Saturday, November 7, 2009

170 पर सिमटी टीम इंडिया

गुवाहाटी। गुवाहटी में ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले जा रहे छठे वनडे में भारत का प्रदर्शन फीका रहा। टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज सस्ते में पैवेलियन लौट गए। हालांकि निचले क्रम के बल्लेबाजों ने राहत दिलाते हुए स्कोर का कुछ सम्मानजनक स्थिति पहुंचाया। कंगारूओं की घातक गेंदबाजी के सामने टीम इंडिया के खिलाडी पूरे ओवर भी नहीं खेले पाए और 48 ओवर में 170 रन बनाकर पूरी टीम आउट हो गई। ऑस्टे्रेलिया को जीत के लिए 171 रन की जरूरत है।
करो या मरो वाले इस मैच में टीम इंडिया के कप्तान मेहन्द्र सिंह धोनी ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। पिछले मैच में संैकडा ठोकने वाले सचिन सहित सभी धुंरधर खिलाडी तू चल मैं आया की तर्ज पर पैवेलियन लौट गए। हालांकि सहवाग ने मिचेल जॉनसन के पहले ओवर में छक्का लगाकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे, लेकिन छक्का लगाने के बाद ही वह अगली गेंद पर बोल्ड हो गए। सहवाग की जगह खेलने आए गौतम गंभीर भी दो गेंदों का सामना कर सके और जॉनसन की गेंद पर बिना खाता खोले पैवेलियन लौट गए।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी कुछ खास नहीं कर सके और मात्र दस रन बनाकर डी. बॉलींगर ने उन्हें अपनी ही गेंद पर लपक लिया। बोलींगर ने ही युवराज सिंह को 6 रन के निजी स्कोर पर बोल्ड कर भारत को चौथा झटका दिया। पांचवा विकेट सुरेश रैना के रूप में गिरा। जॉनसन ने उन्हें खाता खोलने का भी मौका नहीं दिया। धोनी ने रविन्द्र जडेजा के साथ मिलकर इस क्रम को तोडने की कोशिश लेकिन जल्द ही आउट हो गए। इसके बाद खेलने आए हरभजन सिंह भी कोई कमाल नहीं दिखा पाए और चार रन बनाकर आउट हो गए।
अपनी पिछली छह द्विपक्षीय शृंखलाओं की जीत को बरकरार रखने के लिए भारत के लिए यह मैच जीतना जरूरी है ताकि वह सातवें मैच में अंतिम फैसले के लिए उतर सके। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने चोटों की समस्या से जूझने के बावजूद महेंद्र सिंह धोनी की टीम को कडी टक्कर दी है।
कंगारू टीम भले ही अपने आधे से अघिक नियमित खिलाडियों को गंवाने के बाद कमजोर हुई हो, लेकिन पिछले दो मैचों में करीबी जीत के बाद मेहमान टीम आत्मविश्वास से भरी है। काफी दबाव होने के कारण टीम इंडिया के लिए जीत दर्ज करना आसान नहीं होगा।
नितिन शर्मा (news with us)

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