Monday, November 23, 2009
46 निकायों में मतदान संपन्न
राज्य निर्वाचन आयुक्त एके पांडे के अनुसार दोपहर तीन बजे तक राज्य में लगभग 50 फीसदी वोट पडे थे। चुनाव के लिए प्रदेश भर में कडी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। विभिन्न जिलों में स्वाइन फ्लू के प्रकोप को देखते हुए कई मतदान केन्द्रों पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात पुलिस कर्मियों ने मास्क लगा रखे थे। ठंड के कारण शुरूआती घंटों में जयपुर समेत राज्य के कई हिस्सों मतदान धीमा रहा लेकिन दिन चढते मतदान में तेजी देखी गई।
मुख्यमंत्री गहलोत ने जोधपुर में डाला वोट
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने परिजनों के साथ जोधपुर में मतदान किया। गहलोत धर्मपत्नी सुनीता, पुत्र वैभव और पुत्रवधू हिमांशी के साथ वार्ड नं. 54 के वर्धमान जैन उच्च माध्यमिक विद्यालय महामंदिर स्थित मतदान केन्द्र पर पहुंचे और करीब पौने नौ बजे उन्होंने अपना वोट डाला।
जयपुर: महापौर प्रत्याशियों ने मतदान किया
जयपुर नगर निगम के महापौर पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति खंडेलवाल ने सुबह साढे आठ बजे किशनपोल बाजार में छोटी चौपड स्थित महाराजा गल्र्स स्कूल में अपना मत डाला। वहीं भाजपा की ओर से महापौर की प्रत्याशी सुमन शर्मा ने मालवीय नगर स्थित सेक्टर सात स्थित मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। जयपुर शहर के सांसद महेश जोशी ने रेलवे स्टेशन के पास डीआरएम ऑफिस में बने मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
राज्य के चुनाव आयुक्त एके पाण्डे ने जयपुर के गांधीनगर स्थित उच्च माध्यामिक बालिका विद्यालय स्थित मतदान केन्द्र पर मतदान किया। वहीं, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डा. बीडी कल्ला और भाजपा सांसद अर्जुन मेघवाल ने बीकानेर में मतदान किया।
हर बूथ पर दो ईवीएम
निकाय प्रमुख के लिए पहली बार सीधा मतदान होने के कारण इस बार एक मतदान केंद्र पर दो ईवीएम लगाई गई। इसमें एक मशीन निकाय प्रमुख व दूसरी पार्षद के लिए लगाई गई है। पहली बार निकाय चुनाव में मतदाता को एक साथ दो वोट डालने पडे।
46 निकायों के लिए मतदान प्रदेश के जयपुर, जोधपुर सहित चार नगर निगम, 11 नगर परिषद और 31 नगर पालिकाओं के लिए मतदान हुआ। इसके अलावा 11612 वार्ड सदस्यों के लिए मतदान होना था, जिसमें से 19 स्थानों पर सदस्य निर्विरोध निर्वाचित होने के कारण अब 11593 वार्ड में सदस्यों के लिए चुनाव हुआ।
नगर निगम : जयपुर, कोटा, जोधपुर व बीकानेरनगर परिषद : श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, चूरू, झुंझुनूं, सीकर, अलवर, भरतपुर, टोंक, ब्यावर, उदयपुर व पालीनगर पालिका : सूरतगढ, राजगढ, पिलानी, बिसाऊ, नीमकाथाना, भिवाडी, पुष्कर, सांगोद, कैथून, मांगरोल, छबडा, चित्तौडगढ, निम्बाहेडा, रावतभाटा, बांसवाडा, कानोड, नाथद्वारा, आमेट, सुमेरपुर, सिरोही, माउंटआबू, शिवगंज, पिण्डवाडा, जालौर, भीनमाल, बाडमेर, बालोतरा, जैसलमेर, फलौदी, डीडवाना और मकराना।
जयपुर में सीधा मुकाबला
जयपुर नगर निगम में महापौर पद के लिए पांच और 77 पार्षद पदों के लिए कुल 429 उम्मीदवार मैदान में हैं। राजधानी में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति खंडेलवाल व भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा के बीच सीधा मुकाबला है। कांग्रेस विधानसभा व लोकसभा चुनाव में जीत के बाद तिकडी बनाते हुए पहली बार जेएमसी में बोर्ड बनाने को आतुर है। यही वजह है कि कांग्रेस के सांसद महेश जोशी, विधायक प्रतापसिंह, परिवहन मंत्री बृजकिशोर शर्मा आदि पूरी ताकत से जुटे रहे। वहीं जयपुर निगम बनने के बाद से लगातार दबदबा बनाए रखने वाली भाजपा एक बार फिर अपना झंडा फहराने को बेताब है। पार्टी ने नेताओं ने पूरा दमखम लगा दिया है।
जिलों से मिली खबरों व अन्य सूत्रों के अनुसार निकाय प्रमुख पद के लिए 33 शहरों में सीधी टक्कर है, जबकि एक दर्जन स्थानों पर त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है। श्रीगंगानगर में कांग्रेस व भाजपा के बागियों ने मुकाबले को चतुष्कोणीय बना दिया है।
चुनाव आयुक्त ने की अपील
निर्वाचन आयुक्त ए.के. पाण्डे ने मतदाताओं से अपील की कि वे बिना किसी डर एवं दवाब के मतदान करने जाएं। कमजोर वर्ग को स्वतंत्र रूप से मतदान कराने के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय किए गए। संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्रों में सुरक्षा की अतिरिक्त व्यवस्था की गई। गडबडी की आशंका वाले क्षेत्रों में विशेष पुलिस बल तैनात किया गया था।
चुनाव एक नजर में :निकाय - 46मतदाता - 56 लाख 59 हजार 790पुरूष मतदाता - 30 लाख 11615 महिला मतदाता - 26 लाख 48175 निकाय प्रमुख के उम्मीदवार -270चुनाव वाले वार्ड -1612पार्षद के लिए उम्मीदवार - 6179मतदान केन्द्र - 6002चुनावी मशीनरी - करीब 40 हजार कर्मचारी
राज्य में हमारी सरकार के सुशासन का फायदा मिलेगा। पर्यवेक्षकों और जिला प्रभारी मंत्रियों के फीडबैक के आधार पर कह सकता हूं कि ज्यादातर निकायों में कांग्रेस जीतेगी। -सी.पी. जोशी, प्रदेशाध्यक्ष
कांग्रेस राज्य में एक साल में जो स्थिति बनी है और यह सरकार जिस तरह विफल रही है, उस आधार पर दावा कर सकता हूं कि अधिकतर निकायों में भाजपा का कब्जा होगा। -अरूण चतुर्वेदी, प्रदेशाध्यक्ष, भाजपा
नितिन शर्मा (news with us)
Wednesday, November 18, 2009
नए में खो न जाए पुराना
नितिन शर्मा (news with us)
टूट गया सपना
जिस तरह सीधे चुनाव की घोषणा हुई थी, उससे एक बार लगा था कि प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियां इस बार मेयर, अध्यक्ष व सभापति पद के लिए कुछ चौंकाने वाले नाम ढूंढेंगी। जनता के सामने ऎसे व्यक्तित्वों को रखा जाएगा, जो अपने शहर को अपनी हथेली की तरह जानते हो। जिनके मन में शहर के लिए कुछ सपने हों। जो बीमार स्थानीय निकायों को भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के शिकंजे से छुडा कर शहर का कायापलट कर सकें। नागरिकों को अपने साथ जोडकर उनका जीवन सुखी बना सकें। शहर में आधारभूत सुविधाओं के लिए पैसा जुटा सकें और अपनी संवेदनशीलता व प्रशासनिक क्षमता के बूते पर सबको साथ लेकर चल सकें। अब लगता है कि ये राजनीतिक दल केपटाउन की मेयर हेलेन जिले या ज्यूरिख के मेयर एल्मार लेडेरर्वर जैसे व्यक्ति तो सपनों में भी नहीं ढूंढ सकते, जिन्होंने अपने-अपने शहरों को विश्व के सबसे पसंदीदा शहर बना दिए। फिर क्या राजनीतिक दलों के लिए यह जरूरी है कि किसी राजनीतिक व्यक्ति का नाम ही चुना जाए। शहर का प्रथम नागरिक क्या कोई साहित्यकार, कोई कलाकार, कोई दमदार पूर्व प्रशासक या ऎसा व्यक्ति नहीं हो सकता, जिसमें उपरोक्त गुण हों
सीधे चुनाव की स्थिति में होना तो यह था कि इस तरह के कुछ नाम जनता के सामने रखे जाते। शहर के विकास के लिए उनके सपनों को लेकर वाद-विवाद, चर्चा-परिचर्चाएं होतीं। पर ऎसा कुछ नहीं हुआ। नामों के चयन में वही सब हुआ जो विधानसभा-लोकसभा चुनावों में होता है। जिन के सिर पर बडे नेताओं का हाथ था, उन्हें चुन लिया गया। भले ही शहर के विकास से उनका दूर-दूर का नाता न हो, नेताओं के आगे-पीछे घूमना उन्हें अच्छी तरह आता हो। राजनीतिक दलों की कमान पढे-लिखे युवाओं के हाथ में आने से यह उम्मीद थी कि वे कुछ नए तरीके से सोचेगे, पर वे भी लकीर के फकीर साबित हुए। सभी दलों में एक ही मंत्र चला 'सभी बडे नेताओं को खुश रखो ताकि अपनी कुर्सी सलामत रहे।' क्या ही अच्छा होता कि अच्छे नामों के लिए शहर के प्रबुद्ध लोगों से राय ली जाती।
पर्चे भरने और नाम सामने आने के बाद लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। फिर भी बाजी पूरी तरह से जनता के हाथों से नहीं निकली है। जनता चाहे तो दोनों राजनीतिक दलों को अपना अपमान करने का मजा चखा सकती है। मतदान के समय राजनीतिक पूर्वाग्रहों से उठकर सर्वश्रेष्ठ प्रत्याशी को चुनें, तभी शहर का भला हो सकता है। नेताओं के प्यादे ऎसे महत्वपूर्ण पदों पर बैठते रहे तो भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और अराजकता का राज यूं ही चलता रहेगा। शहर की सांस अग्निकाण्डों, ट्रेफिक जामों और स्वाइन फ्लू- डेंगू के खतरों तले यूं ही घुटती रहेगी।
साभार : भुवनेश जैन, राजस्थान पत्रिका
नितिन शर्मा (news with us)
Wednesday, November 11, 2009
तेज से पीछे हुआ डीडी, सबसे फायदे में आईबीएन7
इस हफ्ते की रेटिंग इस प्रकार है--
आज तक- 18.0 (गिरा 0.8), इंडिया टीवी- 16.8 (चढ़ा 0.1), स्टार न्यूज- 14.2 (चढ़ा 0.4), जी न्यूज- 11.3 (चढ़ा 0.1), आईबीएन7- 9.5 (चढ़ा 0.7), एनडीटीवी इंडिया- 8.5 (चढ़ा 0.2), न्यूज24 - 6.1 (चढ़ा 0.5), समय- 4.7 (गिरा 0.3), तेज- 3.8 (चढ़ा 0.1), डीडी न्यूज- 3.6 (गिरा 1.0), लाइव इंडिया- 2.4 (चढ़ा 0.3), इंडिया न्यूज- 1.0 (गिरा 0.3)
सप्ताह 45वां, 1 नवंबर से 7 नवंबर 09 तक : यह हफ्ता अपेक्षाकृत शांत है। न्यूज24 की बढ़त जारी है। बहुत दिनों बाद इस चैनल का मार्केट शेयर 6.1 फीसदी तक पहुंच गया है। इस हफ्ते सबसे ज्यादा नुकसान उठाया है डीडी न्यूज ने। उसे पूरे एक फीसदी का नुकसान पहुंचा है और वह तेज से पीछे हो गया है। सर्वाधिक फायदे में आईबीएन7 रहा है। इस चैनल को 0.7 अंकों का फायदा पहुंचा है और उसकी टीआरपी 9.5 हो गई है। आज तक को छोड़कर उसके बाद के क्रमशः छह न्यूज चैनलों को कुछ न कुछ फायदा हुआ है। आज तक को 0.8 अंकों का नुकसान हुआ है।
इस हफ्ते की रेटिंग इस प्रकार है--
आज तक- 18.0 (गिरा 0.8), इंडिया टीवी- 16.8 (चढ़ा 0.1), स्टार न्यूज- 14.2 (चढ़ा 0.4), जी न्यूज- 11.3 (चढ़ा 0.1), आईबीएन7- 9.5 (चढ़ा 0.7), एनडीटीवी इंडिया- 8.5 (चढ़ा 0.2), न्यूज24 - 6.1 (चढ़ा 0.5), समय- 4.7 (गिरा 0.3), तेज- 3.8 (चढ़ा 0.1), डीडी न्यूज- 3.6 (गिरा 1.0), लाइव इंडिया- 2.4 (चढ़ा 0.3), इंडिया न्यूज- 1.0 (गिरा 0.3)
नितिन शर्मा (news with us)
साभार: bhadas4media
कैमरामैन के बच्चे को फोर्टिस ने बंधक बनाया
यह अस्पताल है दिल्ली के वसंतकुंज स्थित फोर्टिस। बच्चे को बचा लिया गया पर अस्पताल ने जब प्रकाश के सामने एक लाख अस्सी हजार रुपये का बिल रखा तो उनके होश उड़ गए। प्रकाश पचपन हजार रुपये की व्यवस्था कर पाए और उसे फोर्टिस में जमा करा दिया। साथ ही अनुरोध किया कि वे गरीब आदमी हैं, उनके पास और पैसे नहीं हैं, इसलिए उनके बच्चे को दे दिया जाए। पर फोर्टिस वाले अड़ गए। उन लोगों ने कहा कि वे बच्चे को तब तक नहीं देंगे जब तक उन्हें पूरा पैसा नहीं मिल जाता। फोर्टिस के लोगों ने बच्चे को डिस्चार्ज कर अपने पास रख लिया और पैसे न देने पर मेरे पर केस करने की धमकी दे रहे हैं। प्रकाश मीडिया के अपने करीबी मित्रों व जानने वालों के यहां चक्कर लगा रहे हैं। उनके एक परिचित पत्रकार ने उन्हें दिल्ली के शहरी विकास राज्य मंत्री से मिलवाने का आश्वासन दिया है जिनकी आज प्रेस कांफ्रेंस हैं। अगर प्रकाश की आप कोई मदद करना चाहते हैं तो उन्हें 9718974111 पर फोन कर सकते हैं। ध्यान रहे, फोन सिर्फ संवेदना जताने या हमदर्दी दिखाने के लिए न करें क्योंकि प्रकाश पैसे जुटाने के लिए भागदौड़ में व्यस्त हैं। फोन तभी करें जब आप उनकी कोई आर्थिक मदद करना चाहते हैं।
प्रकाश मीडिया के व्यक्ति हैं, इसलिए उनकी यह आवाज आज यहां उठ भी पा रही है और मीडिया के लोग उनकी मदद करने के लिए आगे भी आ सकते हैं। वे मीडिया के प्रभाव के जरिए अपने बच्चे को अपने साथ घर लाने में कामयाब भी हो सकते हैं पर कल्पना कीजिए, दिल्ली के किसी अन्य गरीब व्यक्ति, जो दुकान करता हो या ठेला लगाता हो, के बच्चे की यही दशा होती तो वह मदद मांगने के लिए कहां जाता, कौन उसकी बात सुनता। और, ऐसा हो भी रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य के बड़े पैमाने पर हो रहे बाजारीकरण से आने वाले दिनों में आम व्यक्ति के बच्चों का पढ़ पाना और इलाज करा पाना बेहद मुश्किल होता जाएगा। जो पैसे वाले होंगे, वही बेहतर जिंदगी जीने के अधिकारी होंगे। जिसके पास पैसा नहीं होगा, वह सभी दुर्दशाओं को प्राप्त होगा। और यह सब होगा लोकतंत्र के नाम पर जहां हर ओर अब लूट तंत्र दिख रहा है। पैसे वालों के लिए बनती जा रही इस व्यवस्था में अब हर आदमी भय या मजबूरी वश पैसे कमाने के लिए हर तिकड़म लगाने पर मजबूर हो रहा है। प्रकाश के बहाने मीडिया के हम सभी लोगों को यह खुद से पूछने की जरूरत है कि जिन सरकारों को हम लोग अपनी समीक्षा, आलोचना और खोजपूर्ण रपटों के दायरे से बाहर सिर्फ इसलिए रखे हुए हैं कि उन सरकारों के जरिए मीडिया के मालिकों को अच्छा-खासा बिजनेस मिल जाता है, उन सरकारों को आम जनता के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए अब क्या किया जाना चाहिए?
नितिन शर्मा
साभार : bhadas4media
Saturday, November 7, 2009
170 पर सिमटी टीम इंडिया
करो या मरो वाले इस मैच में टीम इंडिया के कप्तान मेहन्द्र सिंह धोनी ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। पिछले मैच में संैकडा ठोकने वाले सचिन सहित सभी धुंरधर खिलाडी तू चल मैं आया की तर्ज पर पैवेलियन लौट गए। हालांकि सहवाग ने मिचेल जॉनसन के पहले ओवर में छक्का लगाकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे, लेकिन छक्का लगाने के बाद ही वह अगली गेंद पर बोल्ड हो गए। सहवाग की जगह खेलने आए गौतम गंभीर भी दो गेंदों का सामना कर सके और जॉनसन की गेंद पर बिना खाता खोले पैवेलियन लौट गए।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी कुछ खास नहीं कर सके और मात्र दस रन बनाकर डी. बॉलींगर ने उन्हें अपनी ही गेंद पर लपक लिया। बोलींगर ने ही युवराज सिंह को 6 रन के निजी स्कोर पर बोल्ड कर भारत को चौथा झटका दिया। पांचवा विकेट सुरेश रैना के रूप में गिरा। जॉनसन ने उन्हें खाता खोलने का भी मौका नहीं दिया। धोनी ने रविन्द्र जडेजा के साथ मिलकर इस क्रम को तोडने की कोशिश लेकिन जल्द ही आउट हो गए। इसके बाद खेलने आए हरभजन सिंह भी कोई कमाल नहीं दिखा पाए और चार रन बनाकर आउट हो गए।
अपनी पिछली छह द्विपक्षीय शृंखलाओं की जीत को बरकरार रखने के लिए भारत के लिए यह मैच जीतना जरूरी है ताकि वह सातवें मैच में अंतिम फैसले के लिए उतर सके। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने चोटों की समस्या से जूझने के बावजूद महेंद्र सिंह धोनी की टीम को कडी टक्कर दी है।
कंगारू टीम भले ही अपने आधे से अघिक नियमित खिलाडियों को गंवाने के बाद कमजोर हुई हो, लेकिन पिछले दो मैचों में करीबी जीत के बाद मेहमान टीम आत्मविश्वास से भरी है। काफी दबाव होने के कारण टीम इंडिया के लिए जीत दर्ज करना आसान नहीं होगा।
नितिन शर्मा (news with us)
अजब प्रेम की गजब कहानी
साभार : google news
नितिन शर्मा (news with us)
रामदेव के शिविर में न जाएं मुस्लिम’
नितिन शर्मा (news with us)
अमेरिका: गोलीबारी करने वाला आर्मी डॉक्टर कोमा में
जॉर्डन में जन्मे अमेरिकी नागरिक मेजर निदाल मलिक हसन (39 वर्ष) को शुक्रवार सान अन्टोनियो के समीप फोर्ट हुर्ड सैन्य ठिकाने में अंधाधुंध गोलीबारी करने के बाद पकड़ा गया था। गोलीबारी कर रहे हसन पर एक महिला पुलिस अधिकारी ने चार गोलियां चलाईं और फिर उसे पकड़ा गया।
यहां के कुछ अखबारों में प्रकाशित खबरों में कहा गया है कि वर्जीनिया में जन्मे हसन को इराक में नहीं बल्कि अफगानिस्तान में तैनात किया जाना था। उसे सैन अन्तोनियो स्थित ब्रुक मेडिकल आर्मी सेंटर लाया गया। वह कोमा में है और उसकी हालत स्थिर बताई जाती है।
हसन ने जब अंधाधुंध गोलीबारी शुरू की। इसके बाद सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। मेडिकल केंद्र के प्रवक्ता डेवी मिशेल ने हसन को मध्य टेक्सास के अस्पताल से ट्रामा सेंटर लाए जाने के फैसले के बारे में कुछ नहीं बताया। फोर्ट हुड अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना है जहां 50,000 सैनिक, उनके 150,000 परिजन और नागरिक रहते हैं। यहां सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था है।
शुक्रवार की घटना के बाद 340 वर्ग मील में फैले इस ठिकाने में मीडिया कर्मियों का प्रवेश रोकने के लिए अतिरिक्त गार्ड तैनात कर दिए गए हैं। गोलीबारी की इस घटना से स्तब्ध और परेशान सैन्य अधिकारी पूरे घटनाक्रम के बारे में सूचनाएं एकत्र कर रहे हैं।
गोलीबारी में 12 सैनिक और रक्षा मंत्रालय का एक असैनिक अधिकारी मारा गया और करीब 30 व्यक्ति घायल हो गए। अधिकारियों को यह सवाल सबसे परेशान कर रहा है कि क्या उन्होंने चेतावनी के संकेत नजरअंदाज कर दिए। हमले के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। लेकिन खबरों से संकेत मिलता है कि अभिभावकों के मना करने के बावजूद हाई स्कूल के बाद सेना में शामिल हुआ हसन परेशान था। जांचकर्ताओं ने हसन के कंप्यूटर, उसके घर और उसके फालतू सामान की जांच कर पता लगाने का प्रयास किया कि उसने अपने सहकर्मी सैनिकों पर गोलीबारी क्यों की थी। हसन अभी कौमा में है। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि घायलों में से कुछ की हालत बेहद नाजुक है और शायद वे बच नहीं पाएं। वहीं हसन के एक संबंधी ने बताया कि अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमले के बाद से हसन कई बार शिकायत कर चुका था कि उसके सहयोगी उसकी मजहबी पृष्ठभूमि को लेकर उसे परेशान करते हैं। हसन मुसलमान है। बताया जाता है कि वह ज्यादातर अकेला रहता था। इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी कार्रवाइयों पर भी उसने कड़ी आपत्ति जताई थी। प्रत्यक्ष तौर पर वह अफगानिस्तान में अपनी तैनाती नहीं चाहता था।
नितिन शर्मा (news with us)
Thursday, November 5, 2009
प्रबाश जोशी नही रहे
पत्रकारिता के ओपान में जाने माने पत्रकार प्रबाश जोशी कल रात दिल का दौरा पड़ने की वजह से अब हमारे बीच में नही रहे। जोशी जी ने पत्रकारिता में अहम् योगदान निभाया है। news with us की टीम की और से उनको हार्दिक स्राधांजलि
नितिन शर्मा (news with us)
Tuesday, November 3, 2009
महाराष्ट्र : नई सरकार बनाने की गुत्थी और उलझी
nitin sharma (news with us)
Sunday, November 1, 2009
नही बुझी आग
जयपुर के सीतापुर औद्योगिक इलाके में इंडियन ऑयल कारपोरेशन [आईओसी] टर्मिनल के एक किलोमीटर दायरे को छोड़कर शेष क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं, लेकिन जिला प्रशासन लगातार पांचवें दिन भी आग को काबू में लाने में सफल नहीं रहा।
जिलाधिकारी कुलदीप रांका के अनुसार हालात की समीक्षा करने के बाद आईओसी टर्मिनल से एक किलोमीटर के दायरे को छोड़कर शेष सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों के कामकाज के लिए प्रबंधकों को जाने की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाई प्रबंधकों को निर्देश दिया गया है कि एहतियात के लिए बिजली लाइनों एवं भवनों की जांच के बाद ही कामकाज शुरू करें और फिलहाल भारी मशीनरी का उपयोग नहीं किया जाए।
रांका ने कहा कि सीतापुर क्षेत्र में शुक्रवार से बंद स्कूल और जयपुर-सवाई माधोपुर रेल मार्ग पर यातायात फिर से शुरू करने का निर्णय सोमवार शाम स्थिति की समीक्षा के बाद किया जाएगा। जिलाधिकारी के अनुसार आईओसी टर्मिनल में रविवार देर रात जिन तीन टैंकों में आग धधक रही है उनके ढक्कन तेज आवाज के साथ फटने से नजदीक ही रखे ऑयल के ड्रमों में आग लग गई, लेकिन उन पर जल्द ही काबू पा लिया गया। उन्होंने कहा कि आग कब बुझेगी इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा के निर्देश पर हादसे की जांच के लिए गठित कमिटी के अध्यक्ष बी लाल सोमवार को जयपुर पहुंचकर मामले की जांच शुरू करेंगे। उत्तर पश्चिम रेलवे के सूत्रों ने बताया कि जिला प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद ही जयपुर-सवाई माधोपुर रेल मार्ग पर यातायात बहाल किया जाएगा। इस मार्ग से आने-जाने वाली गाड़ियां परिवर्तित मार्ग से चल रही हैं। दिल्ली, मुंबई एवं मथुरा रिफाइनरी से आए विशेषज्ञ और सेना के जवान बचाव कार्य में जिला प्रशासन की मदद कर रहे हैं।
गौरतलब है कि आईओसी टर्मिनल में गुरुवार की शाम 11 टैंकों में आग लगने से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
नितिन शर्मा (news with us)