जयपुर। बिना जमीन अवाप्त किए किसी को भूखंड आवंटित करना अपराध है। तमाम बिल्डरों के खिलाफ इस संबंध में कार्रवाई भी हो चुकी है, लेकिन अब यही अपराध जेडीए कर रहा है। मामला जेडीए की योजना 'अनुपम विहार' का है। इस योजना में जेडीए ने बिना पूरी जमीन अवाप्त किए न सिर्फ योजना बना डाली बल्कि लगभग दो हजार लोगों को भूखंड आवंटित कर दिया। अब ये आवंटी जेडीए का चक्कर काट रहे हैैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में जेडीए ने अजमेर रोड स्थित सेज के नजदीक 122.49 हेक्टेयर जमीन पर 'अनुपम विहार' योजना तैयार की। सारी कवायद पूरी हो गई। सूत्रों की मानें तो इस योजना की करीब 22.3 हेक्टेयर जमीन दो साल बाद भी जेडीए को नहीं मिल पाई है। यह जमीन अभी भी काश्तकारों के पास है। योजना के तहत लॉटरी को निकाली गई, लेकिन आवंटियों को भूखंड के नंबर नहीं दिए गए हैैं। इससे अब लोगों का आक्रोश बढता जा रहा है। वे कभी भी उग्र रूप ले सकते हैं।कदम दर कदम योजना :योजना में लोगों को दिखाई गई तस्वीर के हिसाब से कुल जमीन में से 22.3 हेक्टेयर जमीन के बगैर ही जेडीए आगे कदम बढता गया। जेडीए की तमाम घोषणाओं के बावजूद करीब दो हजार लोग अब भी चक्कर काट रहे हैैं। फैक्ट फाइल :- वर्ष 2007 में योजना की घोषणा- हजारों लोगों ने आवेदन किया, जनवरी 2009 में लाटरी निकाली।- कुल जमीन 122.49 हेक्टेयर। इसमें 22.3 हेक्टेयर काश्तकारों के पास।
जयपुर। बिना जमीन अवाप्त किए किसी को भूखंड आवंटित करना अपराध है। तमाम बिल्डरों के खिलाफ इस संबंध में कार्रवाई भी हो चुकी है, लेकिन अब यही अपराध जेडीए कर रहा है। मामला जेडीए की योजना 'अनुपम विहार' का है। इस योजना में जेडीए ने बिना पूरी जमीन अवाप्त किए न सिर्फ योजना बना डाली बल्कि लगभग दो हजार लोगों को भूखंड आवंटित कर दिया। अब ये आवंटी जेडीए का चक्कर काट रहे हैैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में जेडीए ने अजमेर रोड स्थित सेज के नजदीक 122.49 हेक्टेयर जमीन पर 'अनुपम विहार' योजना तैयार की। सारी कवायद पूरी हो गई। सूत्रों की मानें तो इस योजना की करीब 22.3 हेक्टेयर जमीन दो साल बाद भी जेडीए को नहीं मिल पाई है। यह जमीन अभी भी काश्तकारों के पास है। योजना के तहत लॉटरी को निकाली गई, लेकिन आवंटियों को भूखंड के नंबर नहीं दिए गए हैैं। इससे अब लोगों का आक्रोश बढता जा रहा है। वे कभी भी उग्र रूप ले सकते हैं।कदम दर कदम योजना :योजना में लोगों को दिखाई गई तस्वीर के हिसाब से कुल जमीन में से 22.3 हेक्टेयर जमीन के बगैर ही जेडीए आगे कदम बढता गया। जेडीए की तमाम घोषणाओं के बावजूद करीब दो हजार लोग अब भी चक्कर काट रहे हैैं।
फैक्ट फाइल :- वर्ष 2007 में योजना की घोषणा- हजारों लोगों ने आवेदन किया, जनवरी 2009 में लाटरी निकाली।- कुल जमीन 122.49 हेक्टेयर। इसमें 22.3 हेक्टेयर काश्तकारों के पास।
नितिन शर्मा (news with us)
No comments:
Post a Comment