाचल में लगभग 750,000 मतदाता 2,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान के अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करेगे। केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन [संप्रग] में कांग्रेस के साथ शामिल राकांपा और तृणमूल यहां कांग्रेस को चुनौती दे रहे है।
वर्ष 2004 के चुनाव में कांग्रेस ने 34 सीटें जीतीं थीं। इसके अलावा निर्दलीयों ने 13, भाजपा ने नौ और राकांपा व अरुणाचल कांग्रेस ने दो-दो सीटों पर जीत हासिल की थी।
हरियाणा में भी सुबह विधानसभा की सभी 90 सीटों के लिए मतदान आरंभ हो गया। राज्य में 1.31 करोड़ मतदाता कुल 1,222 उम्मीदवारों के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेगे।
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सज्जन सिंह ने बताया कि मतदान के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए है। मतदान के लिए तकरीबन 70,000 सरकारी कर्मचारियों को लगाया गया है। सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए लगभग 65,000 सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
नितिन शर्मा (news with us)

Monday, October 12, 2009

हनीमून पर भेजेगा मलेशिया

मलेशिया की एक प्रांतीय सरकार ने तलाक के करीब पहुंच चुके दम्पतियों को दोबारा हनीमून पर भेजने की योजना बनाई है, ताकि वे तलाक लेने का विचार छोड दें। मलेशियाई समाचार पत्र 'स्टार ऑनलाइन' के मुताबिक पूर्वोत्तर प्रांत तेरेनगानू में तलाक के मामलों में वृद्धि को देखते हुए सरकार ने यह योजना बनाई है। योजना के मुताबिक हनीमून का सारा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। हालांकि, सरकार उसी दम्पती का खर्च वहन करेगी, जिसने तलाक के लिए याचिका दायर की है।
नितिन शर्मा (news with us)

Sunday, October 11, 2009

ओबामा को नोबेल यानी शांति के लिए एडवांस बुकिंग

पुरस्कार और सम्मान दो स्थितियों में दिए जाते हैं। सामान्य लोग दूसरों का कोई अच्छा
काम देखते हैं, तो उसे सम्मानित करते हैं। जो समझदार लोग हैं, वे अच्छा काम करने के पहले भी सम्मानित कर देते हैं। इस तरह सम्मानित होने वाला व्यक्ति अच्छा काम करने के लिए बंध जाता है। वह सम्मानित किया जा चुका है, भला गलत कैसे कर सकता है।
ओबामा के नोबेल शांति पुरस्कार के मामले में भी यही हुआ है। बहुत सारे लोग समझ नहीं पा रहे हैं, भाई, इन्हें तो कुर्सी संभाले अभी नौ महीने ही हुए। विश्व शांति के लिए ऐसा कुछ किया भी नहीं है। फिर अचानक यह शांति पुरस्कार कैसे मिल गया? नोबेल कमिटी ने असल में उन्हें पहले ही सम्मानित कर शांति मिशन के लिए बांध दिया है। परशुराम ऋषि तो थे, पर बड़े क्रोधी थे। वह शिव के परम भक्त थे। इसलिए सीता स्वयंवर में जैसे ही राम ने शिव का धनुष तोड़ा, परशुराम गर्जन-तर्जन करते वहां आ पहुंचे। वह धनुष तोड़ने वाले को दंडित करना चाहते थे, मेरे आराध्य शिव का धनुष किसने तोड़ा? उनकी पहले ही सेवा-भगत हो गई होती तो शायद इसकी नौबत ही नहीं आती।

विश्व की शांति कैसे भंग हो सकती है? फिलहाल एक अमेरिका ही ऐसा देश है जो सिर्फ अपनी इच्छा से ऐसा कर सकता है। अगर खुद नहीं करे तो करवा सकता है। और दूसरे यदि शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हों तो उन्हें घुड़क कर शांति से बैठने को कह सकता है। विश्व शांति का सूत्र अमेरिका के हाथों में है। और उसका कर्ता-धर्ता है अमेरिका का राष्ट्रपति। इसलिए उसे ही शांति का रक्षक बना लिया जाए -पहले से ही यानी एडवांस बुकिंग।

जॉर्ज बुश जब राष्ट्रपति थे तो सामूहिक नरसंहार के हथियार (वीपन ऑफ मास डिस्ट्रक्शन) खोजते-खोजते आखिर इराक पर चढ़ बैठे। असल बात यह थी कि उन्हें सद्दाम का चेहरा पसंद नहीं था। उनके पहले रीगन ने अपने कार्यकाल में लंबे समय तक निकारागुआ में आतंकवाद को शह दिया था। अमेरिका का राष्ट्रपति ऐसा बहुत कुछ कर सकता है, जिससे शांति नष्ट हो जाए। इसलिए दुनिया के बहुत सारे विकसित और विकासशील राष्ट्र शांति की पहल और शांति की हिफाजत के लिए उसका मुंह देखते हैं।

नोबेल कमिटी ने भी इस बार यही किया है। उसने शांति की स्थापना के बदले इस बार शांति की संभावना के लिए यह पुरस्कार दिया है। ओबामा भाई, आप में क्षमता है, आप ही यह कर सकते हो। यह लो पदक और जरा फिनिश लाइन छू कर दिखा दो। यह अमेरिकी राष्ट्रपति को एक नैतिक दायित्व में बांधने जैसा है।

नोबेल कमिटी ने हर बार अच्छा काम करने के बाद ही अपना मेडल नहीं सौंपा है, काम के पहले भी सौंपा है और काम के बीच में भी। अमेरिका राष्ट्रपति वुडरो विल्सन के नेतृत्व में पहला विश्व युद्ध लड़ा था। यानी वे गांधी या बुद्ध की तरह अहिंसा के पुजारी नहीं थे। लेकिन 1919 में जैसे ही लड़ाई बंद हुई और उनके मुंह से 'लीग ऑफ नेशंस' की बात निकली, नोबेल कमिटी ने उनके गले में शांति का मेडल डाल दिया, ठीक है भाई, काफी लड़ चुके, अब शांति की स्थापना करो।

आप जानते हैं, फलस्तीन और इस्त्राइल का झगड़ा कभी खत्म नहीं होता, वह रात और दिन जैसी दूसरी कुदरती चीजों की तरह लगातार चलता ही रहता है। 1994 में अमेरिका फलस्तीनी नेता यासेर अराफात और इस्त्राइली प्रधानमंत्री यित्शाक राबिन को किसी तरह बहला -फुसला कर बातचीत की मेज तक ले आया। उन दोनों ने दो बार बैठ कर बात-वात की हाथ वगैरह मिलाया और नोबेल कमिटी तश्तरी में शांति पदक ले कर उनके सामने हाजिर हो गई। दोनों महानुभावों का बहुत-बहुत शुक्रिया, कम से कम आपने यह स्वीकार तो किया कि अंतिम चीज जो हासिल करनी है, वह युद्ध नहीं अमन ही है।

जब शांति का नोबेल सम्मान दिया जाता है, तो आप सिर्फ पात्र को मत देखिए, पदक देने के पीछे निहित भावना को भी देखिए। और एक शाश्वत तत्व वह भी है, जिसे हमारे गोस्वामी तुलसी दास ने रामचरित मानस रचने के पहले पहचान लिया था। उन्होंने अपने महाकाव्य में सबसे पहले उनकी प्रार्थना की, जो नाराज हो कर अनिष्ट कर सकते थे।
नितिन शर्मा (news with us)

अमेरिकी पत्रकार को बुरी तरह पीटा

अमेरिकी पत्रकार की फोटो देखी तो दिल कांप गया. क्या किसी के साथ पुलिस इतनी बेरहमी से पिटाई कर सकती है? दिल्ली पुलिस ने इस घटना को अंजाम देकर एक बार फिर अपने आप को मुजरिमों के कटघरे में खडा कर दिया है. इतनी बुरी तरह से उन्हें पीटा गया है की उनके जख्मो के निशान साफ़ साफ़ नजर आ रहे है. इलियट तो अमेरिका चले गए है. लेकिन यहाँ से वो अपने साथ सिर्फ नफरत लेकर गए है.पुलिस के इस रुख ने ये साबित कर दिया है की दिल्ली पुलिस अपनी वर्दी का उपयोग नाजायज रूप से कर रही है या ये हो सकता है की दिल्ली पुलिस के पुलिसकर्मी अपनी बीबी से लडाई का गुस्सा उनके द्वारा पकडे जाने वाले लोगो पर लाठिया बरसाकर निकालते हो. ये पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी दिल्ली पुलिस इस तरह की हरकत कर चुकी है. कुछ दिनों पहले प्रसाद नगर थाने के पुलिसकर्मियों ने भी इसी तरह एक चोर को पकड़ कर रोड पर मारना शुरू कर दिया था. बहुत देर तक पुलिस कर्मी उसे मारते रहे. आखिर मेने जाकर जब विरोध किया तो वे कहते है की तुम एक चोर का साथ दे रहे हो? मेने उन्हें जब कहा की इस तरह से मारना गलत है. इसके खिलाफ रिपोर्ट लिखो और कानूनी कार्यवाही करो.मेने उन्हें बताया की मैं प्रेस से हूँ तो उनका कहना था की प्रेस से हो तो क्या हमें कानून बताओगे? ये रोब है हमारी दिल्ली पुलिस का. प्रेस वाले तो उनकी आँखों में खटकते है. इस तरह पुलिस की मारपीट के कई मामले तो पुलिस वाले दबा ही लेते है. आम आदमी तो पुलिस के डर से कुछ बोल ही नहीं पता है. लेकिन इस बार पुलिस ने एक पत्रकार के उपर अपना घरेलु गुस्सा उतार दिया.उन्हें ये अंदाजा नहीं था की ये आम आदमी नहीं पत्रकार है. और जब बात बढ़ी तो दलील देने लगे की इलियट चोर है.तो वो पुलिस कर्मी ये बताये की क्या किसी चोर को इतनी बुरी तरह से पीटा जाता है क्या? खेर पुलिस तो मामला बनाने और सबूत पैदा करने में माहिर है ही. उन्होंने मामला बना दिया. लेकिन क्या ये सच है की पुलिस ने उनके साथ मारपीट इसलिये की क्यूंकि वो एक चोर थे, या फिर पुलिस किसी पुरानी बात का बदला ले रही हो? क्यूंकि इलियट एक पत्रकार है.
नितिन शर्मा (news with us)

जिंदगी इक सफर है सुहाना

निर्देशक प्रेम सोनी की फिल्म 'मिस्टर एंड मिसेज खन्ना' में सलमान खान के साथ करीना कपूर की जोडी बनाई गई है। फिल्म में मिसेज खन्ना का किरदार निभाने वाली करीना यहां औरत और पुरूष के रिश्ते और अपनी पसंदीदा मिसेज खन्ना के बारे में बात कर रही हैं। 'मैं और मिसेज खन्ना' की किस बात ने आपको सबसे ज्यादा प्रभावित कियाइसकी हर बात ने। यह एक शानदार प्रोजेक्ट था। मेरी नजरों में इस फिल्म की कहानी लडकी के किरदार पर आधारित है। यह कहानी लडकी के नजरिए से कही गई है। यह फिल्म शादी के बाद एक लडकी की जिंदगी के सफर को बयान करती है। यह सफर बहुत सुहाना हो सकता है, अगर हम इसमें दोस्ती और मुहब्बत का तडका लगा दें। यह पति-पत्नी की स्वीट रोमांटिक स्टोरी है और इसमें एक मैसेज भी छुपा है। इस फिल्म में आपने मिसेज खन्ना का किरदार निभाया है। जब आप मिसेज खन्ना के बारे में सोचती हैं, तो आपके दिमाग में सबसे पहला नाम किसका आता हैडिंपल आंटी। मेरे लिए वे सबसे अच्छी मिसेज खन्ना हैं। उन्होंने मेरे दादाजी की फिल्म से डेब्यू किया था, इसलिए उनके साथ मेरा एक खास रिश्ता है। वे आज भी खूबसूरत और स्टाइलिश लगती हैं। सलमान के साथ आपने 'क्योंकि...' में काम किया था, पर यह बात काफी पुरानी हो गई है....इतने समय बाद एक साथ काम करने की वजहहमें कोई अच्छी स्क्रिप्ट नहीं मिली। मुझे लगता है कि हम दोनों के एक साथ काम करने के लिहाज से यह एक बेस्ट फिल्म है। सलमान शानदार हैं और बहुत आकर्षक लगते हैं। शॉर्ट मे कहूं, तो मिस्टर और मिसेज खन्ना एक साथ बहुत जम रहे हैं। कई साल बाद सलमान ने रोमांटिक फिल्म की है। आप बचपन से सलमान को जानती हैं। सलमान ने करिश्मा के साथ भी फिल्में की हैं। क्या इससे आपके लिए उनके साथ काम करना और आसान हो गयाहमारे बीच फैमिली रिलेशनशिप है। सलमान की फैमिली के साथ मेरे बहुत अच्छे रिश्ते हैं। सोहैल, अरबाज, मलैका और अर्पिता के साथ मेरी बहुत अच्छी बनती है, लेकिन सलमान का मेल-जोल मुझसे ज्यादा करिश्मा के साथ है। सलामन का कहना है कि वे आपको तब से जानते हैं, जब आप नौ साल की थीं। क्या वे सैट पर आपका ध्यान रखते थेसलमान मुझे लाड-प्यार नहीं करते थे। हां, सोहैल मेरा बहुत ध्यान रखते थे। मैंने और सलमान ने कुछ दिनों के लिए शूटिंग की। मैं सलमान की बहुत बडी फैन हूं और मुझे उन्हें रोमांटिक फिल्मों में देखना अच्छा लगता है। फिल्म की काफी शूटिंग मेलबोर्न एयरपोर्ट पर हुई है। फिल्म में एयरपोर्ट की क्या भूमिका हैफिल्म की कहानी मेलबोर्न बेस्ड है। शादी के बाद मैं और सलमान मेलबोर्न शिफ्ट हो जाते हैं। झगडे की शुरूआत एयरपोर्ट से होती है, इसलिए फिल्म में एयरपोर्ट की अहम भूमिका है। सोहैल एक बार चलाते हैं और उनका यह बार एयरपोर्ट पर ही है। क्या यह फिल्म विवाहेतर रिश्तों पर आधारित हैनहीं, फिल्म विवाहेतर रिश्तों पर नहीं, बल्कि एक औरत और पुरूष की दोस्ती पर आधारित है। इस बारे मे आपके क्या विचार हैंमेरा मानना है कि एक लडका और लडकी दोस्त बन सकते हैं। मिसेज खन्ना जितना अपने पति को प्यार करती है, उसके दिल में उतनी ही जगह अपने दोस्त के लिए भी है। फिल्म यह मैसेज देती है कि एक लडका और लडकी दोस्त हो सकते हैं। ऎसा नहीं है कि अगर किसी लडकी और लडके के बीच दोस्ती है, तो उनके बीच कुछ चल रहा है। क्या आपको नहीं लगता कि पति-पत्नी के बीच किसी और के आ जाने से शादीशुदा जिंदगी मे समस्याएं आ जाती हैंऎसा मेरो दोस्तों के साथ हो चुका है, इसलिए मैं इस कहानी के साथ एक गहरा जुडाव महसूस करती हूं। ज्यादातर लोगों को यह बात समझ में नहीं आती है कि एक औरत और पुरूष दोस्त हो सकते हैं। लेकिन शादी के भी अपने मायने होते हैं और जीत हमेशा शादी की होती है।
नितिन शर्मा (news with us)