Wednesday, September 16, 2009

पत्रिका के इन्दौर संस्करण में बवाल

राजस्थान पत्रिका ने मध्य प्रदेश में अपने एक साल पुरे करने के उपलक्ष्य में आयोजन तो किया लेकिन मन में एक टीसके साथ। पत्रिका ने रतलाम से भी एडिशन शुरू कर दिया है लेकिन इसकी शुरुआत भी शायद पत्रिका को गहरा झटका खाते हुए करनी पडी। दरअसल, पत्रिका के इन्दौर संस्करण में प्रकाशित एक ख़बर की वजह से इन्दौर में बवाल मच गया और पत्रिका की फजीहत भी खूब हुई। 'पत्रिका', इंदौर इन दिनों बड़े विवाद में घिर गया है। बाबी छाबड़ा नामक एक उद्योगपति के खिलाफ जो खबर इस अखबार में प्रकाशित हुई है, दरअसल वह किसी दूसरे बाबी छाबड़ा का मामला था। एक पुराने वारंट के तामील न होने और इंदौर पुलिस द्वारा बाबी छाबड़ा को बचाने से संबंधित खबर में जिस बाबी छाबड़ा का उल्लेख किया गया और तस्वीर प्रकाशित की गई, वह शहर के जाने-माने उद्योगपति हैं। खबर छपने के बाद उद्योगपति बाबी छाबड़ा ने पहले तो पत्रिका के लोगों से संपर्क कर खबर के खिलाफ अपना खंडन छापने के लिए दबाव दिया पर जब पत्रिका के लोगों का सकारात्मक रुख नहीं दिखा तो बाबी छाबड़ा ने इंदौर के सभी स्थानीय अखबारों को आधे पेज का विज्ञापन देकर अपनी सफाई पेश की और पत्रिका, इंदौर की मिट्टी पलीद करा दी।
विज्ञापन में पत्रिका द्वारा प्रकाशित खबर को भी एक तरफ स्थान दिया गया है। इस प्रकरण को लेकर 'पत्रिका' की स्थिति न उगलने और न निगलने वाली हो गई है। भास्कर और नई दुनिया ने इस मौके का फायदा उठाते हुए बाबी छाबड़ा के विवाद को हवा भी जमकर दी और पत्रिका की प्रतिष्ठा को धूल-धूसरित करने के लिए जी-जान से जुट गए। पत्रिका ने हाल ही में जब रतलाम एडिशन शुरू किया है लेकिन भास्कर ने ग़लत ख़बर छपने का फायदा उठाया और भास्कर ने बाबी छाबड़ा के विज्ञापन को बुक तो इंदौर के लिए किया था लेकिन इसे मुफ्त में रतलाम व आसपास के जिलों में भी प्रकाशित किया। इससे रतलाम में 'पत्रिका' अखबार के पहुंचने के साथ ही 'भास्कर' में प्रकाशित बाबी छाबड़ा के विज्ञापन के जरिए उसके कृत्य की जानकारी भी पहुंच गई। पत्रिका, इंदौर ने भी बाद में बाबी छाबड़ा से संबंधित असत्य समाचार का खंडन प्रकाशित किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और बाबी छाबड़ा गुस्से में दूसरे सभी अखबारों को आधे पेज का विज्ञापन देकर पत्रिका की कारस्तानी सामने लाने का फैसला ले चुके थे। पत्रिका के रिपोर्टर ने बाबी छाबड़ा नाम के कारण उद्योगपति को आरोपी बना दिया जबकि जिस बाबी छाबड़ा पर पुलिस केस है, वह शहर का छोटा-मोटा व्यवसायी है। इस पूरे मामले पर पत्रिका प्रबंधन काफी गंभीर हो चुका है। चर्चा है कि जल्द ही कुछ लोगों पर इसकी गाज गिर सकती है।
नितिन शर्मा (news with us)

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