ये कैसी मार्केटिंग, जिसमे कम्पनी अपने उत्पाद बेचने के लियें स्कूल्स में अपने अंतर वस्त्र के उत्पाद लड़कियों में बेच रही है। वो भी मुफ्त में, है न अजीब। ये मामला है दिल्ली का। और कंपनी है जोंसन एंड जोंसन। ये कंपनी अपनी मार्केटिंग करने के लियें दिल्ली के स्कूल्स में पेड्स बेच रही है। मामला दरअसल यूँ है की दिल्ली सरकार की योजना है की लड़कियों में माहवारी को लेकर जागरूक करना और इसके लियें दिल्ली सरकार ने जिम्मेदारी सौपी है जोंसन एंड जोंसन। सरकार की योजना तो अच्छी है लेकिन जागरूक करने के तरीके को में सही नही मानता। क्या यह सही है की किसी स्कूल में लड़कियों को इस तरह के उत्पाद के बारे में बताये। स्कूल विद्या का मन्दिर होता है और वहीं पर इस तरह की चीज शोभा नही देती। चाहे साथ में लेडीज डॉक्टर ही क्यूँ न हो? अगर जागरूक ही करना है तो इसके और भी तरीके हो सकते है, लेकिन स्कूल्स में इस तरह का कार्य सही तरीका नही लगता।सरकार ने तो योजना बना कर जिम्मेदारी कंपनी को सौंप दी लेकिन क्या इससे कंपनी अपना फायदा करती नही दिखाई दे रही।और अगर जागरूक करने की बात है तो वेसे तो लड़कियों की उम्र होते ही उनकी माँ ही उनकी सहेली बनकर उनको साडी जानकारी दे सकती हैफ़िर भी यदि सरकार को लगता है की वो एक माँ से ज्यादा जानकारी दे सकती है तो कम से कम सही तरीका तो तलाशेइस तरह की जागरूकता अभी तक कई स्कूल्स में की जा चुकी है। और तो और ख़बर ये भी है की अब कालेजो में गर्भ निरोधक गोलियो के सेवन के बारे में भी जागरूक करने की मुहीम शुरू होनेवाली है मतलब की कुछ भी ग़लत करो और उस गलती को दुनिया के सामने आने से रोकने के लियें गर्भनिरोधक गोलियो का सेवन कर लो। सही जागरूक कर रही है सरकार स्टूडेंट्स को।
नितिन शर्मा(news with us)
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