Tuesday, August 25, 2009

२९ साल में सिर्फ़ ४ को फांसी

भाजपा और उसके भगवा संघठन भले ही कांग्रेस पर संसद पर हमले के दोषी मोह्हमद अफजल गुरु को फंसी के फंदे से बचानेका आरोप लगा रहे है लेकिन आंकडो पर नजर दोडाये तो अफजल को फांसी पर लटकाने की संभावना फिलहाल नजर नही आ रही है।
१९८० के बाद अब तक फंसी की सज़ा पाए सिर्फ़ चार आरोपियो को ही फंसी पर लटकाया गया है। अन्तिम बार फंसी पर लटकाए जाने वाला धनजय चेटर्जी था, जिसे हेतल पारीख की बलात्कार व हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फंसी की सजा सुनाईथी।
उसके बाद आज तक म्रत्युदंड पाए किसी भी अभियुक्त को फंसी पर नही लटकाया गया। इस दोरान करीब ६ साल तक केन्द्र में भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की सरकार भी रही मगर उसके कार्यकाल में भी किसी सज़ा प्राप्त आरोपी को फंसी नही दी गई। यह हाल तो तब है जब भारत ने दिसम्बर में २००७ के जिनोवासम्मलेन में पेश केपिटल पनिस्मेंट यानि म्रत्युदंड न देने के प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट दिया था। भारत के साथ अमेरिका और चीन भी म्रत्युदंड देने के पक्ष में थे।इंटरनेशनल लेवल पर भारत अपने यहाँ म्रत्युदंड बरकरार रखना कहता है मगर जेनेवा सम्मेलन के बाद यहाँ एक भी आरोपी को फंसी पर नही लटकाया गया। जबकि दूसरी तरफ़ अमेरिका और चीन में तब से अब तक १,१७१ और ८६४६ आरोपियो को फंसी दे दी गई है। अमेरिका में अकेले ही २००९ में ३७ लोगो को म्रत्युदंड दिया गया है। २००५ से अब तक ११ महिलाओ और २२ नाबालिगों को म्रत्युदंड दिया गया है। इसके मुकाबले भारत में २००१ से अब तक ३२९ आरोपियो को फंसी की सजा सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई लेकिन धनजय को छोड़कर एक को भी फंसी पर नही लटकाया गया। जानकार कहते है की इन आंकडो का एक कारणभारत और अमेरिका में म्रत्युदंड देने के तरीके में फर्क होना भी है। भारत में जहाँ फंसी में लटकाया जाता है वहीं अमेरिका में जहर का इंजेक्शन दिया जाता है। भारत में किसी को भी फांसी पर लटकाने से ही दुनिया में होहल्ला हो जाता है जबकि अमेरिका में किसी को म्रत्युदंड देने पर आवाज तक नही उठती।
( SUBRATA BHATTACHARY, D.L.A NEWS, DELHI.)

4 comments:

  1. बहुत अच्छी जानकारी है.

    चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है.......भविष्य के लिये ढेर सारी शुभकामनायें.

    गुलमोहर का फूल

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  2. सही है ..supreme court का एक मील का पत्थर ( landmark judgement) कहलाने वाला judgement है ..'bail,not jail'!
    गर आरोपी खुला घूमेगा तो उसपे लगे इलज़ाम साबित करना पुलिस के लिए नामुमकिन है !

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  3. अच्छी जानकारी। आपका स्वागत है:)

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