यमराज के घर से यमदूत किसी को लेने के लिए आ जाए और डाक्टर उन्हे अपने सर्जरी के कौशल से वापस जाने को मजबूर कर दे, ऎसा कम ही हो पाता है लेकिन सवाई मानसिंह अस्पताल में एक ऎसा ही चमत्कार हुआ है। लोहे के सरिये के ऊपर गिरे एक युवक के गुदा से लेकर फेफडे तक फटे पांच अंगों को सर्जरी के जरिये दुरूस्त कर लिया गया। सर्जरी विभाग के चिकित्सकों के अनुसार यह पहला मामला है जब किसी आघात की वजह से पेट के कई अंग बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने के बाद भी मरीज की जान बचाई जा सकी है।
चीरता चला गया अंगों को
सवाई मानसिंह अस्पताल के सर्जरी विभाग के यूनिट-चार प्रभारी डॉ. केसी गुप्ता ने बताया कि 18 वर्षीय डिग्गी रोड निवासी दीपक 12वीं कक्षा का छात्र है और गुरूवार को पाइप पर किसी वस्तु को बांधने का प्रयास कर रहा था। इसी दौरान उसका संतुलन बिगड गया और वह दीवार में लगे लोहे के एक सरिए के ऊपर जा गिरा।
चीरता चला गया पेट के अंगों को
डॉ. गुप्ता ने बताया कि गुदा के पास से घुसा सरिया पेट के कई अंगों को चीरता चला गया। सरिए के आघात से पहले मलद्वार फटा, फिर आंतों की झिल्ली को चीरता हुआ सरिया अमाशय को दो जगहों से क्षतिग्र्रस्त करते हुए डायफ्रॉम से होता हुआ फेफडों तक पहंुच गया। डॉ. गुप्ता ने बताया कि अगर सरिया थोडा आगे और चला जाता तो दिल को आघात पहुंच सकता था, जिसके कारण दीपक की मौत भी हो सकती थी। सभी अंगों को किया रिपेयरडॉ. गुप्ता ने बताया कि यह मामला अस्पताल में अपनी तरह का पहला मामला है। अमूमन पेट में अगर कोई लोहे की वस्तु आघात करती है, तो पेट के अंदर की परतें या फिर कुछ हçaयां ही क्षतिग्रस्त होती हैं लेकिन इस केस में पेट के पांच अंग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। जिन्हें चार घंटे चले लंबे ऑपरेशन के दौरान दुरूस्त किया गया। ऑपरेशन में डॉ. कुसुम मीणा, डॉ. सुरेंद्र पटेल, डॉ. राजेंद्र सोनी, व डॉ. अनिल यादव ने भी साथ दिया।
ऎसे पहुंचा अस्पताल
लोगों ने अखबारों और टीवी में ऎसे आपरेशनों के बारे में देखा-सुना था। युवक को आस-पास के लोगों ने निकाला और स्थानीय अस्पताल में ले गए। वहां चिकित्सकों ने बिना वक्त गंवाए रक्त का निकलना रोका और सीधे एसएमएस अस्पताल भिजवा दिया। अस्पताल में प्रारंभिक जांच के साथ ही आपरेशन करने का निर्णय किया गया और सर्जरी की पूरी टीम जुट गए
नितिन शर्मा (news with us)
No comments:
Post a Comment