बेंगलूरू। देश की 80 फीसदी गर्भवती महिलाएं, 56 फीसदी किशोरियां व 30 फीसदी किशोर हीमोग्लोबिन में लाल रक्त कणिकाओं (आयरन) की कमी यानी एनीमिया से पीडित हैं। ऎसे में हरियाणा के करनाल स्थित भारतीय डेयरी अनुसंधान संस्थान द्वारा आयरन की परत चढाकर दूध उत्पादन की महात्वाकांक्षी योजना की सफलता आशा की किरण बन सकती है।
सोमवार को संस्थान के निदेशक एके श्रीवास्तव ने पत्रिका से कहा कि इस योजना के तहत आयरन व अन्य पौष्टिक तत्वों से प्रचुर दुग्ध उत्पादन की तकनीक पर संस्थान कार्यरत है। नई तकनीक के जरिए तरल दूध में आयरन की परत चढाई जाएगी। उपभोग के बाद यह शरीर को पूर्ण आयरन प्रदान करेगा।
दही रोकेगा कैंसर श्रीवास्तव ने बताया कि संस्थान ने प्रो-बॉयोटिक बैक्टीरिया युक्त विशेष दही तैयार करने की विघि तैयार कर ली है। यह दही पेट के कैंसर, मधुमेह, निमोनिया व ह्वदय सम्बन्धी रोगियों के लिए उपयोगी होगा। संस्थान खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों से इसकी तकनीकी के हस्तान्तंरण पर बातचीत कर रहा है। जल्द ही यह दही बाजार में उपलब्ध होगा।
खास बनेगा चारा श्रीवास्तव ने कहा कि संस्थान दुधारू जानवरों के लिए खास चारा तैयार कर रहा है। यह चारा जानवरों के दूध में संयुग्मित लिनोलिक एसिड की मात्रा बढा देगा। तीन साल पूर्व शुरू की गई इस परियोजना पर अंतिम परिणाम छह माह में आ जाएगा।
नितिन शर्मा (news with us)
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