Tuesday, May 11, 2010

स्टार को भड़ास से चाहिए 10 करोड़

स्टार न्यूज में कार्यरत रहीं सायमा सहर के मेल, बयान और बातचीत पर आधारित जो खबरें पिछले दिनों भड़ास4मीडिया पर प्रकाशित हुईं, उससे स्टार न्यूज का दिमाग ठिकाने लगा हो या न लगा हो, ये तो नहीं पता लेकिन इतना जरूर है कि उन्होंने लाखों रुपये खर्च कर वकालत करने वाली एक फर्म को हायर किया और भड़ास4मीडिया को दस करोड़ रुपये देने के लिए नोटिस भिजवा दिया. इस नोटिस में कहा गया है कि सायमा सहर से जुड़ी जो खबरें प्रकाशित हुईं उससे स्टार न्यूज की प्रतिष्ठा को बहुत धक्का लगा है.
नोटिस के मुताबिक सायमा सहर ने महिला आयोग में बयान दिया कि उनकी बिना मर्जी के खबरें पब्लिश कर दी गईं और खबरों पर दूसरे पक्ष का वर्जन नहीं लिया गया. ऐसी ही ढेर सारी बातें नोटिस में कही गई हैं. नोटिस में कहा गया है कि भड़ास गलती मानते हुए तुरंत न्यूज चैनलों और अखबारों आदि में स्टार न्यूज से माफी मांगते हुए एक विज्ञापन जारी करे.
इस बीच, सायमा सहर से जब भड़ास4मीडिया ने महिला आयोग में दिए गए उनके बयान के बारे में बातचीत की तो सायमा का कहना था कि उन्होंने महिला आयोग में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जिसमें कहा गया हो कि पोर्टल पर आई खबरें झूठी हैं. सायमा के मुताबिक उन्होंने महिला आयोग के अनुरोध पर मीडिया से आगे से कोई बात करने से परहेज करने का फैसला किया है.
इस बीच, एक अन्य सूचना के मुताबिक स्टार न्यूज सायमा सहर को नौकरी और पैसे, दोनों का प्रलोभन देकर स्टार न्यूज के खिलाफ थाने, अदालत और आयोग में दायर वाद को वापस लेने का अनुरोध किया है. पर सायमा सहर के करीबी लोगों का कहना है कि सायमा किसी भी कीमत पर न तो अब स्टार न्यूज की नौकरी करेंगी और न ही उनके पैसे लेने के प्रस्ताव को स्वीकारेंगी. वे यह लड़ाई अपने आत्मसम्मान और गरिमा के लिए लड़ रही हैं और इसे हर हाल में आगे बढ़ाएंगी.
इस पूरे मामले पर भड़ास4मीडिया के एडिटर यशवंत सिंह का कहना है कि जो भी खबरें सायमा सहर से संबंधित प्रकाशित की गई हैं, उनके सुबूत भड़ास4मीडिया के पास हैं. पीड़िता के मेल, बयान और दस्तावेज पर्याप्त होते हैं खबर छापने के लिए. रही बात वर्जन लेने की तो इसकी भी कोशिश की गई. आरोपी अविनाश से बात की गई लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर कोई बात करने से मना कर दिया. स्टार न्यूज के सीईओ के पीए से बात की गई तो उन्होंने भी कुछ कहने से मना कर दिया. पीए से जब अनुरोध किया गया कि वे सीईओ से बात करा दें तो फोन बिना बात कराए डिसकनेक्ट कर दिया गया. इसके अलावा सायमा सहर से संबंधित शुरुआती खबर में ही लिखित रूप से यह अनुरोध स्टार न्यूज से किया गया कि अगर स्टार न्यूज को इस प्रकरण पर कुछ कहना है तो अपना पक्ष वे भड़ास4मीडिया को मेल कर सकते हैं ताकि हम उसे ससम्मान प्रकाशित कर सकें. इसके बावजूद अगर स्टार न्यूज का मन मुकदमा लड़ने का कर रहा है तो उनका स्वागत है.
यशवंत के मुताबिक, नोटिस और मुकदमों के नाम पर स्टार न्यूज न्यू मीडिया के लोगों को डराने की कोशिश कर रहा है. इस देश में सभी को न्याय पाने का हक है. अगर स्टार न्यूज को लगता है कि वे भड़ास4मीडिया से पीड़ित हैं, परेशान हैं, तो उन्हें जरूर कोर्ट जाना चाहिए और न्याय पाने के लिए जो लोकतांत्रिक तरीका है उसे अपनाना चाहिए. पर वे ये न समझें कि उनके दस करोड़ रुपये मांग देने से भड़ास4मीडिया के लोग डर जाएंगे और माफी मांगने लगेंगे. भड़ास4मीडिया का लीगल सेल स्टार न्यूज के नोटिस का अध्ययन कर रहा है और जरूरी समझा गया तो नोटिस का जवाब दिया जाएगा.

1 comment:

  1. हद है। मगर इस प्रकरण से यह तो स्पष्ट हुआ ही है कि ब्लॉग के पोस्ट का असर केवल तब तक नहीं रहता जब तक कि वह एग्रीगेटर के प्लेटफार्म पर दिखता है।

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